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निकोलो मैकियावेली और पाश्चात्य दर्शन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

निकोलो मैकियावेली और पाश्चात्य दर्शन के बीच अंतर

निकोलो मैकियावेली vs. पाश्चात्य दर्शन

मैकियावेली की प्रतिकृति निकोलो मैकियावेली (Niccolò di Bernardo dei Machiavelli) (३ मई १४६९ - २१ जून १५२७) इटली का राजनयिक एवं राजनैतिक दार्शनिक, संगीतज्ञ, कवि एवं नाटककार था। पुनर्जागरण काल के इटली का वह एक प्रमुख व्यक्तित्व था। वह फ्लोरेंस रिपब्लिक का कर्मचारी था। मैकियावेली की ख्याति (कुख्याति) उसकी रचना द प्रिंस के कारण है जो कि व्यावहारिक राजनीति का महान ग्रन्थ स्वीकार किया जाता है। मैकियावेली आधुनिक राजनीति विज्ञान के प्रमुख संस्थापकों में से एक माने जाते हैं। वे एक कूटनीतिज्ञ, राजनीतिक दार्शनिक, संगीतज्ञ, कवि और नाटककार थे। सबसे बड़ी बात कि वे फ्लोरिडा गणराज्य के नौकरशाह थे। 1498 में गिरोलामो सावोनारोला के निर्वासन और फांसी के बाद मैकियावेली को फ्लोरिडा चांसलेरी का सचिव चुना गया। लियानार्डो द विंसी की तरह, मैकियावेली पुनर्जागरण के पुरोधा माने जाते हैं। वे अपनी महान राजनीतिक रचना, द प्रिंस (राजनीतिक शास्त्र), द डिसकोर्स और द हिस्ट्री के लिए मशहूर हुए जिनका प्रकाशन उनकी मृत्यु (1532) के बाद हुआ, हालांकि उन्होंने निजी रूप इसे अपने दोस्तों में बांटा। एकमात्र रचना जो उनके जीवनकाल में छपी वो थी द आर्ट ऑफ वार. अध्ययन की दृष्टि से पश्चिमी दर्शन तीन भागों में विभक्त कर सकते हैं- 1.

निकोलो मैकियावेली और पाश्चात्य दर्शन के बीच समानता

निकोलो मैकियावेली और पाश्चात्य दर्शन आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): डेविड ह्यूम, फ्रांसिस बेकन, फ्रेडरिक नीत्शे, बारूथ स्पिनोज़ा

डेविड ह्यूम

डेविड ह्यूम (१७११-१७७६) आधुनिक काल के विश्वविख्यात दार्शनिक थे। वे स्काटलैंड (एडिनबरा) के निवासी थे। आपके मुख्य ग्रंथ हैं - 'मानव प्रज्ञा की एक परीक्षा' (An Enquiry Concerning Human Understanding) और 'नैतिक सिद्धांतों की एक परीक्षा' (An Enquiry Concerning the Principles of Morals) ह्यूम का दर्शन अनुभव की पृष्ठभूमि में परमोत्कृष्ट है। आपके अनुसार यह अनुभव (impression) और एकमात्र अनुभव ही है जो वास्तविक है। अनुभव के अतिरिक्त कोई भी ज्ञान सर्वोपरि नहीं है। बुद्धि से किसी भी ज्ञान का आविर्भाव नहीं होता। बुद्धि के सहारे मनुष्य अनुभव से प्राप्त विषयों का मिश्रण (संश्लेषण) एवं विच्छेदन (विश्लेषण) करता है। इस बुद्धि से नए ज्ञान की वृद्धि नहीं होती। .

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फ्रांसिस बेकन

फ्रांसिस बेकन (1561-1626) अंग्रेज राजनीतिज्ञ, दार्शनिक और लेखक था। रानी एलिज़बेथ के राज्य में उसके परिवार का बड़ा प्रभाव था। कैंब्रिज और ग्रेज़ इन में शिक्षा प्राप्त की। 1577 में वह फ्रांस स्थित अंग्रेजी दूतावास में नियुक्त हुआ, किंतु पिता सर निकोलस बेकन की मृत्यु के पश्चात् 1579 में वापस लौट आया। उसने वकालत का पेशा अपनाने के लिए कानून का अध्ययन किया। प्रारंभ से ही उसकी रुचि सक्रिय राजनीतिक जीवन में थी। 1584 में वह ब्रिटिश लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हुआ। संसद की, जिसमें वह 1614 तक रहा, कार्यप्रणाली में उसका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। समय समय पर वह महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रश्नों पर एलिज़बेथ को निष्पक्ष सम्मतियाँ देता रहा। कहते हैं, अगर उसकी सम्मतियाँ उस समय मान ली गई होतीं तो बाद में शाही और संसदीय अधिकारों के बीच होनेवाले विवाद उठे ही न होते। सब कुछ होते हुए भी उसकी योग्यता का ठीक ठीक मूल्यांकन नहीं हुआ। लार्ड बर्ले ने उसे अपने पुत्र के मार्ग में बाधक मानकर सदा उसका विरोध किया। रानी एलिज़ाबेथ ने भी उसका समर्थन नहीं किया क्योंकि उसने शाही आवश्यकता के लिए संसदीय धनानुदान का विरोध किया था। 1592 के लगभग वह अपने भाई एंथोनी के साथ अर्ल ऑव एसेक्स का राजनीतिक सलाहकार नियुक्त हुआ। किंतु 1601 में, जब एसेक्स ने लंदन की जनता को विद्रोह के लिए भड़काया तो बेकन ने रानी के वकील की हैसियत से एसेक्स को राजद्रोह के अपराध में दंड दिलाया। .

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फ्रेडरिक नीत्शे

फ्रेडरिक नीत्शे फ्रेडरिक नीत्शे (Friedrich Nietzsche) (15, अक्टू, 1844 से 25, अगस्त 1900) जर्मनी का दार्शनिक था। मनोविश्लेषणवाद, अस्तित्ववाद एवं परिघटनामूलक चिंतन (Phenomenalism) के विकास में नीत्शे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। व्यक्तिवादी तथा राज्यवादी दोनों प्रकार के विचारकों ने उससे प्रेरणा ली है। हालाँकि नाज़ी तथा फासिस्ट राजनीतिज्ञों ने उसकी रचनाओं का दुरुपयोग भी किया। जर्मन कला तथा साहित्य पर नीत्शे का गहरा प्रभाव है। भारत में भी इक़बाल आदि कवियों की रचनाएँ नीत्शेवाद से प्रभावित हैं। .

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बारूथ स्पिनोज़ा

बारूथ डी स्पिनोज़ा (Baruch De Spinoza) (२४ नवम्बर १६३२ - २१ फ़रवरी १६७७) यहूदी मूल के डच दार्शनिक थे। उनका परिवर्तित नाम 'बेनेडिक्ट डी स्पिनोजा' (Benedict de Spinoza) था। उन्होने उल्लेखनीय वैज्ञानिक अभिक्षमता (aptitude) का परिचय दिया किन्तु उनके कार्यों का महत्व उनके मृत्यु के उपरान्त ही सम्झा जा सका। .

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निकोलो मैकियावेली और पाश्चात्य दर्शन के बीच तुलना

निकोलो मैकियावेली 25 संबंध है और पाश्चात्य दर्शन 31 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 7.14% है = 4 / (25 + 31)।

संदर्भ

यह लेख निकोलो मैकियावेली और पाश्चात्य दर्शन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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