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निम्नस्खलन और प्लेट विवर्तनिकी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

निम्नस्खलन और प्लेट विवर्तनिकी के बीच अंतर

निम्नस्खलन vs. प्लेट विवर्तनिकी

भूविज्ञान में निम्नस्खलन या सबडक्शन (subduction) उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें दो भौगोलिक तख़्तों की संमिलन सीमा पर एक तख़्ता दूसरे के नीचे फिसलकर दबने लगता है, यानि कि उसका दूसरे तख़्ते के नीचे स्खलन होने लगता है। निम्नस्खलन क्षेत्र (सबडक्शन ज़ोन, subduction zone) पृथ्वी के वे इलाक़े होते हैं जहाँ यह निम्नस्खलन चल रहा हो। अक्सर इन निम्नस्खलन क्षेत्रों में ज्वालामुखी, पर्वतमालाएँ, या (यदि यह समुद्री क्षेत्र में हो) महासागरीय गर्त (खाईयाँ या ट्रेन्च) बन जाते हैं। निम्नस्खलन की प्रक्रिया की गति चंद सेन्टीमीटर प्रति वर्ष ही होती है। एक तख़्ता दूसरे तख़्ते के नीचे दो से आठ सेमी प्रति वर्ष के औसत दर से खिसकता है। भारतीय उपमहाद्वीप में भारतीय प्लेट के यूरेशियाई प्लेट की संमिलन सीमा पर भारतीय प्लेट के निम्नस्खलन से ही हिमालय व तिब्बत के पठार की उच्चभूमि का निर्माण हुआ है। . प्लेट विवर्तनिकी (Plate tectonics) एक वैज्ञानिक सिद्धान्त है जो पृथ्वी के स्थलमण्डल में बड़े पैमाने पर होने वाली गतियों की व्याख्या प्रस्तुत करता है। साथ ही महाद्वीपों, महासागरों और पर्वतों के रूप में धरातलीय उच्चावच के निर्माण तथा भूकम्प और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के भौगोलिक वितरण की व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। यह सिद्धान्त बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में अभिकल्पित महाद्वीपीय विस्थापन नामक संकल्पना से विकसित हुआ जब 1960 के दशक में ऐसे नवीन साक्ष्यों की खोज हुई जिनसे महाद्वीपों के स्थिर होने की बजाय गतिशील होने की अवधारणा को बल मिला। इन साक्ष्यों में सबसे महत्वपूर्ण हैं पुराचुम्बकत्व से सम्बन्धित साक्ष्य जिनसे सागर नितल प्रसरण की पुष्टि हुई। हैरी हेस के द्वारा सागर नितल प्रसरण की खोज से इस सिद्धान्त का प्रतिपादन आरंभ माना जाता है और विल्सन, मॉर्गन, मैकेंज़ी, ओलिवर, पार्कर इत्यादि विद्वानों ने इसके पक्ष में प्रमाण उपलब्ध कराते हुए इसके संवर्धन में योगदान किया। इस सिद्धान्त अनुसार पृथ्वी की ऊपरी लगभग 80 से 100 कि॰मी॰ मोटी परत, जिसे स्थलमण्डल कहा जाता है, और जिसमें भूपर्पटी और भूप्रावार के ऊपरी हिस्से का भाग शामिल हैं, कई टुकड़ों में टूटी हुई है जिन्हें प्लेट कहा जाता है। ये प्लेटें नीचे स्थित एस्थेनोस्फीयर की अर्धपिघलित परत पर तैर रहीं हैं और सामान्यतया लगभग 10-40 मिमी/वर्ष की गति से गतिशील हैं हालाँकि इनमें कुछ की गति 160 मिमी/वर्ष भी है। इन्ही प्लेटों के गतिशील होने से पृथ्वी के वर्तमान धरातलीय स्वरूप की उत्पत्ति और पर्वत निर्माण की व्याख्या प्रस्तुत की जाती है और यह भी देखा गया है कि प्रायः भूकम्प इन प्लेटों की सीमाओं पर ही आते हैं और ज्वालामुखी भी इन्हीं प्लेट सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं। प्लेट विवर्तनिकी में विवर्तनिकी (लातीन:tectonicus) शब्द यूनानी भाषा के τεκτονικός से बना है जिसका अर्थ निर्माण से सम्बंधित है। छोटी प्लेट्स की संख्या में भी कई मतान्तर हैं परन्तु सामान्यतः इनकी संख्या 100 से भी अधिक स्वीकार की जाती है। .

निम्नस्खलन और प्लेट विवर्तनिकी के बीच समानता

निम्नस्खलन और प्लेट विवर्तनिकी आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): यूरेशियाई प्लेट, ज्वालामुखी

यूरेशियाई प्लेट

यूरेशियाई प्लेट, हरे रंग में यूरेशियाई प्लेट एक भौगोलिक प्लेट है जिसपर यूरेशिया (जिसमें यूरोप और एशिया के महाद्वीप आते हैं) का ज़्यादातर भूभाग और उसके इर्द-गिर्द के समुद्र का कुछ क्षेत्र स्थित है। इसके पश्चिम में उत्तर अमेरिकी प्लेट, दक्षिण-पश्चिम में अफ़्रीकी प्लेट, दक्षिण में अरबी प्लेट और हिन्द-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट और पूर्व में फिर उत्तर अमेरिकी प्लेट है। .

निम्नस्खलन और यूरेशियाई प्लेट · प्लेट विवर्तनिकी और यूरेशियाई प्लेट · और देखें »

ज्वालामुखी

तवुर्वुर का एक सक्रिय ज्वालामुखी फटते हुए, राबाउल, पापुआ न्यू गिनिया ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं। वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार स्थलरूप को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है। ज्वालामुखी का सम्बंध प्लेट विवर्तनिकी से है क्योंकि यह पाया गया है कि बहुधा ये प्लेटों की सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं क्योंकि प्लेट सीमाएँ पृथ्वी की ऊपरी परत में विभंग उत्पन्न होने हेतु कमजोर स्थल उपलब्ध करा देती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थलों पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं जिनकी उत्पत्ति मैंटल प्लूम से मानी जाती है और ऐसे स्थलों को हॉटस्पॉट की संज्ञा दी जाती है। भू-आकृति विज्ञान में ज्वालामुखी को आकस्मिक घटना के रूप में देखा जाता है और पृथ्वी की सतह पर परिवर्तन लाने वाले बलों में इसे रचनात्मक बल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इनसे कई स्थलरूपों का निर्माण होता है। वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण भूगोल इनका अध्ययन एक प्राकृतिक आपदा के रूप में करता है क्योंकि इससे पारितंत्र और जान-माल का नुकसान होता है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

निम्नस्खलन और प्लेट विवर्तनिकी के बीच तुलना

निम्नस्खलन 13 संबंध है और प्लेट विवर्तनिकी 39 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 3.85% है = 2 / (13 + 39)।

संदर्भ

यह लेख निम्नस्खलन और प्लेट विवर्तनिकी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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