जापानी साहित्य और भारतीय साहित्य
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जापानी साहित्य और भारतीय साहित्य के बीच अंतर
जापानी साहित्य vs. भारतीय साहित्य
जापानी साहित्य काफी पुराना है। जापानी साहित्य की आरम्भिक रचनाएँ चीन और चीनी साहित्य के साथ जापान के सांस्कृतिक सम्बन्धों से बहुत प्रभावित हैं। भारतीय साहित्य ने भी बौद्ध धर्म के माध्यम से जापानी साहित्य पर अपनी छाप छोड़ी। किन्तु समय के साथ जापानी साहित्य की अपनी अलग शैली विकसित हुई किन्तु फिर भी चीनी साहित्य का प्रभाव एदो काल (Edo period) तक बना रहा। १९वीं शताब्दी में जब से जापान ने अपने बन्दरगाहों को पश्चिमी व्यापारियों एवं राजनयिकों के लिए खोल दिया है, तब से पश्चिमी साहित्य तथा जापानी साहित्य ने एक दूसरे को प्रभावित किया है। (cf.) . भारतीय साहित्य से तात्पर्य सन् १९४७ के पहले तक भारतीय उपमहाद्वीप एवं तत्पश्चात् भारत गणराज्य में निर्मित वाचिक और लिखित साहित्य से होता है। दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य हमें आदिवासी भाषाओं में मिलता है। इस दृष्टि से सभी साहित्य का मूल स्रोत है। भारतीय गणराज्य में 22 आधिकारिक मान्यता प्राप्त भाषाएँ है। जिनमें मात्र 2 आदिवासी भाषाओं - संथाली और बोड़ो - को ही शामिल किया गया है। .
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संदर्भ
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