नागपुरी भाषा और भारत की भाषाएँ
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नागपुरी भाषा और भारत की भाषाएँ के बीच अंतर
नागपुरी भाषा vs. भारत की भाषाएँ
नागपुरी या सादरी झारखंड व कुछ अन्य राज्यों में बोली जाने वाली एक हिन्द-आर्य भाषा है। इसे सदानी समुदाय बोलता है, जिस कारणवश इसे सदानी भाषा भी कहते हैं। ये सदानी बोलने वाले ही सदान कहलाते हैं। सदानों की मूल जाति है नाग जाति। नागजाति या नागवंश के शासन स्थापित होने पर (64 ई.) इसकी राजभाषा नागपुरी, छोटानागपुर (झारखंड) में सर्वमान्य हुई। नागपुरी के राजभाषा होने पर झारखंड में बसने वाली नागजाति (सदान) के अतिरिक्त मुण्डा, खड़िया, उराँव आदि की यह सम्पर्क भाषा अर्थात सर्वसाधारण की बोली हो गई है। नागपुरी के पूर्व नाम, सदानी, सदरी या सादरी, गँवारी भी प्रचलित रहे हैं। अब यह नागपुरी नाम पर विराम पा गई है। फादर पीटर शांति नवरंगी ने इसके उद्भव एवं विकास पर प्रकाश डालते हुए प्रश्न उठाया कि नागपुरी छोटानागपुर की आर्य भिन्न बोलियों के मध्य में कैसे पड़ी? कहाँ से आई? कब आई?3 नागपुरी के प्रथम वैयाकरण रेव. भारत बहुत सारी भाषाओं का देश है, लेकिन सरकारी कामकाज में व्यवहार में लायी जाने वाली दो भाषायें हैं, हिन्दी और अंग्रेज़ी। वृहद भारत के भाषा परिवार .
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संदर्भ
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