लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

नंददास और सोरों

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

नंददास और सोरों के बीच अंतर

नंददास vs. सोरों

भक्तिकाल में पुष्टिमार्गीय अष्टछाप के कवि नंददास जी का जन्म जनपद- कासगंज के सोरों शूकरक्षेत्र अन्तर्वेदी रामपुर (वर्त्तमान- श्यामपुर) गाँव निवासी भरद्वाज गोत्रीय सनाढ्य ब्राह्मण पं० सच्चिदानंद शुक्ल के पुत्र पं० जीवाराम शुक्ल की पत्नी चंपा के गर्भ से सम्वत्- 1572 विक्रमी में हुआ था। पं० सच्चिदानंद के दो पुत्र थे, पं० आत्माराम शुक्ल और पं० जीवाराम शुक्ल। पं० आत्माराम शुक्ल एवं हुलसी के पुत्र का नाम महाकवि गोस्वामी तुलसीदास था, जिन्होंने श्रीरामचरितमानस महाग्रंथ की रचना की थी। नंददास जी के छोटे भाई का नाम चँदहास था। नंददास जी, तुलसीदास जी के सगे चचेरे भाई थे। नंददास जी के पुत्र का नाम कृष्णदास था। नंददास ने कई रचनाएँ- रसमंजरी, अनेकार्थमंजरी, भागवत्-दशम स्कंध, श्याम सगाई, गोवर्द्धन लीला, सुदामा चरित, विरहमंजरी, रूप मंजरी, रुक्मिणी मंगल, रासपंचाध्यायी, भँवर गीत, सिद्धांत पंचाध्यायी, नंददास पदावली हैं।. सोरों सूकरक्षेत्र भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में कासगंज जनपद का एक नगर है। यहाँ प्रत्येक अमावस्या, सोमवती अमावस्या, पूर्णिमा, रामनवमी, मोक्षदा एकादशी आदि अवसरों पर तीर्थयात्रियों का बड़ी संख्या में आवागमन होता है और गंगा में स्नान कर पुण्य प्राप्त करते हैं। यहाँ अस्थि विसर्जन का विशेष महत्त्व है। यहाँ स्थित कुण्ड में विसर्जित की गईं अस्थियाँ तीन दिन के अन्त में रेणुरूप धारण कर लेती हैं। यह महाकवि गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि है। सोरों सूकरक्षेत्र के तीर्थपुरोहित जगत् विख्यात हैं। इनके पास प्रत्येक परिवार के पूर्वजों का इतिहास हैं। .

नंददास और सोरों के बीच समानता

नंददास और सोरों आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): नंददास, सोरों, कासगंज

नंददास

भक्तिकाल में पुष्टिमार्गीय अष्टछाप के कवि नंददास जी का जन्म जनपद- कासगंज के सोरों शूकरक्षेत्र अन्तर्वेदी रामपुर (वर्त्तमान- श्यामपुर) गाँव निवासी भरद्वाज गोत्रीय सनाढ्य ब्राह्मण पं० सच्चिदानंद शुक्ल के पुत्र पं० जीवाराम शुक्ल की पत्नी चंपा के गर्भ से सम्वत्- 1572 विक्रमी में हुआ था। पं० सच्चिदानंद के दो पुत्र थे, पं० आत्माराम शुक्ल और पं० जीवाराम शुक्ल। पं० आत्माराम शुक्ल एवं हुलसी के पुत्र का नाम महाकवि गोस्वामी तुलसीदास था, जिन्होंने श्रीरामचरितमानस महाग्रंथ की रचना की थी। नंददास जी के छोटे भाई का नाम चँदहास था। नंददास जी, तुलसीदास जी के सगे चचेरे भाई थे। नंददास जी के पुत्र का नाम कृष्णदास था। नंददास ने कई रचनाएँ- रसमंजरी, अनेकार्थमंजरी, भागवत्-दशम स्कंध, श्याम सगाई, गोवर्द्धन लीला, सुदामा चरित, विरहमंजरी, रूप मंजरी, रुक्मिणी मंगल, रासपंचाध्यायी, भँवर गीत, सिद्धांत पंचाध्यायी, नंददास पदावली हैं।.

नंददास और नंददास · नंददास और सोरों · और देखें »

सोरों

सोरों सूकरक्षेत्र भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में कासगंज जनपद का एक नगर है। यहाँ प्रत्येक अमावस्या, सोमवती अमावस्या, पूर्णिमा, रामनवमी, मोक्षदा एकादशी आदि अवसरों पर तीर्थयात्रियों का बड़ी संख्या में आवागमन होता है और गंगा में स्नान कर पुण्य प्राप्त करते हैं। यहाँ अस्थि विसर्जन का विशेष महत्त्व है। यहाँ स्थित कुण्ड में विसर्जित की गईं अस्थियाँ तीन दिन के अन्त में रेणुरूप धारण कर लेती हैं। यह महाकवि गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि है। सोरों सूकरक्षेत्र के तीर्थपुरोहित जगत् विख्यात हैं। इनके पास प्रत्येक परिवार के पूर्वजों का इतिहास हैं। .

नंददास और सोरों · सोरों और सोरों · और देखें »

कासगंज

कासगंज या कासगंज, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, एटा से लगभग ३२ किलोमीटर उत्तर, काली नदी के किनारे स्थित एक क़स्बा है। यह कासगंज ज़िले का मुख्यालय भी है, जिसे २००६ में अलीगढ़ ज़िले से विभक्त कर बनाया गया था, जो अलीगढ़ मंडल में आता है। भारत सरकार की २०११ की जनगणना के अनुसार, कासगंज की कुल आबादी १ लाख से अधिक है, और इसका नगरीय विस्तार लगभग २,२०० वर्ग किलोमीटर पर फ़ैला हुआ है। कासगंज की सबसे विशिष्ट भौगोलिक आकृति है काली नदी जो शहर के दक्षिण से गुज़रती है, तथा, निचली गंगा नहर क़स्बे के पश्चिम से गुज़रती है। .

कासगंज और नंददास · कासगंज और सोरों · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

नंददास और सोरों के बीच तुलना

नंददास 3 संबंध है और सोरों 7 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 30.00% है = 3 / (3 + 7)।

संदर्भ

यह लेख नंददास और सोरों के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »