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जोनंग

सूची जोनंग

जोनंग (Jonang, तिब्बती: ཇོ་ནང་) तिब्बती बौद्ध धर्म के छह मुख्य सम्प्रदायों में से एक है। अन्य पाँच न्यिंगमा, कग्यु, सक्या, गेलुग और बोन हैं। इसका आरम्भ तिब्बत में १२वीं शताब्दी में यूमो मिक्यो दोर्जे ने करा और सक्या सम्प्रदाय में शिक्षित दोल्पोपा शेरब ग्याल्त्सेन नामक भिक्षु ने इसका प्रसार करा। १७वीं शताब्दी के अन्तभाग में ५वें दलाई लामा ने इस सम्प्रदाय का विरोध करा था और माना जाता था कि यह विलुप्त हो चुका है। लेकिन यह तिब्बत के खम और अम्दो क्षेत्रों के गोलोक, नाशी और मंगोल समुदायों वाले इलाकों में जीवित रहा और वर्तमान में लगभग ५,००० भिक्षु-भिक्षिका जोनंग धर्मधारा से जुड़े हैं। .

12 संबंधों: ञिङमा, तिब्बत, तिब्बती बौद्ध धर्म, तिब्बती भाषा, नाशी लोग, बोन धर्म, मंगोल, सक्या, खम, गेलुगपा, कग्यु, अम्दो

ञिङमा

ञिङमा (तिब्बती भाषा: རྙིང་མ་པ།, अंग्रेज़ी: Nyingma), तिब्बती बौद्ध धर्म की पांच प्रमुख शाखाओं में से एक हैं। तिब्बती भाषा में "ञिङमा" का अर्थ "प्राचीन" होता है। कभी-कभी इसे ङग्युर (སྔ་འགྱུར།, Ngagyur) भी कहा जाता है जिसका अर्थ "पूर्वानूदित" होता है, जो नाम इस सम्प्रदाय द्वारा सर्वप्रथम महायोग, अनुयोग, अतियोग और त्रिपिटक आदि बौद्ध ग्रंथों को संस्कृत इत्यादि भारतीय भाषों से तिब्बती में अनुवाद करने के कारण रखा गया। तिब्बती लिपि और तिब्बती भाषा के औपचारिक व्याकरण की आधारशिला भी इसी ध्येय से रखी गई थी। आधुनिक काल में ञिङमा संप्रदाय का धार्मिक संगठन तिब्बत के खम प्रदेश पर केन्द्रित है। .

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तिब्बत

तिब्बत का भूक्षेत्र (पीले व नारंगी रंगों में) तिब्बत के खम प्रदेश में बच्चे तिब्बत का पठार तिब्बत (Tibet) एशिया का एक क्षेत्र है जिसकी भूमि मुख्यतः उच्च पठारी है। इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है। चीन द्वारा तिब्बत पर चढ़ाई के समय (1955) वहाँ के राजनैतिक व धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत में आकर शरण ली और वे अब तक भारत में सुरक्षित हैं। .

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तिब्बती बौद्ध धर्म

तिब्बती बौद्ध धर्म बौद्ध धर्म की महायान शाखा की एक उपशाखा है जो तिब्बत, मंगोलिया, भूटान, उत्तर नेपाल, उत्तर भारत के लद्दाख़, अरुणाचल प्रदेश, लाहौल व स्पीति ज़िले और सिक्किम क्षेत्रों, रूस के कालमिकिया, तूवा और बुर्यातिया क्षेत्रों और पूर्वोत्तरी चीन में प्रचलित है।An alternative term, "lamaism", and was used to distinguish Tibetan Buddhism from other buddhism.

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तिब्बती भाषा

तिब्बती भाषा (तिब्बती लिपि में: བོད་སྐད་, ü kä), तिब्बत के लोगों की भाषा है और वहाँ की राजभाषा भी है। यह तिब्बती लिपि में लिखी जाती है। ल्हासा में बोली जाने वाली भाषा को मानक तिब्बती माना जाता है। .

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नाशी लोग

लिजिआंग (युन्नान) के पास एक गाँव में नाशी स्त्री नाशी (चीनी भाषा: 纳西族, अंग्रेज़ी: Nakhi) दक्षिणी चीन में हिमालय के छोटे पहाड़ों में बसने वाली एक जाति है। यह युन्नान प्रान्त के उत्तर-पश्चिमी भाग और सिचुआन प्रान्त के दक्षिण-पश्चिमी भाग में रहते हैं। युन्नान का लिजिआंग विभाग ख़ासकर इस समुदाय से सम्बंधित है। सन् २००० में इनकी आबादी लगभग ३ लाख अनुमानित की गई थी। माना जाता है कि नाशियों के पूर्वज तिब्बत से आये थे और ज़मानों से यह चीन के तिब्बत और भारत के व्यापार में अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं। नाशी लोग तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की नाशी भाषा बोलते हैं। यह समुदाय मोसुओ समुदाय से बहुत मिलता-जुलता है, हालांकि मोसुओ लोग अभी भी अपनी तिब्बतियों से मिलती हुई पहचान बनाए हुए हैं जबकि नाशी लोगों के चीनी सभ्यता के कुछ पहलुओं को अपना लिया है।, Andrew Dalby, Columbia University Press, 2004, ISBN 978-0-231-11569-8,...

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बोन धर्म

बोन धर्म या बॉन धर्म (བོན་, Bön) तिब्बत की प्राचीन और पारम्परिक धार्मिक प्रथा है। आधुनिक युग में इसमें बौद्ध धर्म और बौद्ध धर्म से पहले की तिब्बती संस्कृति में प्रचलित धार्मिक आस्थाएँ शामिल हैं। बहुत से ऐसी बौद्ध-पूर्व आस्थाएँ तिब्बती बौद्ध धर्म में भी सम्मिलित की जा चुकी हैं। कुछ इतिहासकारों के अनुसार बोन धर्म के तत्व सिर्फ़ तिब्बत तक ही सीमित नहीं थे बल्कि उनका ऐतिहासिक प्रभाव तिब्बत से दूर कई मध्य एशिया के क्षेत्रों तक भी मिलता था। इतिहासकार बोन धर्म को तिब्बती साम्राज्य से पहले आने वाले झ़ंगझ़ुंग राज्य से भी सम्बन्धित समझते है।, Gary McCue, pp.

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मंगोल

चंगेज़ ख़ान एक पारम्परिक मंगोल घर, जिसे यर्त कहते हैं मंगोल मध्य एशिया और पूर्वी एशिया में रहने वाली एक जाति है, जिसका विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव रहा है। भारतीय उपमहाद्वीप में इस जाति को मुग़ल के नाम से जाना जाता था, जिस से मुग़ल राजवंश का नाम भी पड़ा। आधुनिक युग में मंगोल लोग मंगोलिया, चीन और रूस में वास करते हैं। विश्व भर में लगभग १ करोड़ मंगोल लोग हैं। शुरु-शुरु में यह जाति अर्गुन नदी के पूर्व के इलाकों में रहा करती थी, बाद में वह वाह्य ख़िन्गन पर्वत शृंखला और अल्ताई पर्वत शृंखला के बीच स्थित मंगोलिया पठार के आर-पार फैल गई। मंगोल जाति के लोग ख़ानाबदोशों का जीवन व्यतीत करते थे और शिकार, तीरंदाजी व घुड़सवारी में बहुत कुशल थे। १२वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसके मुखिया तेमूचीन ने तमाम मंगोल कबीलों को एक किया। .

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सक्या

सक्या (Sakya, तिब्बती: ས་སྐྱ་) तिब्बती बौद्ध धर्म के छह मुख्य सम्प्रदायों में से एक है। अन्य पाँच न्यिंगमा, कग्यु, जोनंग, गेलुग और बोन हैं। इनमें से सक्या, गेलुग और कग्यु को वज्रयान का नवप्रसार (New Transmission) या सारमा (གསར་མ) कहा जाता है, क्योंकि यह तिब्बत में बौद्ध धर्म के फैलाव की द्वितीय शृंख्ला में उत्पन्न हुए। न्यिंगमा, सक्या और कग्यु लाल टोपी सम्प्रदाय हैं क्योंकि औपचारिक समारोहों पर इनके अनुयायी लाल रंग की टोपियाँ पहनते हैं। .

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खम

खम (तिब्बती: ཁམས, अंग्रेज़ी: Kham) तिब्बत के तीन पारम्परिक प्रान्तों में से एक है, जिन्हे तिब्बती भाषा में तिब्बत के तीन 'चोलका' कहा जाता है। अन्य दो प्रान्त अम्दो और इउ-त्संग हैं।, Ashild Kolas, Monika P Thowsen, pp.

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गेलुगपा

कालचक्र मंत्र गेलुग या गेलुगपा एक बौद्ध सम्प्रदाय है। .

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कग्यु

कग्यु (Kagyu) या कग्युद (तिब्बती: བཀའ་བརྒྱུད) तिब्बती बौद्ध धर्म के छह मुख्य सम्प्रदायों में से एक है। अन्य पाँच न्यिंगमा, सक्या, जोनंग, गेलुग और बोन हैं। इनमें से सक्या, गेलुग और कग्यु को वज्रयान का नवप्रसार (New Transmission) या सारमा (གསར་མ) कहा जाता है, क्योंकि यह तिब्बत में बौद्ध धर्म के फैलाव की द्वितीय शृंख्ला में उत्पन्न हुए। न्यिंगमा, सक्या और कग्यु लाल टोपी सम्प्रदाय हैं क्योंकि औपचारिक समारोहों पर इनके अनुयायी लाल रंग की टोपियाँ पहनते हैं। कग्यु को गुरु-शिष्य परम्परा और गुरु से शिष्य को व्यक्तिगत सीख देने के लिए जाना जाता है। बहुत से प्रभावशाली कग्यु गुरुओं और उनके द्वारा स्थापित शाखाओं के कारण इतिहास में कग्यु सम्प्रदाय के कई उपसम्प्रदाय बनते चले गए। .

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अम्दो

अम्दो (तिब्बती: ཨ༌མདོ, अंग्रेज़ी: Amdo) तिब्बत के तीन पारम्परिक प्रान्तों में से एक है, जिन्हे तिब्बती भाषा में तिब्बत के तीन 'चोलका' कहा जाता है। अन्य दो प्रान्त खम और इउ-त्संग हैं।, Ashild Kolas, Monika P Thowsen, pp.

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