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ज़मींदारी प्रथा और मोतिहारी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ज़मींदारी प्रथा और मोतिहारी के बीच अंतर

ज़मींदारी प्रथा vs. मोतिहारी

दरभंगा के जमींदार '''लक्ष्मणेश्वर सिंह''' जमींदारी प्रथा भारत में मुगल काल एवं ब्रिटिश काल में प्रचलित एक राजनैतिक-सामाजिक कुरीति थी जिसमें भूमि का स्वामित्व उस पर काम करने वालों का न होकर किसी और (जमींदार) का होता था जो खेती करने वालों से कर वसूलते थे। भारत के स्वतंत्रत होने के बाद यह प्रथा समाप्त कर दी गयी। . मोतीहारी बिहार राज्‍य के पूर्वी चंपारण जिले का मुख्‍यालय है। बिहार की राजधानी पटना से 170 किमी दूर पूर्वी चम्‍पारण बिल्‍कुल नेपाल की सीमा पर बसा है। इसे मोतिहारी के नाम से भी लोग जानते है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी इस जिले को काफी महत्‍वपूर्ण माना जाता है। किसी समय में चम्‍पारण, राजा जनक के मिथिला राज्य का अभिन्‍न भाग था। स्‍वतंत्रता संग्राम में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्‍मा गांधी ने तो अपने राजनीतिक आंदोलन की शुरुआत यही से की थी। पर्यटन की दृष्टि यहां सीताकुंड, अरेराज, केसरिया, चंडी स्‍थान जैसे जगह घूमने लायक है। .

ज़मींदारी प्रथा और मोतिहारी के बीच समानता

ज़मींदारी प्रथा और मोतिहारी आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

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ज़मींदारी प्रथा और मोतिहारी के बीच तुलना

ज़मींदारी प्रथा 10 संबंध है और मोतिहारी 21 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (10 + 21)।

संदर्भ

यह लेख ज़मींदारी प्रथा और मोतिहारी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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