लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

नाट्य शास्त्र और नाट्यकल्पद्रुमम्

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

नाट्य शास्त्र और नाट्यकल्पद्रुमम् के बीच अंतर

नाट्य शास्त्र vs. नाट्यकल्पद्रुमम्

250px नाटकों के संबंध में शास्त्रीय जानकारी को नाट्य शास्त्र कहते हैं। इस जानकारी का सबसे पुराना ग्रंथ भी नाट्यशास्त्र के नाम से जाना जाता है जिसके रचयिता भरत मुनि थे। भरत मुनि का काल ४०० ई के निकट माना जाता है। संगीत, नाटक और अभिनय के संपूर्ण ग्रंथ के रूप में भारतमुनि के नाट्य शास्त्र का आज भी बहुत सम्मान है। उनका मानना है कि नाट्य शास्त्र में केवल नाट्य रचना के नियमों का आकलन नहीं होता बल्कि अभिनेता रंगमंच और प्रेक्षक इन तीनों तत्वों की पूर्ति के साधनों का विवेचन होता है। 37 अध्यायों में भरतमुनि ने रंगमंच अभिनेता अभिनय नृत्यगीतवाद्य, दर्शक, दशरूपक और रस निष्पत्ति से संबंधित सभी तथ्यों का विवेचन किया है। भरत के नाट्य शास्त्र के अध्ययन से यह स्पष्ट हो जाता है कि नाटक की सफलता केवल लेखक की प्रतिभा पर आधारित नहीं होती बल्कि विभिन्न कलाओं और कलाकारों के सम्यक के सहयोग से ही होती है। . नाट्यकल्पद्रुमम् नाट्याचार्य विदूषकाचार्य पद्मश्री गुरू माणि माधव चाकयार द्वारा रचित एक संस्कृत ग्रन्थ है। इसमें केरल के प्राचीन संस्कृत नाटक केरल कुटियट्टम के सभी पक्षों का विवेचन है। सम्पूर्ण ग्रंथ प्राचीन संस्कृत गद्य में नाट्यशास्त्र का अनुसरण करते हुए लिखी गयी है। इसपर केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था। .

नाट्य शास्त्र और नाट्यकल्पद्रुमम् के बीच समानता

नाट्य शास्त्र और नाट्यकल्पद्रुमम् आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

नाट्य शास्त्र और नाट्यकल्पद्रुमम् के बीच तुलना

नाट्य शास्त्र 26 संबंध है और नाट्यकल्पद्रुमम् 5 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (26 + 5)।

संदर्भ

यह लेख नाट्य शास्त्र और नाट्यकल्पद्रुमम् के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »