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डी-वर्ग प्रवर्धक

सूची डी-वर्ग प्रवर्धक

डी-वर्ग प्रवर्धक का ब्लॉक आरेख डी-वर्ग प्रवर्धक का का एक बोर्ड डी-वर्ग प्रवर्धक (क्लास - D एम्प्लिफायर) वह प्रवर्धक है जिसके निर्गम चरण में लगी एलेक्ट्रॉनिक युक्तियाँ स्विच की तरह काम करके आवश्यक आउटपुट प्रदान करती हैं। इस कारण यह सबसे अधिक दक्षता वाला प्रवर्धक है। इसके निर्गम चरण में प्रायः पॉवर मॉसफेट का उपयोग किया जाता है जो या तो पूर्णतः चालू (ऑन) होतीं हैं या पूर्णतः बन्द (ऑफ)। आन से ऑफ या ऑफ से ऑन होने में आदर्शतः शून्य समय लगता है। डी-वर्ग प्रवर्धक प्रायः श्रव्य आवृत्ति के शक्ति प्रवर्धक के रूप में काम में लाये जाते हैं। .

7 संबंधों: दक्षता, प्रवर्धक, मॉसफेट, शक्ति प्रवर्धक, श्रव्य प्रवर्धक, स्विच, विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण

दक्षता

दक्षता (Efficiency) का सामान्य अर्थ यह है कि किसी कार्य या उद्देश्य को पूरा करने में लगाया गया समय या श्रम या ऊर्जा कितनी अच्छी तरह काम में आती है। 'दक्षता' का विभिन्न क्षेत्रों एवं विषयों में उपयोग किया जाता है और विभिन्न सन्दर्भों में इसके अर्थ में भी काफी भिन्नता पायी जाती है। दक्षता एक मापने योग्य राशि है। ऊर्जा के रूपान्तरण की स्थिति में आउटपुट ऊर्जा और इनपुट उर्जा के अनुपात को दक्षता कहते हैं।;उदाहरण कोई ट्रांसफॉर्मर १००० किलोवाट विद्युत ऊर्जा लेकर अपने आउटपुट में जुड़े लोड को ९८० किलोवाट विद्युत ऊर्जा देता है, तो इसकी दक्षता श्रेणी:ऊर्जा श्रेणी:अर्थशास्त्र श्रेणी:ऊष्मा अंतरण श्रेणी:विचार की गुणवत्ताएँ.

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प्रवर्धक

एक सामान्य प्रवर्धक बक्सा जिसमें इनपुट और आउटपुट के लिए बाहर पिन दिए होते हैं। प्रवर्धक और रिपीटर जो संकेत की शक्ति को बढ़ाकर उन्हें 'उपयोग के लायक' बनाते हैं। प्रवर्धक या एम्प्लिफायर (amplifier) ऐसी युक्ति है जो किसी विद्युत संकेत का मान (अम्प्लीच्यूड) बदल दे (प्रायः संकेत का मान बड़ा करने की आवश्यकता अधिक पड़ती है।) विद्युत संकेत विभवान्तर (वोल्टेज) या धारा (करेंट) के रूप में हो सकते है। आजकल सामान्य प्रचलन में प्रवर्धक से आशय किसी 'इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्धक' से ही होता है। .

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मॉसफेट

n-चैनेल मॉस्फेट का V-I वैशिष्ट्य: इसमें लाल रंग से रंजित भाग को 'रैखिक क्षेत्र' (लिनियर जोन) और पीले रंग से रंजित भाग को 'संतृप्त क्षेत्र' (सैचुरेटेड जोन) कहते हैं। मॉसफेट (Mmetal–Oxide–Semiconductor Field-Effect Transistor या MOSFET / MOS-FET / MOS FET) एक एलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जो विद्युत संकेतों को प्रवर्धित करने या स्विच करने के काम आती है। वैसे तो यह चार टांगों (टर्मिनल) वाली युक्ति है (स्त्रोत (S), गेट (G), ड्रेन (D) और बॉडी (B)) किन्तु प्रायः B टर्मिनल को स्रोत टर्मिनल के साथ जोड़कर ही इसका उपयोग किया जाता है। अतः व्यावहारिक रूप से अन्य फिल्ड-इफेक्ट ट्रांजिस्टरों की भांति यह भी तीन टर्मिनल वाली युक्ति बन जाती है। किसी समय बीजेटी सर्वाधिक प्रयुक्त युक्ति थी, किन्तु अब मॉसफेट ही डिजिटल और एनालॉग दोनों परिपथों में सर्वाधिक प्रयुक्त युक्ति बन गयी है। इसका कारण यह है कि मॉस्फेट के प्रयोग से एकीकृत परिपथों में सस्ते में बहुत अधिक 'पैकिंग घनत्व' प्राप्त किया जा रहा है। यद्यपि आजकल गेट को विलग करने के लिये 'मेटल आक्साइड' के बजाय डॉप किया हुआ पॉलीसिलिकॉन उपयोग किया जाता है फिर भी इसका पुराना नाम MOSFET अब भी अपरिवर्तित है। मॉस्फेट की ड्रेन-सोर्स धारा को गेट और सोर्स के बीच के विभवान्तर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। चूंकि गेट, मॉस्फेट के शेष भागों से विलगित (insulated) होता है, गेत को चलाने (ड्राइव करने) के लिये अत्यन्त कम धारा की जरूरत होती है। .

