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चू राज्य (प्राचीन चीन)

सूची चू राज्य (प्राचीन चीन)

चू (Chu) राज्य झगड़ते राज्यों के काल के सात मुख्य राज्यों में से एक था (हरे रंग में) चू राज्य (चीनी भाषा: 楚國, चू गुओ; अंग्रेज़ी: Chu) प्राचीन चीन के झोऊ राजवंश के दौरान एक रियासत थी। यह लगभग १०३० ईसापूर्व से २२३ ईसापूर्व तक चला। इस राज्य का नाम पहले जिंग (荆, Jing) था, फिर जिंगचू (荆楚, Jingchu) हुआ और अंत में केवल चू नाम रहा। अपने चरम पर इस राज्य में एक विशाल क्षेत्रफल शामिल था, जिसमें आधुनिक हूबेई और हूनान प्रान्त के पूर्ण इलाक़े और चोंगचिंग, गुइझोऊ, हेनान, जिआंगशी, जिआंगसू, झेजियांग और शंघाई के भी भाग शामिल थे। इसकी राजधानी पहले दानयांग (丹阳, Danyang) था लेकिन फिर यिंग (郢, Ying) बन गया। २२५ ईपू में झगड़ते राज्यों के काल के आख़िरी सालों में पड़ोसी चिन राज्य ने उसपर क़ब्ज़ा कर लिया। यही बड़ा राज्य आगे चलकर चिन राजवंश का आधार बन गया जिसने पूरे चीन को अपने राज्य में संगठित किया।, Zhengyuan Fu, Cambridge University Press, 1993, ISBN 978-0-521-44228-2 .

19 संबंधों: चिन राजवंश, चिन राज्य (प्राचीन चीन), चू युआन, चू-त्सि, चीन, चीन की विशाल दीवार, चीनी भाषा, झगड़ते राज्यों का काल, झेजियांग, झोऊ राजवंश, शंघाई, हान राजवंश, हूनान, हूबेई, हेनान, जिआंगशी, जिआंगसू, गुइझोऊ, अंग्रेज़ी भाषा

चिन राजवंश

२१० ईसापूर्व में चिन साम्राज्य का नक़्शा चिन शि हुआंग (秦始皇) जो झगड़ते राज्यों के काल में चिन राज्य (秦国) के शासक और फिर पूरे चीन के पहले चिन राजवंश के सम्राट बने चिन राजवंश (चीनी:秦朝, चिन चाओ; अंग्रेज़ी: Qin Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २२१ ईसापूर्व से २०७ ईसापूर्व तक राज किया। चिन वंश शान्शी प्रांत से उभर कर निकला और इसका नाम भी उसी प्रांत का परिवर्तित रूप है। जब चिन ने चीन पर क़ब्ज़ा करना शुरू किया तब चीन में झोऊ राजवंश का केवल नाम मात्र का नियंत्रण था और झगड़ते राज्यों का काल चल रहा था। चिन राजवंश उन्ही झगड़ते राज्यों में से एक, चिन राज्य (秦国, चिन गुओ), से आया था। सबसे पहले चिन ने कमज़ोर झोऊ वंश को समाप्त किया और फिर बाक़ी के छह राज्यों को नष्ट कर के चीन का एकीकरण किया।, William Scott Morton, Charlton M. Lewis, McGraw-Hill Professional, 2005, ISBN 978-0-07-141279-7,...

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चिन राज्य (प्राचीन चीन)

चिन (Qin) राज्य झगड़ते राज्यों के काल के सात मुख्य राज्यों में से एक था और उन सब से पश्चिम में स्थित था चिन राज्य (चीनी भाषा: 秦国, चिन गुओ; अंग्रेज़ी: Qin) प्राचीन चीन के झोऊ राजवंश के अंतिम भाग में बसंत और शरद काल और झगड़ते राज्यों के काल के दौरान एक रियासत थी। यह ७७८ ईसापूर्व से २०७ ईसापूर्व तक चला। उस ज़माने में सात राज्य आपस में झगड़ रहे थे जिनमें से चिन राज्य सब से शक्तिशाली राज्यों में से एक बन कर उभरा। २२१ ईसापूर्व में चिन राज्य ने पूरे चीन को अपने अधीन कर लिया और चीन में चिन राजवंश का काल आरम्भ हुआ।, Zhengyuan Fu, Cambridge University Press, 1993, ISBN 978-0-521-44228-2 .

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चू युआन

चू युआन चू युआन (चीनी: 屈原, अंग्रेज़ी: Qu Yuan; जन्म: ३३९ ईसापूर्व; देहांत: २७८ ईसापूर्व) चीन के झगड़ते राज्यों के काल के एक प्रसिद्ध कवि थे। वह अपने 'चू-त्सि' (楚辭, Chu Ci) नामक कविता संग्रह के लिए मशहूर हैं ('चू-त्सि' का अर्थ 'दक्षिण के गीत' है)। उनके जीवन के बारे में बहुत कम तथ्य ज्ञात हैं और कुछ विद्वानों ने इस बात पर भी शक़ जतलाया है कि पूरा 'चू-त्सि' संग्रह वास्तव में उन्ही का लिखा हुआ है। फिर भी इस संग्रह की सबसे लोकप्रिय कविता, 'ली साओ' (離騷, Li Sao) को लगभग सभी उन्ही की कृति मानते हैं। उनके जीवन के बारे में कुछ सीमित जानकारी सीमा चियान के महान इतिहासकार के अभिलेख नामक इतिहास-ग्रन्थ से आधुनिक युग तक पहुँची है, हालाँकि उसके कुछ तथ्य एक-दूसरे से टकराते हैं।, Zong-qi Cai, Columbia University Press, 2008, ISBN 978-0-231-13941-0,...

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चू-त्सि

सन् २००७ में बना यह चित्र 'चू त्सि' के 'दिव्य प्रश्न' (天問, तियान वेन) नामक विभाग से प्रेरित है चू त्सि (चीनी: 楚辭, अंग्रेज़ी: Chu Ci), जिसे दक्षिण के गीत और चू के गीत भी कहा जाता है, एक चीनी भाषा का कविता-संग्रह है जिसकी रचना पारंपरिक रूप से चीनी इतिहास के झगड़ते राज्यों के काल में चू युआन (屈原, Qu Yuan) और सोंग यु (宋玉, Song Yu) द्वारा (३०० से २०० ईसापूर्व में) की गई मानी जाती है, हालाँकि इसकी कुछ कवितायेँ शायद बाद के हान राजवंश काल में लिखी जाकर इसमें सम्मिलित हो गईं। इसमें १७ मुख्य विभाग हैं।, Zong-qi Cai, Columbia University Press, 2008, ISBN 978-0-231-13941-0,...

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीन की विशाल दीवार

चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है। यह दीवार ६,४०० किलोमीटर (१०,००० ली, चीनी लंबाई मापन इकाई) के क्षेत्र में फैली है। इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग ६७०० कि॰मी॰ (४१६० मील) है। हालांकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के हाल के सर्वेक्षण के अनुसार समग्र महान दीवार, अपनी सभी शाखाओं सहित तक फैली है। अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु दस लाख से अधिक लोग नियुक्त थे। यह अनुमानित है, कि इस महान दीवार निर्माण परियोजना में लगभग २० से ३० लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था।डैमियन ज़िमर्मैन,, ICE केस स्टडीज़, दिसंबर, १९९७ चीन में राज्य की रक्षा करने के लिए दीवार बनाने की शुरुआत हुई आठवीं शताब्दी ईसापूर्व में जिस समय कुई (अंग्रेजी:Qi), यान (अंग्रेजी:Yan) और जाहो (अंग्रेजी:Zhao) राज्यों ने तीर एवं तलवारों के आक्रमण से बचने के लिए मिटटी और कंकड़ को सांचे में दबा कर बनाई गयी ईटों से दीवार का निर्माण किया। ईसा से २२१ वर्ष पूर्व चीन किन (अंग्रेजी:Qin) साम्राज्य के अनतर्गत आ गया। इस साम्राज्य ने सभी छोटे राज्यों को एक करके एक अखंड चीन की रचना की। किन साम्राज्य से शासको ने पूर्व में बनायी हुई विभिन्न दीवारों को एक कर दिया जो की चीन की उत्तरी सीमा बनी। पांचवीं शताब्दी से बहुत बाद तक ढेरों दीवारें बनीं, जिन्हें मिलाकर चीन की दीवार कहा गया। प्रसिद्धतम दीवारों में से एक २२०-२०६ ई.पू.

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चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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झगड़ते राज्यों का काल

३५० ईसापूर्व में झगड़ते राज्यों की स्थिति झगड़ते राज्यों के काल से एक लोहे की और दो कांसे की तलवारें झगड़ते राज्यों का काल (चीनी:战国时代, झांगुओ शिदाई; अंग्रेज़ी: Warring States Period) प्राचीन चीन के पूर्वी झोऊ राजवंश काल के दुसरे भाग को कहते हैं, जो लौह युग में लगभग ४७५ ईसापूर्व से २२१ ईसापूर्व तक चला। पूर्वी झोऊ राजकाल में इस से पहले बसंत और शरद काल आया था। झगड़ते राज्यों के काल के बाद २२१ ईसापूर्व में चिन राजवंश का काल आया जिन्होनें चीन को फिर से एक व्यवस्था में संगठित किया। ध्यान रखने योग्य बात है कि पूर्वी झोऊ काल में वैसे तो झोऊ सम्राट को सर्वोच्च कहा जाता था, लेकिन यह सिर्फ़ नाम मात्र ही था - सारी शक्तियाँ वास्तव में भिन्न राज्यों के राजाओं-जागीरदारों के पास थीं। 'झगड़ते राज्यों के काल' का नाम हान राजवंश के दौरान लिखे गए 'झगड़ते राज्यों का अभिलेख' नामक इतिहास-ग्रन्थ से लिया गया है। इस बात पर विवाद है कि 'बसंत और शरद काल' किस समय ख़त्म हुआ और 'झगड़ते राज्यों का काल' कब शुरू हुआ, लेकिन बहुत से इतिहासकार जिन (Jìn) नामक राज्य के वहाँ की तीन शक्तिशाली परिवारों के बीच के विभाजन को इस काल की आरंभिक घटना मानते हैं और यह ४०३ ईसापूर्व में हुआ था।, P. J. Ivanhoe, Bryan William Van Norden, Hackett Publishing, 2005, ISBN 978-0-87220-780-6,...

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झेजियांग

झेजिआंग (浙江, Zhejiang) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी तट पर स्थित एक प्रांत है। इस प्रान्त की राजधानी हांगझोऊ है। 'झेजिआंग' का मतलब 'टेढ़ी नदी' होता है, जो चिआनतांग नदी का पुराना नाम था। चीनी भावचित्रों में इस प्रान्त के नाम को संक्षिप्त रूप से '浙' ('झे') लिखा जाता है। झेजिआंग चीन के सबसे समृद्ध प्रान्तों में से एक है और ऐतिहासिक रूप से हांगझोऊ चीन की राजधानी भी रहा है।, Simon Holledge, Lynn Pan, Passport Books, 1987, Random House Digital, Inc., 2007, ISBN 9781400017317 .

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झोऊ राजवंश

चीन के झोऊ राजवंश का इलाक़ा (लाल रंग) पश्चिमी झोऊ युग में बना कांसे का एक समारोहिक बर्तन झोऊ राजवंश (चीनी: 周朝, झोऊ चाओ; पिनयिन अंग्रेज़ीकरण: Zhou dynasty) प्राचीन चीन में १०४६ ईसापूर्व से २५६ ईसापूर्व तक राज करने वाला एक राजवंश था। हालांकि झोऊ राजवंश का राज चीन के किसी भी अन्य राजवंश से लम्बे काल के लिए चला, वास्तव में झोऊ राजवंश के शाही परिवार ने, जिसका पारिवारिक नाम 'जी' (姬, Ji) था, चीन पर स्वयं राज केवल ७७१ ईसापूर्व तक किया। झोऊ राजवंश के इस १०४६ से ७७१ ईसापूर्व के काल को, जब जी परिवार का चीन पर निजी नियंत्रण था, पश्चिमी झोऊ राजवंश काल कहा जाता है। ७७१ ईसापूर्व के बाद के काल को पूर्वी झोऊ राजवंश काल कहा जाता है।, Dr John A.G. Roberts, Palgrave Macmillan, 2011, ISBN 978-0-230-34536-2,...

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शंघाई

शंघाई (चीनी: 上海; पिनयिन) चीनी जनवादी गणराज्य का सबसे बड़ा नगर है। यह देश के पूर्वी भाग में यांग्त्ज़े नदी के डेल्टा पर स्थित है। यह अर्थव्यवस्था और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से चीन का सबसे बड़ा नगर है। यह देश की चार नगरपालिकाओं में से एक है और उसी स्तर पर है जिसपर कि चीन का कोई अन्य प्रान्त। नगर सीमा के भीतर की जनसंख्या ९३ लाख है और पूरी नगरपालिका में १ करोड़ ८१ लाख लोग रहते हैं। १ जनवरी, २००६ की स्थिति तक यहां १ करोड़ ३७ लाख स्थाई निवासी और ४४ लाख अस्थाई निवासी थे जिनके पास रहने का वैध परमिट था। इसके अतिरिक्त यहां ३० लाख लोग अवैध रूप से भी रहते है। .

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हान राजवंश

चीन में हान साम्राज्य का नक़्शा एक मकबरे में मिला हानवंश के शासनकाल में निर्मित लैम्प हान काल में जारी किया गया एक वुशु (五銖) नाम का सिक्का हान काल में बना कांसे के गियर (दांतदार पहिये) बनाने का एक साँचा हान राजवंश (चीनी: 漢朝, हान चाओ; अंग्रेज़ी: Han Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २०६ ईसापूर्व से २२० ईसवी तक राज किया। हान राजवंश अपने से पहले आने वाले चिन राजवंश (राजकाल २२१-२०७ ईसापूर्व) को सत्ता से बेदख़ल करके चीन के सिंहासन पर विराजमान हुआ और उसके शासनकाल के बाद तीन राजशाहियों (२२०-२८० ईसवी) का दौर आया। हान राजवंश की नीव लिऊ बांग नाम के विद्रोही नेता ने रखी थी, जिसका मृत्यु के बाद औपचारिक नाम बदलकर सम्राट गाओज़ू रखा गया। हान काल के बीच में, ९ ईसवी से २३ ईसवी तक, शीन राजवंश ने सत्ता हथिया ली थी, लेकिन उसके बाद हान वंश फिर से सत्ता पकड़ने में सफल रहा। शीन राजवंश से पहले के हान काल को पश्चिमी हान राजवंश कहा जाता है और इसके बाद के हान काल को पूर्वी हान राजवंश कहा जाता है। ४०० से अधिक वर्षों का हान काल चीनी सभ्यता का सुनहरा दौर माना जाता है। आज तक भी चीनी नसल अपने आप को 'हान के लोग' या 'हान के बेटे' बुलाती है और हान चीनी के नाम से जानी जाती है। इसी तरह चीनी लिपि के भावचित्रों को 'हानज़ी' (यानि 'हान के भावचित्र') बुलाया जाता है।, Xiaoxiang Li, LiPing Yang, Asiapac Books Pte Ltd, 2005, ISBN 978-981-229-394-7,...

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हूनान

चीन में हूनान प्रांत (लाल रंग में) हूनान (湖南, Hunan) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित एक प्रांत है। हूनान का अर्थ 'झील से दक्षिण' होता है, जो इस प्रांत की दोंगतिंग झील से दक्षिण की स्थिति पर पड़ा है। हूनान की राजधानी चांगशा (长沙, Changsha) शहर है। क्योंकि शिआंग नदी इस प्रान्त की एक प्रमुख नदी है इसलिए इस प्रान्त को चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त रूप से 'शिआंग' (湘, Xiang) लिखा जाता है। यह प्राचीनकाल में शक्तिशाली चू राज्य का हिस्सा था। हूनान का क्षेत्रफल २,११,८०० वर्ग किमी है, यानि भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य से ज़रा कम। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ६,५६,८३,७२२ थी, यानि भारत के झारखंड राज्य से ज़रा कम। हूनान का मौसम गरम और नम माना जाता है। सर्दियों में बर्फ़ कभी-कभार ही पड़ती है। मौसम में गर्मी और नमी के कारण खाना जल्दी ख़राब हो जाता है, इसलिए हुनानी खाना अपने मिर्च-मसालों के लिए प्रसिद्ध है जो इसे अधिक देर तक सुरक्षित रखते हैं।, Noelle Salmi, John Wiley & Sons, 2009, ISBN 978-0-470-38744-3,...

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हूबेई

चीन में हूबेई प्रांत (लाल रंग में) हूबेई (湖北, Hubei) जनवादी गणराज्य चीन के मध्य भाग में स्थित एक प्रांत है। हूबेई का अर्थ 'झील से उत्तर' होता है, जो इस प्रांत की दोंगतिंग झील से उत्तर की स्थिति पर पड़ा है। हुबेई की राजधानी वूहान (武汉, Wuhan) शहर है। चीनी इतिहास के चिन राजवंश काल में हुबेई के पूर्वी भाग में 'अ' (鄂) नामक प्रान्त होता था जिस वजह से हुबेई को चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त रूप से '鄂' (अ, È) लिखा जाता है। यहाँ प्राचीनकाल में शक्तिशाली चू राज्य भी स्थित था इसलिए इसे लोक-संस्कृति में 'चू' (楚, Chu) भी बोला जाता है। हूबेई का क्षेत्रफल १,८५,९०० वर्ग किमी है, यानि भारत के कर्नाटक राज्य से ज़रा कम। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ५,७२,३७,७४० थी, यानि भारत के गुजरात राज्य से ज़रा कम। इस प्रान्त के पश्चिमी इलाक़े के वुदांग पहाड़ों (武当山, Wudang Shan, वुदांग शान) में बहुत से ऐतिहासिक ताओधर्मी मठ हैं, जिनमें से कुछ में कंग-फ़ू जैसी युद्ध कलाएँ सिखाई जाती थीं। हूबेई का मौसम अच्छा माना जाता है: न ज़्यादा गर्म और न अधिक सर्द। सर्दियों में बर्फ़ कभी-कभार ही पड़ती है। प्रान्त में हान चीनी लोग बहुसंख्य हैं, हालांकि दक्षिण-पश्चिमी भाग में मियाओ लोगों की ह्मोंग जाति और तुजिया लोगों के समुदाय रहते हैं।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2,...

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हेनान

हेनान (河南, Henan) जनवादी गणराज्य चीन के केन्द्रीय भाग में स्थित एक प्रांत है। हान राजवंश के ज़माने में इस क्षेत्र में एक युझोऊ (豫州, Yuzhou) नामक राज्य हुआ करता था इसलिए चीनी भावचित्रों में हेनान प्रांत को संक्षिप्त रूप में '豫' (उच्चारण: यु) लिखते हैं। 'हेनान' नाम दो शब्दों को जोड़कर बना है: 'हे' यानि 'नदी' और 'नान' यानि 'दक्षिण'। हेनान पीली नदी (ह्वांग हे) के दक्षिण में है, इसलिए इसका नाम यह पड़ा। हेनान को चीनी सभ्यता की जन्मभूमि माना जाता है क्योंकि चीन का एक अति-प्राचीन राजवंश, शांग राजवंश, यहीं केन्द्रित था।, Long River Press, 2008, ISBN 978-1-59265-060-6,...

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जिआंगशी

चीन में जिआंगशी प्रांत (लाल रंग में) जिआंगशी (江西, Jiangxi) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित एक प्रांत है। इसका विस्तार उत्तर में यांग्त्से नदी के मैदानी इलाक़ों से लेकर दक्षिण में पहाड़ी क्षेत्र तक है। जिआंगशी की राजधानी नानचांग शहर है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल १,६६,९०० वर्ग किमी है, यानि भारत के उड़ीसा राज्य से ज़रा ज़्यादा। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ४,४५,६७,४७५ थी और यह भी भारत के उड़ीसा राज्य से ज़रा ज़्यादा थी। जिआंगशी का नाम तंग राजवंश के काल से है जब इसे 'जिआंगनानशीदाओ' (江南西道, Jiangnanxidao) कहा जाता था, जिसका मतलब 'पश्चिमी जियांगनान प्रांत' है (जियांगनान एक भौगोलिक क्षेत्र का नाम है)। इस प्रांत से गान नदी निकलती है इसलिए इसका चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त नामांकन '赣' है (गान, Gan)। इस प्रांत में प्रसिद्ध पोयांग झील भी है, इसलिए इसे कभी-कभी 'गोमपोताइति' (贛鄱大地, Gompotaiti) भी कहते हैं, जिसका अर्थ है 'गान (उर्फ़ गोम) नदी और पो (उर्फ़ पोयांग) झील की महान भूमि'। जिआंगशी अपने पड़ोसी प्रान्तों से पिछड़ा हुआ है। यहाँ चावल की खेती पर ज़ोर है और इसे कभी-कभी 'चावल और मछली का देश' भी कहा जाता है। चीन में जिआंगशी के लोगों को कम महनती और आराम-पसंद भी समझा जाता है।, Khoon Choy Lee, World Scientific, 2005, ISBN 978-981-256-618-8,...

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जिआंगसू

चीन में जिआंगसू प्रांत (लाल रंग में) जिआंगसू (江苏, Jiangsu) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी तट पर स्थित एक प्रांत है। इसका नाम 'जिआंग' (जो नानजिंग का पुराना नाम था) और 'सू' (जो सूझोऊ शहर के नाम का पहला शब्दांश है) को जोड़कर बनाया गया था। चीन के सभी प्रान्तों में से जिआंगसू में सबसे घनी आबादी है। जिआंगसू की राजधानी नानजिंग शहर है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल १,०२,६०० वर्ग किमी है, यानि भारत के बिहार राज्य से ज़रा ज़्यादा। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ७,८६,५९,९०३ थी, यानि भारत के आंध्र प्रदेश राज्य से ज़रा कम। जिआंगसू का पीले सागर से १,००० किमी से भी लम्बा किनारा लगता है और प्रान्त के दक्षिणी भाग से यांग्त्से नदी गुज़रती है। १९७८ में शुरू हुए चीनी आर्थिक सुधारों के बाद जिआंगसू में ज़बरदस्त तरक्क़ी हुई है। यहाँ की औसत प्रति व्यक्ति आय चीन के किसी भी अन्य प्रान्त से ज़्यादा है हालांकि प्रान्त के उत्तरी हिस्से दक्षिण की तुलना में काफ़ी पिछड़ गए हैं। इस प्रान्त से दुनिया भर में ऍलॅक्ट्रॉनिक सामान, रसायन और वस्त्र निर्यात होते हैं और चीन में सबसे ज़्यादा विदेशी पूँजी भी यहीं निवेशित है। .

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गुइझोऊ

(贵州, Guizhou) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिण में स्थित एक प्रांत है। इसकी राजधानी गुइयांग शहर है। यह प्रांत अधिकतर एक पहाड़ी इलाक़ा है लेकिन इसके पूर्वी और दक्षिणी भाग में मैदान हैं। यह चीन के सबसे पिछड़े और ग़रीब प्रान्तों में गिना जाता है।, Yue-man Yeung, Jianfa Shen, Chinese University Press, 2004, ISBN 978-962-996-157-2,...

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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