त्रिदोष और सोडामाइड
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
त्रिदोष और सोडामाइड के बीच अंतर
त्रिदोष vs. सोडामाइड
वात, पित्त, कफ इन तीनों को दोष कहते हैं। इन तीनों को धातु भी कहा जाता है। धातु इसलिये कहा जाता है क्योंकि ये शरीर को धारण करते हैं। चूंकि त्रिदोष, धातु और मल को दूषित करते हैं, इसी कारण से इनको ‘दोष’ कहते हैं। आयुर्वेद साहित्य शरीर के निर्माण में दोष, धातु मल को प्रधान माना है और कहा गया है कि 'दोष धातु मल मूलं हि शरीरम्'। आयुर्वेद का प्रयोजन शरीर में स्थित इन दोष, धातु एवं मलों को साम्य अवस्था में रखना जिससे स्वस्थ व्यक्ति का स्वास्थ्य बना रहे एवं दोष धातु मलों की असमान्य अवस्था होने पर उत्पन्न विकृति या रोग की चिकित्सा करना है। . सोडामाइड एक अकार्बनिक यौगिक है। सूत्र NaNH2 के साथ अकार्बनिक यौगिक सोडियम एमाइड आमतोर पर सोडामाइड कहा जाता हैं। यह ठोस,पानी की ओर खतरनाक प्रतिक्रियाशील है,जो सफेद हैं,लेकिन वाणिज्यिक नमूने निर्माण की प्रक्रिया से धातु लोहे की छोटी मात्रा की उपस्थिति के कारण आम तोर पर धूसर हैं। ऐसे दोष आमतोर पर अभिकर्मक की उपयोगिता को प्रभावित नही करते। NaNH2 व्यापक रूप मे काबीनेक संश्लेषण मे नियोजित किया गया हैं। .
त्रिदोष और सोडामाइड के बीच समानता
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त्रिदोष और सोडामाइड के बीच तुलना
त्रिदोष 23 संबंध है और सोडामाइड 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (23 + 3)।
संदर्भ
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