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शक्ति प्रवर्धक

शक्ति प्रवर्धक का कार्य वोल्टेज प्रवर्धक से प्राप्त आउटपुट को शक्ति प्रदान करना है। उदाहरणत: माइक्रोफोन द्वारा प्राप्त विद्युत तरंग को वोल्टेज एम्पलीफायर प्रवर्धित करता है, इसे सीधे लाउडस्पीकर को देने पर यह पुन: इन्हे ध्वनि तरंगो मे बदल नही पायेगा। अतः वोल्टेज प्रवर्धक से प्राप्त आउटपुट को एक शक्ति प्रवर्धक को दिया जाता है। जिससे लाउडस्पीकर को संचालित करने योग्य पावर प्राप्त हो जाता है। परिभाषा- "वह ट्राँजिस्टर प्रवर्धक जो ऑडियो आवृत्ति सिगनलोँ के पॉवर स्तर को बढ़ाता है, ट्राँजिस्टर आडियो शक्ति प्रवर्धक कहलाता है"। विशेषताएँ- 1.

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श्रव्य प्रवर्धक

एकीकृत परिपथ (आईसी) से बना एक श्रव्य शक्ति प्रवर्धक आईसी के रूप में एक श्रव्य-आवृत्ति प्रवर्धक (Lm3886tf) ऐसे एलेक्ट्रानिक प्रवर्धक को श्रव्य प्रवर्धक या आडियो एम्प्लिफायर (audio amplifier) कहते हैं जो कम शक्ति के श्रव्य संकेतों का प्रवर्धन कर सकें। श्रव्य-आवृत्‍ति शक्ति प्रवर्धक (audio power amplifier) वह एलेक्ट्रॉनिक प्रवर्धक है जो कम शक्ति के श्रव्य आवृत्ति वाले विद्युत संकेतों को प्रवर्धित करके उनको इतना शक्तिशाली बना दे कि वे लाउडस्पीकर को चला सकें। उन संकेतों को श्रव्य संकेत (आडियो सिगनल) कहते हैं जिनकी आवृत्ति २० हर्ट्ज से लेकर २० हजार हर्ट्ज के बीच होती है। इस सीमा के भीतर की आवृत्तियों वाले संकेत ही मानव कर्ण को सुनाई पड़ते हैं, इससे कम या अधिक के नहीं। श्रव्य प्रवर्धकों का निवेश संकेत (इनपुट सिगनल) कुछ सौ माइक्रोवाट के स्तर का होता है जबकि आउटपुट दस, सौ या हजार वाट के स्तर का हो सकता है। श्रव्य प्रवर्धक, रेडियो, टीवी, टेलीफोन, सेलफोन आदि के आवश्यक अंग है। .

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स्विच

भांति-भांति के वैद्युत स्विच: उपर से बाएं से दांयें: सर्कित ब्रेकर, mercury switch, wafer switch, DIP switch, surface mount switch, reed switch. Bottom, left to right: wall switch (U.S. style), miniature toggle switch, in-line switch, push-button switch, rocker switch, microswitch. स्विच या कुंजी उस यांत्रिक युक्ति को कहते हैं जो किसी विद्युत परिपथ को इच्छानुसार जोडने (connect) या तोडने (disconnect) के काम आती है। आकार-प्रकार एवं कार्य के आधार पर स्विचें अनेकानेक प्रकार की होती हैं - लघु से लघुतर आकार से लेकर लाखों किलोवाट की शक्ति को नियंत्रित करने वाली औद्योगिक प्लान्ट की स्विचें। .

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विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण

विद्युतचुंबकीय व्यतिकरण (Electromagnetic interference या EMI) से तात्पर्य वाह्य स्रोत से उत्पन्न किसी ऐसे विक्षोभ (डिस्टर्बैंस) से है जो किसी विद्युत परिपथ के सामान्य कार्य को प्रभावित करे। इसे रेडियो-आवृत्ति व्यतिकरण (RFI) भी कहते हैं। विद्युतचुम्बकीय विकिरण दो रूपों में हो सकता है - विद्युतचुम्बकीय प्रेरण और विद्युतचुम्बकीय विकिरण। ऐसे विक्षोभ से परिपथ का कार्य थोड़ा बहुत प्रभावित हो सकता है या कभी-कभी पूरी तरह बिगड़ जाता है। विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण का स्रोत कोई भी प्राकृतिक या कृत्रिम वस्तु हो सकती है जिसमें तेजी से बदलने वाली विद्युत-धारा प्रवाहित हो रही हो। विद्युतचुंबकीय व्यतिकरण का उपयोग (जानबूझकर) रेडियो संबाधन (radio jamming) के लिये किया जा सकता है जैसा कि कुछ प्रकार के एलेक्ट्रानिक युद्धों में किया जाता है। किन्तु यह अधिकांशतः अनभिप्रेत (unintentional) होता है। किसी कार के पास से गुजरने या बिजली चमकने पर एएम रेडियो में आने वाली घर्घराहट वास्तव में विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण के कारण ही होता है। इससे सेल फोन, एफएम रेडियो और दूरदर्शन भी प्रभावित होते हैं, किन्तु अपेक्षाकृत कम मात्रा में। .

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