हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

जैन धर्म और जैन लाल मंदिर, दिल्ली

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जैन धर्म और जैन लाल मंदिर, दिल्ली के बीच अंतर

जैन धर्म vs. जैन लाल मंदिर, दिल्ली

जैन ध्वज जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। 'जैन धर्म' का अर्थ है - 'जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म'। जो 'जिन' के अनुयायी हों उन्हें 'जैन' कहते हैं। 'जिन' शब्द बना है 'जि' धातु से। 'जि' माने - जीतना। 'जिन' माने जीतने वाला। जिन्होंने अपने मन को जीत लिया, अपनी वाणी को जीत लिया और अपनी काया को जीत लिया और विशिष्ट ज्ञान को पाकर सर्वज्ञ या पूर्णज्ञान प्राप्त किया उन आप्त पुरुष को जिनेश्वर या 'जिन' कहा जाता है'। जैन धर्म अर्थात 'जिन' भगवान्‌ का धर्म। अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धान्त है। जैन दर्शन में सृष्टिकर्ता कण कण स्वतंत्र है इस सॄष्टि का या किसी जीव का कोई कर्ता धर्ता नही है।सभी जीव अपने अपने कर्मों का फल भोगते है।जैन धर्म के ईश्वर कर्ता नही भोगता नही वो तो जो है सो है।जैन धर्म मे ईश्वरसृष्टिकर्ता इश्वर को स्थान नहीं दिया गया है। जैन ग्रंथों के अनुसार इस काल के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव आदिनाथ द्वारा जैन धर्म का प्रादुर्भाव हुआ था। जैन धर्म की अत्यंत प्राचीनता करने वाले अनेक उल्लेख अ-जैन साहित्य और विशेषकर वैदिक साहित्य में प्रचुर मात्रा में हैं। . दिल्ली का सबसे पुराना जैन मंदिर लाल किला और चांदनी चौक के सामने स्थित है। इसका निर्माण 1526 में हुआ था। वर्तमान में इसकी इमारत लाल पत्थरों की बनी है। इसलिए यह लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां कई मंदिर हैं लेकिन सबसे प्रमुख मंदिर भगवान महावीर का है जो जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। यहां जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा भी स्थापित है। जैन धर्म के अनुयायियों के बीच यह स्थान बहुत लोकप्रिय है। यहां का शांत वातावरण लोगों का अपनी ओर खींचता है। मुगल साम्राज्य में मंदिरों के शिखर बनाने की अनुमति नहीं थी। इसलिए इस मंदिर का कोई औपचारिक शिखर नहीं था। बाद में स्वतंत्रता प्राप्ति उपरांत इस मंदिर का पुनरोद्धार हुआ। .

जैन धर्म और जैन लाल मंदिर, दिल्ली के बीच समानता

जैन धर्म और जैन लाल मंदिर, दिल्ली आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): तीर्थंकर, महावीर जयन्ती, जैन मन्दिर, ऋषभदेव

तीर्थंकर

जैन धर्म में तीर्थंकर (अरिहंत, जिनेन्द्र) उन २४ व्यक्तियों के लिए प्रयोग किया जाता है, जो स्वयं तप के माध्यम से आत्मज्ञान (केवल ज्ञान) प्राप्त करते है। जो संसार सागर से पार लगाने वाले तीर्थ की रचना करते है, वह तीर्थंकर कहलाते हैं। तीर्थंकर वह व्यक्ति हैं जिन्होनें पूरी तरह से क्रोध, अभिमान, छल, इच्छा, आदि पर विजय प्राप्त की हो)। तीर्थंकर को इस नाम से कहा जाता है क्योंकि वे "तीर्थ" (पायाब), एक जैन समुदाय के संस्थापक हैं, जो "पायाब" के रूप में "मानव कष्ट की नदी" को पार कराता है। .

जैन धर्म और तीर्थंकर · जैन लाल मंदिर, दिल्ली और तीर्थंकर · और देखें »

महावीर जयन्ती

महावीर जयंती (महावीर स्वामी जन्म कल्याणक) चैत्र शुक्ल १३ को मनाया जाता है। यह पर्व जैन धर्म के २४वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक के उपलक्ष में मनाया जाता है। यह जैनों का सबसे प्रमुख पर्व है। .

जैन धर्म और महावीर जयन्ती · जैन लाल मंदिर, दिल्ली और महावीर जयन्ती · और देखें »

जैन मन्दिर

रणकपुर जैन मंदिर, राजस्थान जैन मंदिर जैन धर्म के अनुयायीयों के लिए भगवान की पूजा और दर्शन का स्थान है । .

जैन धर्म और जैन मन्दिर · जैन मन्दिर और जैन लाल मंदिर, दिल्ली · और देखें »

ऋषभदेव

ऋषभदेव जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर हैं। तीर्थंकर का अर्थ होता है जो तीर्थ की रचना करें। जो संसार सागर (जन्म मरण के चक्र) से मोक्ष तक के तीर्थ की रचना करें, वह तीर्थंकर कहलाते हैं। ऋषभदेव जी को आदिनाथ भी कहा जाता है। भगवान ऋषभदेव वर्तमान अवसर्पिणी काल के प्रथम दिगम्बर जैन मुनि थे। .

ऋषभदेव और जैन धर्म · ऋषभदेव और जैन लाल मंदिर, दिल्ली · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

जैन धर्म और जैन लाल मंदिर, दिल्ली के बीच तुलना

जैन धर्म 131 संबंध है और जैन लाल मंदिर, दिल्ली 10 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 2.84% है = 4 / (131 + 10)।

संदर्भ

यह लेख जैन धर्म और जैन लाल मंदिर, दिल्ली के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: