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नाकाबन्दी और महाद्वीपीय व्यवस्था

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

नाकाबन्दी और महाद्वीपीय व्यवस्था के बीच अंतर

नाकाबन्दी vs. महाद्वीपीय व्यवस्था

नाकाबन्दी का अर्थ है किसी भूभाग से आपूर्ति, युद्ध सामग्री या संचार व्यवस्था को काट देने का प्रयास। यह कार्य पूर्णतः बल द्वारा या अंशतः बल द्वारा किया जाता किया जाता है। ध्यान रहे कि नाकाबन्दी तथा इम्बार्गो (सैंक्शन) में बहुत अन्तर है क्योंकि ये व्यापार में रुकावट डालते हैम किन्तु कानूनी तरीके से, बल द्वारा नहीं। नाकाबन्दी, घेराबंदी (siege) से भी अलग है क्योंकि घेराबन्दी में घेरा गया क्षेत्र बहुत छोटा होता है (जैसे एक दुर्ग)। ऐतिहासिक रूप से अधिकांश नाकेबन्दियाँ समुद्र में हुईं किन्तु थल पर भी नाकेबन्दी की जाती है। . महाद्वीपीय व्यवस्था (Continental System) या महाद्वीपीय नाकाबन्दी (Continental Blockade) नेपोलियन युद्धों के समय ग्रेट ब्रिटेन विरुद्ध संघर्ष में नेपोलियन प्रथम की विदेश नीति थी। ब्रिटेन की सरकार ने १६ मई १८०६ को फ्रेंच कोस्ट की नाकेबन्दी की थी। उसी के जवाब में नेपोलियन ने २१ नवम्बर १८०६ को 'बर्लिन डिक्री' का ऐलान किया जिसके द्वारा ब्रिटेन के विरुद्ध बड़े पैमाने पर व्यापार-प्रतिबन्ध (embargo) लगा दिये गये। यह प्रतिबन्ध लगभग आधे समय ही प्रभावी था। इसका अन्त ११ अप्रैल १८१४ को हुआ जब नेपोलियन ने पहली बार पदत्याग किया। इस प्रतिबन्ध से ब्रिटेन को कोई खास आर्थिक क्षति नहीं हुई। जब नेपोलियन को पता चला कि अधिकांश व्यापार स्पेन और रूस के रास्ते हो रहा है, तो उसने उन दोनों देशों पर आक्रमण कर दिया। .

नाकाबन्दी और महाद्वीपीय व्यवस्था के बीच समानता

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संदर्भ

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