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टेफ़्रा

सूची टेफ़्रा

हेक्ला का रायोलाइट टेफ़्रा है। टेफ़्रा, किसी ज्वालामुखीय विस्फोट के दौरान निकला एक खंडित पदार्थ है, चाहे उसका आकार, संघटन या स्थापन प्रक्रिया कुछ भी रही हो। ज्वालामुखी विशेषज्ञों इन वायुवाहित खंडों (जब खंड हवा में रहता है) को ज्वलखंडाश्म या पाइरोक्लास्ट भी कहते हैं। एक बार जब यह खंड जमीन गिर जाते हैं तो टेफ़्रा कहलाते हैं बशर्ते यह इतने गर्म ना हों कि किसी ज्वलखंडाश्मी शैल (पाइरोक्लास्टिक रॉक) या टफ़ पर गिर कर उसी का भाग ना बन जायें। .

3 संबंधों: टफ़, रायोलाइट, ज्वालामुखी

टफ़

नये मैक्सिको का वेल्डेड टफ़ टफ़ (इतालवी: टूफ़ो), किसी ज्वालामुखीय उद्गार के दौरान बाहर निकली ज्वालामुखीय राख के संपिंडन से गठित शैल का एक प्रकार है। टफ़ को कभी कभी टूफा भी कहा जाता है, खासकर तब, जब इसे एक निर्माण सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि टूफा भी एक अलग प्रकार का शैल है। यदि किसी शैल में टफ़ का प्रतिशत 50% से अधिक होता है तो वह शैल टफ़मय कहलाता है।.

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रायोलाइट

एक पोर्फिरी रायोलाइट शैल रायोलाइट (Rhyolite) एक आग्नेय शैल है। .

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ज्वालामुखी

तवुर्वुर का एक सक्रिय ज्वालामुखी फटते हुए, राबाउल, पापुआ न्यू गिनिया ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं। वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार स्थलरूप को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है। ज्वालामुखी का सम्बंध प्लेट विवर्तनिकी से है क्योंकि यह पाया गया है कि बहुधा ये प्लेटों की सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं क्योंकि प्लेट सीमाएँ पृथ्वी की ऊपरी परत में विभंग उत्पन्न होने हेतु कमजोर स्थल उपलब्ध करा देती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थलों पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं जिनकी उत्पत्ति मैंटल प्लूम से मानी जाती है और ऐसे स्थलों को हॉटस्पॉट की संज्ञा दी जाती है। भू-आकृति विज्ञान में ज्वालामुखी को आकस्मिक घटना के रूप में देखा जाता है और पृथ्वी की सतह पर परिवर्तन लाने वाले बलों में इसे रचनात्मक बल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इनसे कई स्थलरूपों का निर्माण होता है। वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण भूगोल इनका अध्ययन एक प्राकृतिक आपदा के रूप में करता है क्योंकि इससे पारितंत्र और जान-माल का नुकसान होता है। .

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