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जीव और परस्परोपग्रहो जीवानाम्

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जीव और परस्परोपग्रहो जीवानाम् के बीच अंतर

जीव vs. परस्परोपग्रहो जीवानाम्

कवक जीव (Organism) शब्द जीवविज्ञान में सभी जीवन-सन्निहित प्राणियों के लिए प्रयुक्त होता है, जैसे: कशेरुकी जन्तु, कीट, पादप अथवा जीवाणु। एक जीव में एक या एक से अधिक कोशिकाएँ होते हैं। जिनमें एक कोशिका पाया जाता है उसे एक कोशिकीय जीव है; एक से अधिक कोशिका होने पर उस जीव को बहुकोशिकीय जीव कहा जाता है। मनुष्य का शरीर विशेष ऊतकों और अंगों में बांटा होता है, जिसमें कोशिकाओं के कई अरबों की रचना में बहुकोशिकीय जीव होते हैं। . जैन प्रतीक चिन्ह : परस्परोपग्रहो जीवानाम् परस्परोपग्रहो जीवानाम् संस्कृत भाषा में लिखे गए प्रथम जैन ग्रंथ, तत्त्वार्थ सूत्र का एक श्लोक है । इसका अर्थ होता है: "जीवों के परस्पर में उपकार हैं।"  सभी जीव एक दूसरे पर आश्रित है। .

जीव और परस्परोपग्रहो जीवानाम् के बीच समानता

जीव और परस्परोपग्रहो जीवानाम् आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): तत्त्वार्थ सूत्र

तत्त्वार्थ सूत्र

तत्त्वार्थसूत्र, जैन आचार्य उमास्वामी द्वारा रचित एक जैन ग्रन्थ है। इसे 'तत्त्वार्थ-अधिगम-सूत्र' तथा 'मोक्ष-शास्त्र' भी कहते हैं। संस्कृत भाषा में लिखा गया यह प्रथम जैन ग्रंथ माना जाता है। इसमें दस अध्याय तथा ३५० सूत्र हैं। उमास्वामी सभी जैन मतावलम्बियों द्वारा मान्य हैं। उनका जीवनकाल द्वितीय शताब्दी है। आचार्य पूज्यपाद द्वारा विरचित सर्वार्थसिद्धि तत्त्वार्थसूत्र पर लिखी गयी एक प्रमुख टीका है। .

जीव और तत्त्वार्थ सूत्र · तत्त्वार्थ सूत्र और परस्परोपग्रहो जीवानाम् · और देखें »

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जीव और परस्परोपग्रहो जीवानाम् के बीच तुलना

जीव 16 संबंध है और परस्परोपग्रहो जीवानाम् 3 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.26% है = 1 / (16 + 3)।

संदर्भ

यह लेख जीव और परस्परोपग्रहो जीवानाम् के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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