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तत्त्वमीमांसा और निर्जरा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

तत्त्वमीमांसा और निर्जरा के बीच अंतर

तत्त्वमीमांसा vs. निर्जरा

तत्त्वमीमांसा (Metaphysics), दर्शन की वह शाखा है जो किसी ज्ञान की शाखा के वास्तविकता (reality) का अध्ययन करती है। परम्परागत रूप से इसकी दो शाखाएँ हैं - ब्रह्माण्ड विद्या (Cosmology) तथा सत्तामीमांसा या आन्टोलॉजी (ontology)। तत्वमीमांसा में प्रमुख प्रश्न ये हैं-. निर्जरा जैन दर्शन के अनुसार एक तत्त्व हैं। इसका अर्थ होता है आत्मा के साथ जुड़े कर्मों का शय करना। यह जन्म मरण के चक्र से मुक्त होने के लिए आवश्यक हैं। आचार्य उमास्वामी द्वारा विरचित जैन ग्रन्थ तत्त्वार्थ सूत्र का ९ अध्याय इस विषय पर हैं। निर्जरा संवर के पश्चात् होती हैं। जैन ग्रन्थ द्रव्यसंग्रह के अनुसार कर्म आत्मा को धूमिल करते देते हैं, निर्जरा से आत्मा फिर निर्मलता को प्राप्त होती हैं।Nemichandra, p. 94 .

तत्त्वमीमांसा और निर्जरा के बीच समानता

तत्त्वमीमांसा और निर्जरा आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): संवर

संवर

संवर जैन दर्शन के अनुसार एक तत्त्व हैं। इसका अर्थ होता है कर्मों के आस्रव को रोकना। जैन सिद्धांत सात तत्त्वों पर आधारित हैं। इनमें से चार तत्त्व- आस्रव, बन्ध, संवर, निर्जरा कर्म सिद्धांत के स्तम्भ हैं। .

तत्त्वमीमांसा और संवर · निर्जरा और संवर · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

तत्त्वमीमांसा और निर्जरा के बीच तुलना

तत्त्वमीमांसा 9 संबंध है और निर्जरा 6 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 6.67% है = 1 / (9 + 6)।

संदर्भ

यह लेख तत्त्वमीमांसा और निर्जरा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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