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त्रिदोष और धातु (आयुर्वेद)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

त्रिदोष और धातु (आयुर्वेद) के बीच अंतर

त्रिदोष vs. धातु (आयुर्वेद)

वात, पित्‍त, कफ इन तीनों को दोष कहते हैं। इन तीनों को धातु भी कहा जाता है। धातु इसलिये कहा जाता है क्‍योंकि ये शरीर को धारण करते हैं। चूंकि त्रिदोष, धातु और मल को दूषित करते हैं, इसी कारण से इनको ‘दोष’ कहते हैं। आयुर्वेद साहित्य शरीर के निर्माण में दोष, धातु मल को प्रधान माना है और कहा गया है कि 'दोष धातु मल मूलं हि शरीरम्'। आयुर्वेद का प्रयोजन शरीर में स्थित इन दोष, धातु एवं मलों को साम्य अवस्था में रखना जिससे स्वस्थ व्यक्ति का स्वास्थ्य बना रहे एवं दोष धातु मलों की असमान्य अवस्था होने पर उत्पन्न विकृति या रोग की चिकित्सा करना है। . आयुर्वेद के मौलिक सिद्धान्‍तों में सप्‍त धातुओं का बहुत महत्‍व है। इनसे शरीर का धारण होता है, इसी कारण से इन्हें 'धातु' कहा जाता है (धा .

त्रिदोष और धातु (आयुर्वेद) के बीच समानता

त्रिदोष और धातु (आयुर्वेद) आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): वात, आयुर्वेद

वात

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आयुर्वेद

आयुर्वेद के देवता '''भगवान धन्वन्तरि''' आयुर्वेद (आयुः + वेद .

आयुर्वेद और त्रिदोष · आयुर्वेद और धातु (आयुर्वेद) · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

त्रिदोष और धातु (आयुर्वेद) के बीच तुलना

त्रिदोष 23 संबंध है और धातु (आयुर्वेद) 3 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 7.69% है = 2 / (23 + 3)।

संदर्भ

यह लेख त्रिदोष और धातु (आयुर्वेद) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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