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दहन ऊष्मा

सूची दहन ऊष्मा

किसी तत्त्व या यौगिक की १ ग्राम-अणु मात्रा को ऑक्सीजन में स्थिर आयतन पर पूर्णतया जलाने से जितनी उष्मा निकलती है, उसे उस तत्व या यौगिक की दहन-उष्मा (Heat of combustion) कहते हैं। दहन ऊष्मा का मान निम्नलिखित इकाइयों में व्यक्त किया जा सकता है-.

23 संबंधों: ऊष्मा, एसीटोन, तत्त्व, दहन, नोनेन, प्रोपेन, ब्यूटेन, मानक संभवन पूर्णोष्मा, मिथेन, मेथेनॉल, रासायनिक यौगिक, रेडॉक्स, हाइड्रोजन, हेप्टेन, गंधक, ग्रेफाइट, ऑक्टेन, ऑक्सीजन, इथेन, इथेनॉल, कार्बन, कार्बन मोनोआक्साइड, अमोनिया

ऊष्मा

इस उपशाखा में ऊष्मा ताप और उनके प्रभाव का वर्णन किया जाता है। प्राय: सभी द्रव्यों का आयतन तापवृद्धि से बढ़ जाता है। इसी गुण का उपयोग करते हुए तापमापी बनाए जाते हैं। ऊष्मा या ऊष्मीय ऊर्जा ऊर्जा का एक रूप है जो ताप के कारण होता है। ऊर्जा के अन्य रूपों की तरह ऊष्मा का भी प्रवाह होता है। किसी पदार्थ के गर्म या ठंढे होने के कारण उसमें जो ऊर्जा होती है उसे उसकी ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं। अन्य ऊर्जा की तरह इसका मात्रक भी जूल (Joule) होता है पर इसे कैलोरी (Calorie) में भी व्यक्त करते हैं। .

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एसीटोन

ऐसीटोन (Acetone) एक रंगहीन, अभिलाक्षणिक गंधवाला, ज्वलनशील द्रव है जो पानी, ईथर और ऐलकोहल में मिश्रय है। यह काष्ठ के भंजक आसवन (destructive distillation) से प्राप्त पाइरोलिग्नियस अम्ल का घटक है। इसका मुख्य उपयोग विलायक के रूप में होता है। यह फिल्मों, शक्तिशाली विस्फोटकों, आसंजकों, काँच के समान एक प्लास्टिक (पर्स्पेक्स) और ओषधियों के निर्माण में काम आता है। अति शुद्ध ऐसीटोन का उपयोग इलेक्ट्रानिकी उद्योग में विभिन्न पुर्जो को सुखाने और उन्हें साफ करने के लिए होता है। एसीटोन का सिस्टेमैटिक नाम 'प्रोपेनोन' (propanone) है। इसका अणुसूत्र (CH3)2CO है। यह सबसे सरल कीटोन है। .

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तत्त्व

कोई विवरण नहीं।

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दहन

आक्सीजन की उपस्थिति में लकड़ी का दहन किसी जलने वाले पदार्थ के वायु या आक्सीकारक द्वारा जल जाने की क्रिया को दहन या जलना (Combustion) कहते हैं। दहन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (exothermic reaction) है। इस क्रिया में आँखों से ज्वाला दिख भी सकती है और नहीं भी। इस प्रक्रिया में ऊष्मा तथा अन्य विद्युतचुम्बकीय विकिरण (जैसे प्रकाश) भी उत्पन्न होते हैं। आम दहन के उत्पाद गैसों के द्वारा प्रदूषण भी फैलता है। विज्ञान के इतिहास में अग्नि वा ज्वाला सबंधी सिद्धांतों का विशेष महत्व रहा है। उदाहरण के लिए किसी हाइड्रोकार्बन के दहन का सामान्य रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है- मिथेन के लिए इस समीकरण का स्वरूप निम्नवत हो जाएगा- .

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नोनेन

नोनेन एक कार्बनिक यौगिक है। श्रेणी:कार्बनिक यौगिक.

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प्रोपेन

प्रोपेन प्रोपेन प्रोपेन एक हाइड्रोकार्बन है। यह एक अल्केन है। प्रोपेन आणविक फार्मूला C3H8, आम तौर पर एक गैस है, लेकिन एक परिवहनीय तरल करने के लिए सिकुड़ाया के साथ एक तीन कार्बन alkane है। प्राकृतिक गैस प्रसंस्करण और पेट्रोलियम शोधन के उत्पाद द्वारा, यह आमतौर पर इंजन, ऑक्सी - गैस जलाकर, बारबेक्यू की अनुमति, पोर्टेबल स्टोव और आवासीय केंद्रीय हीटिंग के लिए ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। प्रोपेन और ब्यूटेन का एक मिश्रण, वाहन ईंधन के रूप में मुख्य रूप से इस्तेमाल किया, आमतौर पर द्रवीभूत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी या एल.पी. गैस) के रूप में जाना जाता है। यह भी propylene और / या butylene की छोटी मात्रा में शामिल कर सकते हैं। Thiophene ethanethiol या जैसे एक odorant, इतना है कि लोगों को आसानी से एक दरार के मामले में गैस की गंध कर सकते हैं जोड़ा है। .

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ब्यूटेन

ब्यूटेन की आकृति ब्यूटेन ब्यूटेन एक हाइड्रोकार्बन है। यह एक अल्केन है। श्रेणी:अल्केन.

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मानक संभवन पूर्णोष्मा

लिथियम फ्लोराइड के लिये बॉर्न-हैबर (Born-Haber) आरेख जिसमें मानक संभवन पूर्णोष्मा दिखाया गया है। किसी यौगिक के संभवन (formation) के समय उसके १ मोल के निर्माण में होने वाला पूर्ण ऊष्मा परिवर्तन (change of enthalpy) उस यौगिक का मानक संभवन पूर्णोष्मा (standard enthalpy of formation) या मानक संभवन ऊष्मा (standard heat of formation) कहलाता है। यौगिक का निर्माण उसमें मौजूद तत्त्वों से होना चाहिये, तथा सभी पदार्थ अपने मानक अवस्था में तथा १ वायुमण्डलीय दाब पर होने चाहिये। मानक संभवन पूर्णोष्मा को ΔHfO या ΔfHO से दर्शाया जाता है। इस निरूपण में आने वाला थीटा (या शून्य) यह दिखाता है कि प्रक्रिया मानक स्थितियों में दिये हुए ताप पर (प्रायः 25 डिग्री सेल्सियस या 298.15 K) हुई है। मानक अवस्थाएं निम्नलिखित हैं-.

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मिथेन

मिथेन अल्केन श्रेणी का प्रथम सदस्य है। यह सबसे साधारण हाइड्रोकार्बन है। .

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मेथेनॉल

कोई विवरण नहीं।

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रासायनिक यौगिक

दो या अधिक तत्व जब भार के अनुसार एक निश्चित अनुपात में रासायनिक बन्ध द्वारा जुड़कर जो पदार्थ बनाते हैं उसे रासायनिक यौगिक (chemical compound) कहते हैं। उदाहरण के लिये जल, साधारण नमक, गंधक का अम्ल आदि रासायनिक यौगिक हैं। .

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रेडॉक्स

रेडॉक्स (Redox; 'Reduction and Oxidation' का लघुकृत रूप) अभिक्रियाएँ के अन्तर्गत वे सब रासायनिक अभिक्रियाएँ सम्मिलित हैं जिनमें परमाणुओं के आक्सीकरण अवस्थाएँ बदल जातीं हैं। सामान्यतः रेडॉक्स अभिक्रियाओं के अभिकारकों के परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रानों का आदान-प्रदान होता है। कभी भी आक्सीकरण या अपचयन अभिक्रिया अकेले नहीं होती। दोनो साथ-साथ होतीं हैं। एक ही अभिक्रिया में यदि किसी चीज का आक्सीकरण होता है तो किसी दूसरी का अपचयन होता है। इसीलिये इनका अलग-अलग अध्ययन न करके एकसाथ अध्ययन करने हैं और दोनों को मिलाकर 'रेडॉक्स' कहते हैं। .

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हाइड्रोजन

हाइड्रोजन पानी का एक महत्वपूर्ण अंग है शुद्ध हाइड्रोजन से भरी गैस डिस्चार्ज ट्यूब हाइड्रोजन (उदजन) (अंग्रेज़ी:Hydrogen) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल परमाणु भी है। प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो वायुमण्डल के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं। यह एक गैसीय पदार्थ है जिसमें कोई गंध, स्वाद और रंग नहीं होता है। यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। इसकी परमाणु संख्या 1, संकेत (H) और परमाणु भार 1.008 है। यह आवर्त सारणी में प्रथम स्थान पर है। साधारणतया इससे दो परमाणु मिलकर एक अणु (H2) बनाते है। हाइड्रोजन बहुत निम्न ताप पर द्रव और ठोस होता है।।इण्डिया वॉटर पोर्टल।०८-३०-२०११।अभिगमन तिथि: १७-०६-२०१७ द्रव हाइड्रोजन - 253° से.

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हेप्टेन

हेप्टेन की आकृति हेप्टेन हेप्टेन एक हाइड्रोकार्बन है। यह एक अल्केन है। श्रेणी:अल्केन.

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गंधक

हल्के पीले रंग के गंधक के क्रिस्टल गंधक (Sulfur) एक रासायनिक अधातुक तत्त्व है। .

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ग्रेफाइट

ग्रेफाइट ग्रेफाइट कार्बन का एक बहुरूप है। काले भूरे रंग का यह अधातु सिंहल, साइबेरिया, अमेरिका के केलिफोर्निया, कोरिया, न्यूजीलैण्ड तथा इटली में पाया जाता है। इसमें एक विशेष प्रकार की चमक पायी जाती है एवं यह विद्युत तथा ताप का सुचालक होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व 2.25 है। यह 7000C पर जलकर कार्बन डाई-आक्साइड बनाता है। .

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ऑक्टेन

ऑक्टेन की आकृति ऑक्टेन ऑक्टेन एक हाइड्रोकार्बन है। यह एक अल्केन है। ऑक्टेन पैराफिन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन। इस सूत्र के अट्ठारह समावयवी संभव हैं। पेट्रोलियम से प्राप्य क्व.

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ऑक्सीजन

ऑक्सीजन या प्राणवायु या जारक (Oxygen) रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। इसकी खोज, प्राप्ति अथवा प्रारंभिक अध्ययन में जे.

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इथेन

इथेन इथेन इथेन इथेन एक हाइड्रोकार्बन है। यह एक अल्केन है। श्रेणी:अल्केन.

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इथेनॉल

एथेनॉल (Ethanol) एक प्रसिद्ध अल्कोहल है। इसे एथिल अल्कोहल भी कहते हैं। .

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कार्बन

कार्बन का एक बहुरूप हीरा। कार्बन का एक अन्य बहुरूप ग्रेफाइट। पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्वों में कार्बन या प्रांगार एक प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इस रासायनिक तत्त्व का संकेत C तथा परमाणु संख्या ६, मात्रा संख्या १२ एवं परमाणु भार १२.००० है। कार्बन के तीन प्राकृतिक समस्थानिक 6C12, 6C13 एवं 6C14 होते हैं। कार्बन के समस्थानिकों के अनुपात को मापकर प्राचीन तथा पुरातात्विक अवशेषों की आयु मापी जाती है। कार्बन के परमाणुओं में कैटिनेशन नामक एक विशेष गुण पाया जाता है जिसके कारण कार्बन के बहुत से परमाणु आपस में संयोग करके एक लम्बी शृंखला का निर्माण कर लेते हैं। इसके इस गुण के कारण पृथ्वी पर कार्बनिक पदार्थों की संख्या सबसे अधिक है। यह मुक्त एवं संयुक्त दोनों ही अवस्थाओं में पाया जाता है। इसके विविध गुणों वाले कई बहुरूप हैं जिनमें हीरा, ग्रेफाइट काजल, कोयला प्रमुख हैं। इसका एक अपरूप हीरा जहाँ अत्यन्त कठोर होता है वहीं दूसरा अपरूप ग्रेफाइट इतना मुलायम होता है कि इससे कागज पर निशान तक बना सकते हैं। हीरा विद्युत का कुचालक होता है एवं ग्रेफाइट सुचालक होता है। इसके सभी अपरूप सामान्य तापमान पर ठोस होते हैं एवं वायु में जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस बनाते हैं। हाइड्रोजन, हीलियम एवं आक्सीजन के बाद विश्व में सबसे अधिक पाया जाने वाला यह तत्व विभिन्न रूपों में संसार के समस्त प्राणियों एवं पेड़-पौधों में उपस्थित है। यह सभी सजीवों का एक महत्त्वपूर्ण अवयव होता है, मनुष्य के शरीर में इसकी मात्रा १८.५ प्रतिशत होती है और इसको जीवन का रासायनिक आधार कहते हैं। कार्बन शब्द लैटिन भाषा के कार्बो शब्द से आया है जिसका अर्थ कोयला या चारकोल होता है। कार्बन की खोज प्रागैतिहासिक युग में हुई थी। कार्बन तत्व का ज्ञान विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं को भी था। चीन के लोग ५००० वर्षों पहले हीरे के बारे में जानते थे और रोम के लोग लकड़ी को मिट्टी के पिरामिड से ढककर चारकोल बनाते थे। लेवोजियर ने १७७२ में अपने प्रयोगो द्वारा यह प्रमाणित किया कि हीरा कार्बन का ही एक अपरूप है एवं कोयले की ही तरह यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस उत्पन्न करता है। कार्बन का बहुत ही उपयोगी बहुरूप फुलेरेन की खोज १९९५ ई. में राइस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर इ स्मैली तथा उनके सहकर्मियों ने की। इस खोज के लिए उन्हें वर्ष १९९६ ई. का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। .

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कार्बन मोनोआक्साइड

कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) (अंग्रेजी:Carbon monoxide) एक रंगहीन गैस है। यह गैस हवा से थोड़ी हल्की होती है। ऊँची सांद्रता में यह मनुष्यों और जानवरों के लिए विषाक्त होती है, हालाँकि कम मात्रा में यह कुछ सामान्य जैविक कार्यों के लिए उपयोगी साबित होती है। .

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अमोनिया

अमोनिया एक तीक्ष्म गंध वाली रंगहीन गैस है। यह हवा से हल्की होती है तथा इसका वाष्प घनत्व ८.५ है। यह जल में अति विलेय है। अमोनिया के जलीय घोल को लिकर अमोनिया कहा जाता है यह क्षारीय प्रकृति का होता है। जोसेफ प्रिस्टले ने सर्वप्रथम अमोनियम क्लोराइड को चूने के साथ गर्म करके अमोनिया गैस को तैयार किया। बर्थेलाट ने इसके रासायनिक गठन का अध्ययन किया तथा इसको बनाने वाले तत्वों को पता लगाया। प्रयोगशाला में अमोनियम क्लोराइड तथा बुझे हुए सूखे चूने के मिश्रण को गर्म करके अमोनिया गैस तैयार की जाती है। .

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दहन-उष्मा

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