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जर्मन साम्राज्य और जर्मनी का इतिहास

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जर्मन साम्राज्य और जर्मनी का इतिहास के बीच अंतर

जर्मन साम्राज्य vs. जर्मनी का इतिहास

जर्मन साम्राज्य यूरोप में १९१४ में प्रथम विश्वयुद्ध के पूर्व जर्मन साम्राज्य का विस्तार जर्मन साम्राज्य (जर्मन भाषा: Deutsches Reich या Deutsches Kaiserreich) ऐतिहासिक जर्मन राष्ट्र-राज्य था जो १८७१ में जर्मनी के एकीकरण से लेकर १९१८ में प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी की पराजय तक अस्तित्व में था। १९१८ में यह संघीय गणराज्य बन गया। जर्मन साम्राज्य को कभी-कभी जर्मन राइख (German Reich) भी कहते हैं। . प्राचीन रोमन डैन्यूब नदी के उत्तर में रहने वाले "बर्बर कबीलों" वाले देशों को गेर्मानिया (Germania) कहा करते थे, जिसके नाम पर अंग्रेज़ी शब्द 'Germany' पड़ा। ये कबीले 'पुरानी जर्मन भाषा' की बोलियाँ बोलते थे। धीरे-धीरे इनका ईसाईकरण हुआ और जर्मन देश ईसाई पवित्र रोमन साम्राज्य का केन्द्र बन गया। दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में पश्चिमी यूरोप में जर्मन जातियों के अभ्युदय का उल्लेख मिलता है। कुछ जातियाँ जैसे अलामन्नी (Alamanni) बरगंडियाई (Burgundians), फ्रांक (Franks) लंबार्ड (Lombards) ओस्ट्रोगोथ (Ostrogoths) और विज़ीगोथ (Visigoths) पूर्व में राइन नदी के मुहाने, पश्चिम में एल्बे नदी और दक्षिण में उत्तरी इटली के भागों के बीच धीरे-धीरे बसीं। उनमें से कुछ ने इटली पर आक्रमण किया और रोम साम्राज्य का विनाश किया, अन्य फ्रांस और ब्रिटेन में बस गई। राइन नदी के दोनों ओर का क्षेत्र कुछ दिन विवाद में रहने के पश्चात्‌ फ्रांकों के रोमन सम्राट् शार्लमेन द्वारा नवीं शताब्दी में अधिकृत किया गया। लेकिन शताब्दी के अंतिम दिनों जर्मन साम्राज्य तीन भागों में बँट गया। सैस्कन सम्राट् ओटो प्रथम ने 962 ई. में इटली और जर्मनी को एक सूत्र में बाँधा। आगे चलकर अशांतिपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। फ्रैडरिक द्वितीय ने अपने शासन को सिसली में ही केंद्रित रखा, इस प्रकार जर्मनी लगभग उपेक्षित रहा। 1273 में हप्सबर्ग का रुडाल्फ सम्राट् निर्वाचित हुआ, किंतु उसके लिये भी बड़े साम्राज्य को कायम रखना असाध्य हो गया था। रोमन साम्राज्य जिस समय लड़खड़ा रहा था, इंग्लैंड, फ्रांस ओर स्पेन शक्तिशाली राज्य बन रहे थे। जर्मनी उस समय समृद्ध था- इसके विरुद्ध उपर्युक्त तीनों राज्यों ने संधि की। लेकिन जर्मनी की राजनैतिक अस्थिरता के कारण वहाँ 16वीं शताब्दी में मार्टिन लूथर के नेतृत्व में आंदोलन हुआ। अंत में इस आंदोलन ने 30 वर्षीय धर्मयुद्ध (1618-1648) का रूप लिया। इसमें जर्मनी के लगभग 300 टुकड़े हुए। 18वीं शताब्दी में इन छोटी-छोटी स्वतंत्र इकाइयों ने प्रशा में अत्यधिक उन्नति की। फ्रांसीसी क्रांति ओर नेपोलियन के युद्धों के समय से जर्मनी में राष्ट्रीयता की चेतना का आविर्भाव हुआ। यह चेतना आगे चलकर उदारवादी आंदोलन के रूप में बदली। 1871 में तत्कालीन चाँसलर ओटाबान बिसमार्क ने आस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से युद्ध करके जर्मन राज्य को संगठित किया। फ्रांस की पराजय के बाद जर्मनी ने सैनिक, औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की। विसमार्क ने इस स्थिति में अन्य यूरोपीय शक्तियों से संबंध स्थापित किया। 1888 ई. में विलियम द्वितीय सम्राट् हुआ। देश की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में पुन: अशांति उत्पन्न हुई, जिसने 20वीं शताब्दी में प्रथम विश्वयुद्ध का रूप लिय। इस युद्ध में जर्मन सेनाएँ पराजित हुई। इस पराजय से उत्पन्न आर्थिक और सामाजिक अव्यवस्थाओं तथा 'मित्र राष्ट्रों' की 'वार्सा-संधि' के अनुसार आर्थिक दबावों की परिस्थिति में एडाल्फ हिटलर तथा नेशनल सोशलिस्ट पार्टी (नाजी दल) ने 1933 में जर्मनी की सत्ता ग्रहण की। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद वीमर (Weimer) संविधान के अनुसार गणराज्य घोषित जर्मनी में हिटलर ने अपना अधिनायकत्व स्थापित किया। उसने अपने शासनकाल में जर्मनी को सभी क्षेत्रों में सुदृढ़ किया। उसकी साम्राज्यवादी नीति ने, जिससे उसने यूरोप का बड़ा भाग 1939 तक कुछ संधियों से और कुछ सैनिक तरीकों से जर्मनी में जोड़ लिया, द्वितीय विश्वयुद्ध की परिस्थितियाँ मित्र राष्ट्रों के समक्ष आत्मसमर्पण करना पड़ा। रूस, ब्रिटेन, संयुक्तराज्य अमरीका और फ्रांस ने जर्मनी के चार भाग करके परस्पर बाँट लिए। 1949 में शांति समझौते के अनुसार जर्मनी की फेडरल जर्मन रिपब्लिक (पश्चिमी) और जर्मन डिमाक्रेटिक रिपब्लिक (पूर्वी) दो भाग हुए। पूर्वी भाग, जिसमें पूर्वी प्रशा भी संमिलित है, जो कि 1937 के पूर्व जर्मनों के और अब पोलैंड और रूस के अधिकार में हैं। 1990 में कम्युनिस्ट पूर्वी जर्मनी की मार्क्सवादी सरकार ढह गयी और जर्मनी का वापिस एकीकरण हुआ। .

जर्मन साम्राज्य और जर्मनी का इतिहास के बीच समानता

जर्मन साम्राज्य और जर्मनी का इतिहास आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पहला विश्व युद्ध, जर्मनी का एकीकरण

पहला विश्व युद्ध

पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं। यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया) तथा इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध कहते हैं। पहला विश्व युद्ध लगभग 52 माह तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था। क़रीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अंदाज़न एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए। इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्व युद्ध ख़त्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी (हैप्सबर्ग) और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएँ फिर से निर्धारित हुई और अमेरिका निश्चित तौर पर एक 'महाशक्ति ' बन कर उभरा। .

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जर्मनी का एकीकरण

एकीकृत जर्मनी (१८७१ में) १८ जनवरी १८७१ को वर्सेली के 'हॉल ऑफ मिरर्स' में जर्मन साम्राज्य की स्थापना मध्य यूरोप के स्वतंत्र राज्यों (प्रशा, बवेरिआ, सैक्सोनी आदि) को आपस में मिलाकर १८७१ में एक राष्ट्र-राज्य व जर्मन साम्राज्य का निर्माण किया गया। इसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का नाम जर्मनी का एकीकरण है। इसके पहले यह भूभाग (जर्मनी) ३९ राज्यों में बंटा हुआ था। इसमें से ऑस्ट्रियाई साम्राज्य तथा प्रशा राजतंत्र अपने आर्थिक तथा राजनीतिक महत्व के लिये प्रसिद्ध थे। .

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जर्मन साम्राज्य और जर्मनी का इतिहास के बीच तुलना

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संदर्भ

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