चेरुशेरी नम्बूतिरी और भारतीय साहित्य अकादमी
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चेरुशेरी नम्बूतिरी और भारतीय साहित्य अकादमी के बीच अंतर
चेरुशेरी नम्बूतिरी vs. भारतीय साहित्य अकादमी
चेरुशेरी नम्बूतिरी (१३७५-१४७५) कृष्ण गाधा के लेखक है। इस महाकाव्य को मलयालम महीने के दौरान कृष्ण की पूजा के एक अधिनियम के रूप में भारत में किया जाता है। चेरुशेरी नम्बूतिरी १३७५ और १४७५ ए.डी के बीच रहता करते है। चेरुशेरी उनका पैतृक इल्लम का नाम है।। उनका जन्म कन्नूर जिले उत्तर मलबार के कोलत्तुनाडु के कानत्तूर ग्राम में हुए। अनेक विद्वानों का राय यह है की वो पूनत्तिल नम्बूतिरी के अलावा अन्य कोई नही है। वह एक अदालत कवी और कोलत्तुनाडु की उदयवर्मा राजा के आश्रित थे। . भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .
चेरुशेरी नम्बूतिरी और भारतीय साहित्य अकादमी के बीच समानता
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संदर्भ
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