चिन राजवंश और सौ विचारधाराएँ के बीच समानता
चिन राजवंश और सौ विचारधाराएँ आम में 8 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चीन, चीन के राजवंश, चीनी भाषा, झगड़ते राज्यों का काल, झोऊ राजवंश, न्यायवाद (चीनी दर्शनशास्त्र), हान राजवंश, अंग्रेज़ी भाषा।
चीन
---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पूर्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .
चिन राजवंश और चीन · चीन और सौ विचारधाराएँ ·
चीन के राजवंश
इतिहास में चीन के विभिन्न राजवंशों द्वारा नियंत्रित क्षेत्र चीन में कई ऐतिहासिक राजवंश रहे हैं। कभी-कभी इनके वर्णनों में ऐसा प्रतीत होता है के चीन में एक राजवंश स्वयं ही समाप्त हो गया और नए राजवंश ने आगे बढ़कर शासन की बागडोर संभाल ली। वास्तव में ऐसा नहीं था। कोई भी राजवंश स्वेच्छा से ख़त्म नहीं हुआ। अक्सर ऐसा होता था के नया राजवंश शुरू तो हो जाता था लेकिन वह कुछ अरसे तक कम प्रभाव रखता था और पहले से स्थापित राजवंश से लड़ाइयाँ करता था। ऐसा भी होता था के कोई पराजित राजवंश हारने के बावजूद कुछ इलाक़ों में प्रभुत्व रखता था और चीन का सिंहासन वापस छीनने की कोशिश में जुटा रहता था। उदहारण के लिए सन् 1644 में मान्चु नस्ल वाले चिंग राजवंश ने बीजिंग पर क़ब्ज़ा जमा लिया और चीन को अपने अधीन कर लिया। लेकिन चिंग राजवंश सन् 1636 में ही शुरू हो चुका था और उस से भी पहले सन् 1616 में एक अन्य नाम ("उत्तरकालीन जिन राजवंश") के नाम से अस्तित्व में आ चुका था। मिंग राजवंश बीजिंग की राजसत्ता से तो 1644 में हाथ धो बैठा, लेकिन उनके वंशज 1662 तक सिंहासन पर अपना अधिकार जतलाते रहे और उसे वापस लेने के प्रयास करते रहे। .
चिन राजवंश और चीन के राजवंश · चीन के राजवंश और सौ विचारधाराएँ ·
चीनी भाषा
चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .
चिन राजवंश और चीनी भाषा · चीनी भाषा और सौ विचारधाराएँ ·
झगड़ते राज्यों का काल
३५० ईसापूर्व में झगड़ते राज्यों की स्थिति झगड़ते राज्यों के काल से एक लोहे की और दो कांसे की तलवारें झगड़ते राज्यों का काल (चीनी:战国时代, झांगुओ शिदाई; अंग्रेज़ी: Warring States Period) प्राचीन चीन के पूर्वी झोऊ राजवंश काल के दुसरे भाग को कहते हैं, जो लौह युग में लगभग ४७५ ईसापूर्व से २२१ ईसापूर्व तक चला। पूर्वी झोऊ राजकाल में इस से पहले बसंत और शरद काल आया था। झगड़ते राज्यों के काल के बाद २२१ ईसापूर्व में चिन राजवंश का काल आया जिन्होनें चीन को फिर से एक व्यवस्था में संगठित किया। ध्यान रखने योग्य बात है कि पूर्वी झोऊ काल में वैसे तो झोऊ सम्राट को सर्वोच्च कहा जाता था, लेकिन यह सिर्फ़ नाम मात्र ही था - सारी शक्तियाँ वास्तव में भिन्न राज्यों के राजाओं-जागीरदारों के पास थीं। 'झगड़ते राज्यों के काल' का नाम हान राजवंश के दौरान लिखे गए 'झगड़ते राज्यों का अभिलेख' नामक इतिहास-ग्रन्थ से लिया गया है। इस बात पर विवाद है कि 'बसंत और शरद काल' किस समय ख़त्म हुआ और 'झगड़ते राज्यों का काल' कब शुरू हुआ, लेकिन बहुत से इतिहासकार जिन (Jìn) नामक राज्य के वहाँ की तीन शक्तिशाली परिवारों के बीच के विभाजन को इस काल की आरंभिक घटना मानते हैं और यह ४०३ ईसापूर्व में हुआ था।, P. J. Ivanhoe, Bryan William Van Norden, Hackett Publishing, 2005, ISBN 978-0-87220-780-6,...
चिन राजवंश और झगड़ते राज्यों का काल · झगड़ते राज्यों का काल और सौ विचारधाराएँ ·
झोऊ राजवंश
चीन के झोऊ राजवंश का इलाक़ा (लाल रंग) पश्चिमी झोऊ युग में बना कांसे का एक समारोहिक बर्तन झोऊ राजवंश (चीनी: 周朝, झोऊ चाओ; पिनयिन अंग्रेज़ीकरण: Zhou dynasty) प्राचीन चीन में १०४६ ईसापूर्व से २५६ ईसापूर्व तक राज करने वाला एक राजवंश था। हालांकि झोऊ राजवंश का राज चीन के किसी भी अन्य राजवंश से लम्बे काल के लिए चला, वास्तव में झोऊ राजवंश के शाही परिवार ने, जिसका पारिवारिक नाम 'जी' (姬, Ji) था, चीन पर स्वयं राज केवल ७७१ ईसापूर्व तक किया। झोऊ राजवंश के इस १०४६ से ७७१ ईसापूर्व के काल को, जब जी परिवार का चीन पर निजी नियंत्रण था, पश्चिमी झोऊ राजवंश काल कहा जाता है। ७७१ ईसापूर्व के बाद के काल को पूर्वी झोऊ राजवंश काल कहा जाता है।, Dr John A.G. Roberts, Palgrave Macmillan, 2011, ISBN 978-0-230-34536-2,...
