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नोएल टाटा और सिमोन टाटा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

नोएल टाटा और सिमोन टाटा के बीच अंतर

नोएल टाटा vs. सिमोन टाटा

नोएल टाटा एक भारतीय व्यवसायी है, जो ट्रेंट लिमिटेड के अध्यक्ष हैं। नोएल टाटा नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे है। उन्होने पलौंजी मिस्त्री जो टाटा संस (टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी) के सबसे बड़े शेयरधारक है, की बेटी आलू मिस्त्री से शादी की है। वे टाटा समूह के वर्तमान अध्यक्ष रतन टाटा के आधे भाई है। नोएल टाटा ने टाटा इंटरनेशनल में अपना कैरियर शुरू किया जो विदेश में उत्पादों और सेवाओं के लिए टाटा समूह का प्रमुख अंग है। जून १९९९ में, वे समूह की खुदरा इकाई ट्रेंट के प्रबंध निदेशक बने, जो उनकी माँ के द्वारा स्थापित की गई थी। इस समय तक, ट्रेंट ने डिपार्टमेंट स्टोर लिटिलवुडस इंटरनेशनल का अधिग्रहण कर लिया और इसका नाम बदलकर वेस्टसाइड हो गया। टाटा ने वेस्टसाइड को विकसित किया और यह एक लाभदायक उद्यम बन गया। २००३ में, नोएल टाटा टाइटन इंडस्ट्रीज और वोल्टास के निर्देशक के रूप में नियुक्त किया गए। २०१० में, यह घोषणा की गई कि वे टाटा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक के रूप में समूह के ७० अरब डॉलर के विदेशी व्यापार का प्रभार लेंगे जिससे ये अटकलें लगाई जा रही है कि उन्हे रतन टाटा के बाद टाटा समूह के प्रमुख के लिये तैयार किया जा रहा है। . सिमोन टाटा नी डुनोयर, वर्तमान मे ट्रेंट लिमिटेड की अध्यक्षा और एक भारतीय व्यवसायी है। जन्म से फ्रांसीसी और स्विट्जरलैंड में शिक्षित, वह १९५५ में भारत आई और १९६१ में प्रबंध निदेशक के रूप में लक्मे में शामिल हुईं एवं १९८२ में उसकी अध्यक्षा बन गई। टाटा ऑयल मिल्स की एक छोटी सहायक कंपनी, भारत की अग्रणी कॉस्मेटिक कंपनियों में से एक बन गई। लक्मे के अध्यक्ष के रूप में, वह भारतीय मीडिया में "भारत के प्रसाधन सामग्री की जा़रिना" के रूप में जानी जाती थीं। १९८९ में उन्हे टाटा इंडस्ट्रीज के बोर्ड में नियुक्त किया गया। खुदरा क्षेत्र में विकास को देखते हुये, १९९६ में टाटा ने लक्मे को हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड (एचएलएल) को बेच दिया और बिक्री के माध्यम से बनाऐ पैसे से ट्रेंट बनाया गया। लक्मे के सभी शेयरधारकों को ट्रेंट में बराबर का हिस्सा दिया गया। वेस्टसाइड ब्रांड और दुकाने ट्रेंट के अंतर्गत आते है। सिमोन टाटा नवल एच. टाटा की पत्नी थी और टाटा समूह के वर्तमान अध्यक्ष श्री रतन नवल टाटा की सौतेली माँ है। .

नोएल टाटा और सिमोन टाटा के बीच समानता

नोएल टाटा और सिमोन टाटा आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): टाटा समूह, रतन नवल टाटा

टाटा समूह

टाटा समूह एक निजी व्यवसायिक समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष रतन टाटा हैं टाटा समूह के चेयरमेन रतन टाटा ने 28 दिसम्बर 2012 को सायरस मिस्त्री को टाटा समूह का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। रतन टाटा पिछले 50 सालों से टाटा समूह से जुड़े हैं वे 21 सालों तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। रतन टाटा ने जे आर डी टाटा के बाद 1991 में कार्यभार संभाला। टाटा परिवार का एक सदस्य ही हमेशा टाटा समूह का अध्यक्ष रहा है। इसका कार्यक्षेत्र अनेक व्यवसायों व व्यवसाय से सम्बंधित सेवाओं के क्षेत्र में फैला हुआ है - जैसे इंजिनियरंग, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, वाहन, रासायनिक उद्योग, ऊर्जा, साफ्टवेयर, होटल, इस्पात एवं उपभोक्ता सामग्री। टाटा समूह की सफलता को इसके आंकडे बखूबी बयां करते हैं। 2005-06 में इसकी कुल आय $967229 मिलियन थी। ये समस्त भारत कि GDP के 2.8 % के बराबर है। 2004 के आंकड़ों के अनुसार टाटा समूह में करीब 2 लाख 46 हज़ार लोग काम करते हैं। market capitalization का आंकड़ा $57.6 बिलियन को छूता है। टाटा समूह कि कुल 96 कम्पनियां 7 अलग अलग व्यवसायिक क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इन 96 में से केवल 28 publicly listed कम्पनियाँ हैं। टाटा समूह ६ महाद्वीपों के 40 से भी अधिक देशों में सक्रिय है। टाटा समूह दुनिया के 140 से भी अधिक देशों को उत्पाद व सेवाएँ निर्यात करता है। इसके करीब 65.8% भाग पर टाटा के Charitable Trust का मालिकाना हक है। टिस्को (TISCO), जिसे अब टाटा स्टील (Tata steel) के नाम से जाना जाता है, की स्थापना 1907 में भारत के पहले लोहा व इस्पात कारखाने के तौर पर हुई थी। इसकी स्थापना जमशेदपुर में हुई थी जिसे लोग टाटा नगर भी पुकारते हैं। इस्पात (steel) व लोहे का असल उत्पादन 1912 में शुरू हुआ। यह दुनिया में सबसे किफायती दरों पर इस्पात का निर्माण करता है। इसका मुख्य कारण है कि समूह की ही एक अन्य कंपनी इसे कच्चा माल, जैसे कोयला और लोहा आदि, उपलब्ध कराती है। 1910 में टाटा जलविद्युत शक्ति आपूर्ति कम्पनी (Tata Hydro-Electric Power Supply Company) की स्थापना हुई। 1917 में टाटा आयल मिल्स (Tata Oil Mill) की स्थापना के साथ ही समूह ने घरेलू वस्तुयों के क्षेत्र में कदम रखा और साबुन, कपडे धोने के साबुन, डिटर्जेंट्स (detergents), खाना पकाने के तेल आदि का निर्माण शुरू किया। 1932 में टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) की शुरुआत हुई। टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals) का आगमन 1939 में हुआ। टेल्को (TELCO), जिसे अब टाटा मोटर्स (TataMotors) के नाम से जाना जाता है, ने 1945 में रेल इंजनों और अन्य मशीनी उत्पादों का निर्माण शुरू किया। जनवरी 2007 का महीना टाटा समूह के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। टाटा स्टील ने यूनाइटेड किंगडम (UK) में स्थित कोरस समूह (Corus Group) की सफल बोली लगा कर उसे हासिल किया। कोरस समूह दुनिया की सबसे बड़ी लोहा व इस्पात निर्माण कंपनी है। बोली के अप्रत्याशित 9 दौर चले जिसके अंत में टाटा समूह ने कोरस का 100 प्रति शत हिस्सा 608 पाउंड प्रति शेयर (नकद) के हिसाब से कुल 12.

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रतन नवल टाटा

रतन नवल टाटा (28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया। 1971 में रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया, एक कंपनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाय उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए जेआरडी नेल्को के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्यों कि इसने पहले कभी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा, जब रतन ने कार्य भार संभाला, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स नेल्को की बाज़ार में हिस्सेदारी २% थी और घाटा बिक्री का ४०% था। फिर भी, जेआरडी ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया। 1972 से 1975 तक, अंततः नेल्को ने अपनी बाज़ार में हिस्सेदारी २०% तक बढ़ा ली और अपना घाटा भी पूरा कर लिया। लेकिन 1975 में, भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने आपात स्थिति घोषित कर दी, जिसकी वजह से आर्थिक मंदी आ गई। इसके बाद 1977 में यूनियन की समस्यायें हुईं, इसलिए मांग के बढ़ जाने पर भी उत्पादन में सुधार नहीं हो पाया। अंततः, टाटा ने यूनियन की हड़ताल का सामना किया, सात माह के लिए तालाबंदी (lockout) कर दी गई। रतन ने हमेशा नेल्को की मौलिक दृढ़ता में विश्वास रखा, लेकिन उद्यम आगे और न रह सका। 1977 में रतन को Empress Mills सोंपा गया, यह टाटा नियंत्रित कपड़ा मिल थी। जब उन्होंने कम्पनी का कार्य भार संभाला, यह टाटा समुह की बीमार इकाइयों में से एक थी। रतन ने इसे संभाला और यहाँ तक की एक लाभांश की घोषणा कर दी। चूँकि कम श्रम गहन उद्यमों की प्रतियोगिता ने इम्प्रेस जैसी कई उन कंपनियों को अलाभकारी बना दिया, जिनकी श्रमिक संख्या बहुत ज्यादा थी और जिन्होंने आधुनिकीकरण पर बहुत कम खर्च किया था रतन के आग्रह पर, कुछ निवेश किया गया, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। चूंकि मोटे और मध्यम सूती कपड़े के लिए बाजार प्रतिकूल था (जो कि एम्प्रेस का कुल उत्पादन था), एम्प्रेस को भारी नुकसान होने लगा। बॉम्बे हाउस, टाटा मुख्यालय, अन्य ग्रुप कंपनिओं से फंड को हटाकर ऐसे उपक्रम में लगाने का इच्छुक नहीं था, जिसे लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता हो। इसलिए, कुछ टाटा निर्देशकों, मुख्यतः नानी पालखीवाला (Nani Palkhivala) ने ये फैसला लिया कि टाटा को मिल समाप्त कर देनी चाहिए, जिसे अंत में 1986 में बंद कर दिया गया। रतन इस फैसले से बेहद निराश थे और बाद में हिन्दुस्तान टाईम्स के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि एम्प्रेस को मिल जारी रखने के लिए सिर्फ़ ५० लाख रुपये की जरुरत थी। वर्ष 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्री््ज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्यमों के प्रवर्तक थे। 1991 में उन्होंने जेआरडी से ग्रुप चेयर मेन का कार्य भार संभाला.

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नोएल टाटा और सिमोन टाटा के बीच तुलना

नोएल टाटा 6 संबंध है और सिमोन टाटा 6 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 16.67% है = 2 / (6 + 6)।

संदर्भ

यह लेख नोएल टाटा और सिमोन टाटा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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