लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

त्रिदोष और साधक पित्‍त

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

त्रिदोष और साधक पित्‍त के बीच अंतर

त्रिदोष vs. साधक पित्‍त

वात, पित्‍त, कफ इन तीनों को दोष कहते हैं। इन तीनों को धातु भी कहा जाता है। धातु इसलिये कहा जाता है क्‍योंकि ये शरीर को धारण करते हैं। चूंकि त्रिदोष, धातु और मल को दूषित करते हैं, इसी कारण से इनको ‘दोष’ कहते हैं। आयुर्वेद साहित्य शरीर के निर्माण में दोष, धातु मल को प्रधान माना है और कहा गया है कि 'दोष धातु मल मूलं हि शरीरम्'। आयुर्वेद का प्रयोजन शरीर में स्थित इन दोष, धातु एवं मलों को साम्य अवस्था में रखना जिससे स्वस्थ व्यक्ति का स्वास्थ्य बना रहे एवं दोष धातु मलों की असमान्य अवस्था होने पर उत्पन्न विकृति या रोग की चिकित्सा करना है। . श्रेणी:आयुर्वेद.

त्रिदोष और साधक पित्‍त के बीच समानता

त्रिदोष और साधक पित्‍त आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): आयुर्वेद

आयुर्वेद

आयुर्वेद के देवता '''भगवान धन्वन्तरि''' आयुर्वेद (आयुः + वेद .

आयुर्वेद और त्रिदोष · आयुर्वेद और साधक पित्‍त · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

त्रिदोष और साधक पित्‍त के बीच तुलना

त्रिदोष 23 संबंध है और साधक पित्‍त 1 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.17% है = 1 / (23 + 1)।

संदर्भ

यह लेख त्रिदोष और साधक पित्‍त के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »