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चिरसम्मत भौतिकी और शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

चिरसम्मत भौतिकी और शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व के बीच अंतर

चिरसम्मत भौतिकी vs. शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व

आधुनिक भौतिकी के चार प्रमुख क्षेत्र चिरसम्मत भौतिकी (क्लासिकल फिजिक्स) भौतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य और ऊर्जा दो अलग अवधारणाएं हैं। प्रारम्भिक रूप से यह न्यूटन के गति के नियम व मैक्सवेल के विद्युतचुम्बकीय विकिरण सिद्धान्त पर आधारित है। चिरसम्मत भौतिकी को सामान्यतः विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है। इनमें यांत्रिकी (इसमें पदार्थ की गति तथा उस पर आरोपित बलों का अध्ययन किया जाता है।), गतिकी, स्थैतिकी, प्रकाशिकी, उष्मागतिकी (ऊर्जा और उष्मा का अध्ययन) और ध्वनिकी शामिल हैं तथा इसी प्रकार विद्युत व चुम्बकत्व के परिसर में दृष्टिगोचर अध्ययन। द्रव्यमान संरक्षण का नियम, ऊर्जा संरक्षण का नियम और संवेग संरक्षण का नियम भी चिरसम्मत भौतिकी में महत्वपूर्ण हैं। इसके अनुसार द्रव्यमान और ऊर्जा को ना ही तो बनाया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता और केवल बाह्य असन्तुलित बल आरोपित करके ही संवेग को परिवर्तित किया जा सकता है। . शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व (Classical electromagnetism) सैद्धान्तिक भौतिकी की वह शाखा है जिसमें न्यूटनवादी भौतिकी के आधार पर विद्युत आवेशों (चार्ज) और विद्युत धाराओं (करंट) के एक-दूसरे के ऊपर हुए प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। यह आधुनिक विद्युत्चुम्बकत्व से ज़रा भिन्न है क्योंकि शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व में केवल क्वान्टम भौतिकी को पूरी तरह से नज़र-अंदाज़ किया जाता है। क्वान्टम प्रभावों को उपेक्षित करने के कारण शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व केवल बड़ी वस्तुओं और विद्युत धाराओं को ही समझने में सक्षम है। ऐसे बड़े पैमानों पर शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व से बहुत लाभ उठाया जा सकता है। .

चिरसम्मत भौतिकी और शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व के बीच समानता

चिरसम्मत भौतिकी और शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): प्रमात्रा यान्त्रिकी, विद्युत्चुम्बकत्व

प्रमात्रा यान्त्रिकी

प्रमात्रा यान्त्रिकी (Quantum mechanics) कुछ वैज्ञानिक सिद्धान्तों का एक समुच्चय है जो परमाणवीय पैमाने पर उर्जा एवं पदार्थ के ज्ञात गुणधर्मों की व्याख्या करते हैं। इसमें उप-परमाणु पैमाने पर जो प्रकाश और उप-परमाण्वीय कणों में तरंग-कण द्विरूप देखा जाता है, उसका गणित आधार सम्मिलित है। क्वाण्टम यान्त्रिकी में उर्जा और पदार्थ के गहरे सम्बन्ध का भी गणित आधार सम्मिलित है। .

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विद्युत्चुम्बकत्व

'''चिद्युत्चुम्बक''': विद्युत्चुम्बकीय बल के अनुप्रयोग का एक उदाहरण है। विद्युत्चुम्बकत्व (Electromagnetism) या विद्युतचुम्बकीय बल (electromagnetic force) प्रकृति में पाये जाने वाले चार प्रकार के मूलभूत बलों या अन्तःक्रियाओं में से एक है। अन्य तीन मूलभूत बल हैं - प्रबल अन्योन्यक्रिया, दुर्बल अन्योन्यक्रिया तथा गुरुत्वाकर्षण। विद्युत्चुम्बकीय बल को विद्युत्चुंबकीय क्षेत्र की सहायता से अभिव्यक्त किया जाता है। विद्युतचुम्बकीय बल कई रूपों में देखने को मिलता है, जैसे विद्युत आवेशित कणों के बीच बल, चुम्बकीय क्षेत्र में रखे विद्युतवाही चालक पर लगने वाला बल आदि। विद्युत्चुम्बकीय बल को प्रायः दो प्रकार का बताया जाता है-.

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चिरसम्मत भौतिकी और शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व के बीच तुलना

चिरसम्मत भौतिकी 32 संबंध है और शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व 6 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 5.26% है = 2 / (32 + 6)।

संदर्भ

यह लेख चिरसम्मत भौतिकी और शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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