सामग्री की तालिका
टोंक जिला
टोंक भारतीय राज्य राजस्थान का एक जिला है। जिले का मुख्यालय टोंक है। टोंक जिले के आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं- 1.
देखें देवधाम जोधपुरिया और टोंक जिला
राजस्थान
राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .
देखें देवधाम जोधपुरिया और राजस्थान
श्रीदेवनारायण
श्रीदेवनारायण, राजस्थान के गुर्जर योद्धा थे जिन्होने गुर्जर समाज की स्थापना की। वे भगवान विष्णु के अवतार हैं। इनकी पूजा मुख्यत: राजस्थान, हरियाणा तथा मध्यप्रदेश में होती है। इनका भव्य मंदिर आसीन्द में है। .
देखें देवधाम जोधपुरिया और श्रीदेवनारायण
यह भी देखें
टोंक ज़िले के गाँव
- कचोलिया
- झिलाय
- देवधाम जोधपुरिया
- बीसलपुर गाँव, खैरागढ़ (आगरा)
- मनोहरपुरा
राजस्थान में हिन्दू मन्दिर
- अम्बिका माता मन्दिर, उदयपुर
- एकलिंगजी
- करणी माता मन्दिर, बीकानेर
- कालिका माता मन्दिर, चित्तौड़गढ़ दुर्ग
- किराड़ू का मंदिर
- खाटूश्यामजी
- खुडाला मन्दिर, पाली
- गलताजी
- गोगामेड़ी
- गोविंद देवजी का मंदिर
- चारभुजा मन्दिर, राजसमंद
- जगत शिरोमणी मन्दिर, आमेर
- जीण माता
- ढब्बावाली माता मंदिर, खासरवी
- तनोट माता
- दधिमती माता मन्दिर, नागौर
- देवधाम जोधपुरिया
- नंदनी माता
- नक्कश की देवी - गोमती धाम
- नाथद्वारा
- पराहेड़ा शिव मंदिर
- पूनरासर बालाजी
- बाड़ौली मंदिर
- बिड़ला मन्दिर, जयपुर
- ब्रह्मा मन्दिर, पुष्कर
- मेंहदीपुर बालाजी
- शिला माता मन्दिर
- श्री रघुनाथ जी मन्दिर
- सच्चियाय माता मन्दिर
- सालासर बालाजी
- सुंधा माता मंदिर
- हर्षनाथ मंदिर