चिन राजवंश और झोऊ राजवंश · झोऊ राजवंश और सौ विचारधाराएँ ·
न्यायवाद (चीनी दर्शनशास्त्र)
न्यायवाद (चीनी भाषा: 法家, फ़जिया; अंग्रेज़ी: Legalism, लीगलिज़म) प्राचीन चीनी इतिहास के झोऊ राजवंश के झगड़ते राज्यों के काल के सौ विचारधाराओं नामक दौर में प्रचलित एक विचारधारा थी। यह सामाजिक और राजनैतिक व्यवस्था पर केन्द्रित थी और जीवन के लक्ष्य और धार्मिक मामलों के साथ इसका ज़्यादा सरोकार नहीं था। शुरू में इस विचारधारा को उल्लेखित चिन राज्य के राजनेता शांग यांग (商鞅, Shang Yang, ३९०-३३८ ईसापूर्व) ने किया। इसे आगे सब से अधिक विकसित हान फ़ेईज़ी (मृत्यु २३३ ईपू) और ली सी (मृत्यु २०८ ईपू) ने किया। इनके अनुसार इंसान की मूल प्रकृति स्वार्थी है और इसे कभी बदला नहीं जा सकता। इसलिए समाज को सुव्यवस्थित रखने के लिए कड़े क़ानूनों की आवश्यकता है जिन्हें सख़्ती से लागू किया जाए। न्यायवादियों के लिए राष्ट्र और राज्य का हित नागरिकों के हित से बढ़कर है। इसलिए ज़रूरी है कि राज्य सम्पन्न और शक्तिशाली हो भले नागरिकों को कितना ही मुश्किल जीवन ही क्यों न जीना पड़े।, Zhongying Cheng, SUNY Press, 1991, ISBN 978-0-7914-0283-2,...
चिन राजवंश और न्यायवाद (चीनी दर्शनशास्त्र) · न्यायवाद (चीनी दर्शनशास्त्र) और सौ विचारधाराएँ ·
हान राजवंश
चीन में हान साम्राज्य का नक़्शा एक मकबरे में मिला हानवंश के शासनकाल में निर्मित लैम्प हान काल में जारी किया गया एक वुशु (五銖) नाम का सिक्का हान काल में बना कांसे के गियर (दांतदार पहिये) बनाने का एक साँचा हान राजवंश (चीनी: 漢朝, हान चाओ; अंग्रेज़ी: Han Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २०६ ईसापूर्व से २२० ईसवी तक राज किया। हान राजवंश अपने से पहले आने वाले चिन राजवंश (राजकाल २२१-२०७ ईसापूर्व) को सत्ता से बेदख़ल करके चीन के सिंहासन पर विराजमान हुआ और उसके शासनकाल के बाद तीन राजशाहियों (२२०-२८० ईसवी) का दौर आया। हान राजवंश की नीव लिऊ बांग नाम के विद्रोही नेता ने रखी थी, जिसका मृत्यु के बाद औपचारिक नाम बदलकर सम्राट गाओज़ू रखा गया। हान काल के बीच में, ९ ईसवी से २३ ईसवी तक, शीन राजवंश ने सत्ता हथिया ली थी, लेकिन उसके बाद हान वंश फिर से सत्ता पकड़ने में सफल रहा। शीन राजवंश से पहले के हान काल को पश्चिमी हान राजवंश कहा जाता है और इसके बाद के हान काल को पूर्वी हान राजवंश कहा जाता है। ४०० से अधिक वर्षों का हान काल चीनी सभ्यता का सुनहरा दौर माना जाता है। आज तक भी चीनी नसल अपने आप को 'हान के लोग' या 'हान के बेटे' बुलाती है और हान चीनी के नाम से जानी जाती है। इसी तरह चीनी लिपि के भावचित्रों को 'हानज़ी' (यानि 'हान के भावचित्र') बुलाया जाता है।, Xiaoxiang Li, LiPing Yang, Asiapac Books Pte Ltd, 2005, ISBN 978-981-229-394-7,...
चिन राजवंश और हान राजवंश · सौ विचारधाराएँ और हान राजवंश ·
अंग्रेज़ी भाषा
अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .
अंग्रेज़ी भाषा और चिन राजवंश · अंग्रेज़ी भाषा और सौ विचारधाराएँ ·
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या चिन राजवंश और सौ विचारधाराएँ लगती में
- यह आम चिन राजवंश और सौ विचारधाराएँ में है क्या
- चिन राजवंश और सौ विचारधाराएँ के बीच समानता
चिन राजवंश और सौ विचारधाराएँ के बीच तुलना
चिन राजवंश 15 संबंध है और सौ विचारधाराएँ 15 है। वे आम 8 में है, समानता सूचकांक 26.67% है = 8 / (15 + 15)।
संदर्भ
यह लेख चिन राजवंश और सौ विचारधाराएँ के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: