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नारलाई

सूची नारलाई

नारलाई भारतीय राज्य राजस्थान के पाली ज़िले की देसुरी तहसील का एक गाँव है। यह रणकपपुर से ३६ किमी दूरी पर स्थित है। यहाँ पर विभिन्न हिन्दू और जैन मन्दिर हैं। यहाँ के आदिनाथ (जैन) और भगवान शिव के मन्दिर महत्वपूर्ण रूप से प्रसिद्ध मन्दिर हैं। इन मंदिरों की छत को भित्ति चित्रों के साथ सजाया गया है। .

19 संबंधों: डाक सूचक संख्या, तहसील, देसूरी, नारी, पाली लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, पाली जिला, पुरुष, बाली विधानसभा क्षेत्र (राजस्थान), भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत के ज़िले, भारतीय मानक समय, मारवाड़ी भाषा, राजस्थान, लिंगानुपात, लोक सभा, हिन्दू, हिन्दी, जैन धर्म, विधान सभा

डाक सूचक संख्या

डाक सूचक संख्या या पोस्टल इंडेक्स नंबर (लघुरूप: पिन नंबर) एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से किसी स्थान विशेष को एक विशिष्ट सांख्यिक पहचान प्रदान की जाती है। भारत में पिन कोड में ६ अंकों की संख्या होती है और इन्हें भारतीय डाक विभाग द्वारा छांटा जाता है। पिन प्रणाली को १५ अगस्त १९७२ को आरंभ किया गया था। .

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तहसील

तहसील भारत की एक प्रशासनिक ईकाई है। एक राज्य कई जिलों से मिलकर बना होता है। एक जिले के अन्दर कई तालुक या तहसील या प्रखण्ड होते हैं।तहसील का प्रभाई अधिकारी तहसीलदार होता है। श्रेणी:प्रशासनिक विभाग श्रेणी:प्रशासन राजस्थान के करौली जिले मे ब्लॉक वाइज तहसील निम्न प्रकार है.

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देसूरी

देसूरी राजस्थान के पाली जिले का एक गाँव एवं तहसील मुख्यालय है। यह अरावली पर्वत-श्रेणी के निकट स्थित है। इस तहसील में रणकपुर, परशुराम महादेव मन्दिर, एवं अन्य दर्शनीय पर्यटकस्थल हैं। .

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नारी

नारी मानव की स्त्री को कहते हैं, जो नर का स्त्रीलिंग है। नारी शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई संदर्भो में मगर यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार। .

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पाली लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

पाली लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के राजस्थान राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। वर्तमान में बीजेपी के प्रेम प्रकाश चौधरी यहाँ से संसद सदस्य है। चौधरी से पूर्व कांग्रेस के बद्रीराम जाखड़ एवं बीजेपी के पुष्प जैन पाली का प्रतिनिधित्व कर चुके है। श्रेणी:राजस्थान के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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पाली जिला

पाली जिला भारत के राजस्थान प्रान्त का एक जिला है जिसकी पूर्वी सीमाएं अरावली पर्वत श्रृंखला से जुड़ी हैं। इसी सीमाएं उत्तर में नागौर और पश्चिम में जालौर से मिलती हैं। पाली शहर पालीवाल ब्राह्मणों का निवास स्थान था जब मुगलों ने कत्लेआम मचा दिया तो उन्हें यह शहर छोड़ कर जाना पड़ा। वीर योद्धा महाराणा प्रताप का जन्म भी यहीं पर अपने ननिहाल में हुआ था। यह नगर तीन बार उजड़ा और बसा। यहां के प्रसिद्ध जैन मंदिर भक्तों के साथ-साथ इतिहासवेत्ताओं को भी आकर्षित करते हैं। ये राजपूत वर्चस्व वाला जिला है यहाँ सभी सामान्य सीटो के 5 प्रधान राजपूत है और 85 सरपंच राजपूत है साथ ही एक मंत्री भी इसी समाज से है यहाँ मात्र 6% राजपूत हैं .

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पुरुष

पुरुष शब्द का प्रयोग वैदिक साहित्य में कई जगह मिलता है। जीवात्मा (आत्मा) को कपिल मुनि कृत सांख्य शास्त्र में पुरुष कहा गया है - ध्यान दीजिये इसमें यह लिंग द्योतक न होकर आत्मा द्योतक है। वेदों में नर के लिए पुम् (पुंस, और पुमान) मूलों का इस्तेमाल मिलता है। इसके अलावे बृहदारण्यक उपनिषत में ईश्वर के लिए पुरुष शब्द का इस्तेमाल मिलता है। .

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बाली विधानसभा क्षेत्र (राजस्थान)

बाली विधानसभा क्षेत्र भारत के पश्चिमी भाग में स्थित राज्य राजस्थान के पाली जिले में ६ निर्वाचन क्षेत्रों में से एक राजस्थान विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र है। बाली विधानसभा क्षेत्र पाली लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। .

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भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

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भारत के ज़िले

तालुकों में बंटे हैं ज़िला भारतीय राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश का प्रशासनिक हिस्सा होता है। जिले फिर उप-भागों में या सीधे तालुकों में बंटे होते हैं। जिले के अधिकारियों की गिनती में निम्न आते हैं.

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भारतीय मानक समय

मिर्ज़ापुर और 82.5° पू के स्थान, जो भारतीय मानक समय के संदर्भ लम्बाई के लिए व्यवहार होता है भारतीय मानक समय (संक्षेप में आइएसटी) (अंग्रेज़ी: Indian Standard Time इंडियन् स्टैंडर्ड् टाइम्, IST) भारत का समय मंडल है, एक यूटीसी+5:30 समय ऑफ़सेट के साथ में। भारत में दिवालोक बचत समय (डीएसटी) या अन्य कोइ मौसमी समायोग नहीं है, यद्यपि डीएसटी 1962 भारत-चीन युद्ध, 1965 भारत-पाक युद्ध और 1971 भारत-पाक युद्ध में व्यवहार था। सामरिक और विमानन समय में, आइएसटी का E* ("गूंज-सितारा") के साथ में नामित होता है। --> .

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मारवाड़ी भाषा

राजस्थान में मारवाड़ी बोलने वाले इलाक़े मारवाड़ी राजस्थान में बोली जाने वाली एक क्षेत्रीय भाषा है। यह राजस्थान की एक मुख्य भाषाओं में से एक है। मारवाड़ी गुजरात, हरियाणा और पूर्वी पाकिस्तान में भी बोली जाती है। इसकी मुख्य लिपि देवनागरी है। इसकी कई उप-बोलियाँ भी है। मारवाड़ी की ख़ुद की लिपि जिसे मोड़िया लिपि भी हैं। परन्तु इस लिपि के विकास में राजपुताने राजरस्थान के राजा-महाराजा (वर्तमान में राजस्थान राज्य) व राजस्थान सरकार ने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। पिछले ४०-५० सालों से इस भाषा के विकास पर बातें तो बहुत होती रही है पर कार्य के मामले में कोई विशेष प्रगति नहीं दिखी। इन दिनों सन् 2011 से कोलकाता के श्री शम्भु चौधरी इस दिशा में काफी कार्य किया है। राजस्थानी भाषा कि लिपि के संदर्भ में यह गलत प्रचार किया जाता रहा कि इसकी लिपि देवनागरी है जबकि राजस्थान के पुराने दस्तावेजों से पता चलता है कि इसकी लिपि मोड़िया है। उस लिपि को महाजनी भी कहा जाता है। हांलाकि मोड़िया लिपि को भी महाजनी लिपि कहा जाता हैं। कुछ लोग मोड़ी लिपि को ही मोड़िया लिपि मानते रहे। जब इसके विस्तार में देखा गया तो दोनों लिपि में काफी अन्तर है। .

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राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

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लिंगानुपात

लिंगानुपात या लिंग का अनुपात से तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में पुरुष एवं स्त्री की संख्या के अनुपात को कहते हैं। प्राय: किसी भौगोलिक क्षेत्र में प्रति हजार पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों की संख्या को इसका मानक माना जाता है। श्रेणी:मानव विज्ञान श्रेणी:तकनीकी शब्दावली.

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लोक सभा

लोक सभा, भारतीय संसद का निचला सदन है। भारतीय संसद का ऊपरी सदन राज्य सभा है। लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर लोगों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों से गठित होती है। भारतीय संविधान के अनुसार सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 तक हो सकती है, जिसमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सदस्य तक केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। सदन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने की स्थिति में भारत का राष्ट्रपति यदि चाहे तो आंग्ल-भारतीय समुदाय के दो प्रतिनिधियों को लोकसभा के लिए मनोनीत कर सकता है। लोकसभा की कार्यावधि 5 वर्ष है परंतु इसे समय से पूर्व भंग किया जा सकता है .

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हिन्दू

शब्द हिन्दू किसी भी ऐसे व्यक्ति का उल्लेख करता है जो खुद को सांस्कृतिक रूप से, मानव-जाति के अनुसार या नृवंशतया (एक विशिष्ट संस्कृति का अनुकरण करने वाले एक ही प्रजाति के लोग), या धार्मिक रूप से हिन्दू धर्म से जुड़ा हुआ मानते हैं।Jeffery D. Long (2007), A Vision for Hinduism, IB Tauris,, pages 35-37 यह शब्द ऐतिहासिक रूप से दक्षिण एशिया में स्वदेशी या स्थानीय लोगों के लिए एक भौगोलिक, सांस्कृतिक, और बाद में धार्मिक पहचानकर्ता के रूप में प्रयुक्त किया गया है। हिन्दू शब्द का ऐतिहासिक अर्थ समय के साथ विकसित हुआ है। प्रथम सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व में सिंधु की भूमि के लिए फारसी और ग्रीक संदर्भों के साथ, मध्ययुगीन युग के ग्रंथों के माध्यम से, हिंदू शब्द सिंधु (इंडस) नदी के चारों ओर या उसके पार भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले लोगों के लिए भौगोलिक रूप में, मानव-जाति के अनुसार (नृवंशतया), या सांस्कृतिक पहचानकर्ता के रूप में प्रयुक्त होने लगा था।John Stratton Hawley and Vasudha Narayanan (2006), The Life of Hinduism, University of California Press,, pages 10-11 16 वीं शताब्दी तक, इस शब्द ने उपमहाद्वीप के उन निवासियों का उल्लेख करना शुरू कर दिया, जो कि तुर्किक या मुस्लिम नहीं थे। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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जैन धर्म

जैन ध्वज जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। 'जैन धर्म' का अर्थ है - 'जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म'। जो 'जिन' के अनुयायी हों उन्हें 'जैन' कहते हैं। 'जिन' शब्द बना है 'जि' धातु से। 'जि' माने - जीतना। 'जिन' माने जीतने वाला। जिन्होंने अपने मन को जीत लिया, अपनी वाणी को जीत लिया और अपनी काया को जीत लिया और विशिष्ट ज्ञान को पाकर सर्वज्ञ या पूर्णज्ञान प्राप्त किया उन आप्त पुरुष को जिनेश्वर या 'जिन' कहा जाता है'। जैन धर्म अर्थात 'जिन' भगवान्‌ का धर्म। अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धान्त है। जैन दर्शन में सृष्टिकर्ता कण कण स्वतंत्र है इस सॄष्टि का या किसी जीव का कोई कर्ता धर्ता नही है।सभी जीव अपने अपने कर्मों का फल भोगते है।जैन धर्म के ईश्वर कर्ता नही भोगता नही वो तो जो है सो है।जैन धर्म मे ईश्वरसृष्टिकर्ता इश्वर को स्थान नहीं दिया गया है। जैन ग्रंथों के अनुसार इस काल के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव आदिनाथ द्वारा जैन धर्म का प्रादुर्भाव हुआ था। जैन धर्म की अत्यंत प्राचीनता करने वाले अनेक उल्लेख अ-जैन साहित्य और विशेषकर वैदिक साहित्य में प्रचुर मात्रा में हैं। .

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विधान सभा

विधान सभा या वैधानिक सभा जिसे भारत के विभिन्न राज्यों में निचला सदन(द्विसदनीय राज्यों में) या सोल हाउस (एक सदनीय राज्यों में) भी कहा जाता है। दिल्ली व पुडुचेरी नामक दो केंद्र शासित राज्यों में भी इसी नाम का प्रयोग निचले सदन के लिए किया जाता है। 7 द्विसदनीय राज्यों में ऊपरी सदन को विधान परिषद कहा जाता है। विधान सभा के सदस्य राज्यों के लोगों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि होते हैं क्योंकि उन्हें किसी एक राज्य के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों द्वारा सीधे तौर पर चुना जाता है। इसके अधिकतम आकार को भारत के संविधान के द्वारा निर्धारित किया गया है जिसमें 500 से अधिक व् 60 से कम सदस्य नहीं हो सकते। हालाँकि विधान सभा का आकार 60 सदस्यों से कम हो सकता है संसद के एक अधिनियम के द्वारा: जैसे गोवा, सिक्किम, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी। कुछ राज्यों में राज्यपाल 1 सदस्य को अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त कर सकता है, उदा० ऐंग्लो इंडियन समुदाय अगर उसे लगता है कि सदन में अल्पसंख्यकों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। राज्यपाल के द्वारा चुने गए या नियुक्त को विधान सभा सदस्य या MLA कहा जाता है। प्रत्येक विधान सभा का कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है जिसके बाद पुनः चुनाव होता है। आपातकाल के दौरान, इसके सत्र को बढ़ाया जा सकता है या इसे भंग किया जा सकता है। विधान सभा का एक सत्र वैसे तो पाँच वर्षों का होता है पर लेकिन मुख्यमंत्री के अनुरोध पर राज्यपाल द्वारा इसे पाँच साल से पहले भी भंग किया जा सकता है। विधानसभा का सत्र आपातकाल के दौरान बढ़ाया जा सकता है लेकिन एक समय में केवल छः महीनों के लिए। विधान सभा को बहुमत प्राप्त या गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने पर भी भंग किया जा सकता है। .

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