चंदबरदाई और होली के बीच समानता
चंदबरदाई और होली आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पृथ्वीराज रासो, हिन्दू धर्म, आदिकाल, अजमेर।
पृथ्वीराज रासो
'''पृथ्वीराज रासो''' के प्रथम खंड का द्वितीय संस्करण पृथ्वीराज रासो हिन्दी भाषा में लिखा एक महाकाव्य है जिसमें पृथ्वीराज चौहान के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है। इसके रचयिता राव चंद बरदाई भट्ट पृथ्वीराज के बचपन के मित्र और उनके राजकवि थे और उनकी युद्ध यात्राओं के समय वीर रस की कविताओं से सेना को प्रोत्साहित भी करते थे। ११६५ से ११९२ के बीच जब पृथ्वीराज चौहान का राज्य अजमेर से दिल्ली तक फैला हुआ था। पृथ्वीराजरासो ढाई हजार पृष्ठों का बहुत बड़ा ग्रंथ है जिसमें ६९ समय (सर्ग या अध्याय) हैं। प्राचीन समय में प्रचलित प्रायः सभी छंदों का इसमें व्यवहार हुआ है। मुख्य छन्द हैं - कवित्त (छप्पय), दूहा(दोहा), तोमर, त्रोटक, गाहा और आर्या। जैसे कादंबरी के संबंध में प्रसिद्ध है कि उसका पिछला भाग बाण भट्ट के पुत्र ने पूरा किया है, वैसे ही रासो के पिछले भाग का भी चंद के पुत्र जल्हण द्वारा पूर्ण किया गया है। रासो के अनुसार जब शहाबुद्दीन गोरी पृथ्वीराज को कैद करके ग़ज़नी ले गया, तब कुछ दिनों पीछे चंद भी वहीं गए। जाते समय कवि ने अपने पुत्र जल्हण के हाथ में रासो की पुस्तक देकर उसे पूर्ण करने का संकेत किया। जल्हण के हाथ में रासो को सौंपे जाने और उसके पूरे किए जाने का उल्लेख रासो में है - रासो में दिए हुए संवतों का ऐतिहासिक तथ्यों के साथ अनेक स्थानों पर मेल न खाने के कारण अनेक विद्वानों ने पृथ्वीराजरासो के समसामयिक किसी कवि की रचना होने में संदेह करते है और उसे १६वीं शताब्दी में लिखा हुआ ग्रंथ ठहराते हैं। इस रचना की सबसे पुरानी प्रति बीकानेर के राजकीय पुस्तकालय मे मिली है कुल ३ प्रतियाँ है। रचना के अन्त मे प्रथवीराज द्वारा शब्द भेदी बाण चला कर गौरी को मारने की बात भी की गयी है। .
चंदबरदाई और पृथ्वीराज रासो · पृथ्वीराज रासो और होली ·
हिन्दू धर्म
हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .
चंदबरदाई और हिन्दू धर्म · हिन्दू धर्म और होली ·
आदिकाल
आदिकाल सन 1000 से 1325 तक हिंदी साहित्य के इस युग को यह नाम डॉ॰ हजारी प्रसाद द्विवेदी से मिला है। आचार्य रामचंद्र शुक्लने वीरगाथा काल तथा विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने इसे वीरकाल नाम दिया है। इस काल की समय के आधार पर साहित्य का इतिहास लिखने वाले मिश्र बंधुओं ने इसका नाम प्रारंभिक काल किया और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने बीजवपन काल। डॉ॰ रामकुमार वर्मा ने इस काल की प्रमुख प्रवृत्तियों के आधार पर इसको चारण-काल कहा है और राहुल संकृत्यायन ने सिद्ध-सामंत काल। इस समय का साहित्य मुख्यतः चार रूपों में मिलता है.
आदिकाल और चंदबरदाई · आदिकाल और होली ·
अजमेर
अजमेर राजस्थान प्रान्त में अजमेर जिले का मुख्यालय एवं मुख्य नगर है। यह अरावली पर्वत श्रेणी की तारागढ़ पहाड़ी की ढाल पर स्थित है। यह नगर सातवीं शताब्दी में अजयराज सिंह नामक एक चौहान राजा द्वारा बसाया गया था। इस नगर का मूल नाम 'अजयमेरु' था। सन् १३६५ में मेवाड़ के शासक, १५५६ में अकबर और १७७० से १८८० तक मेवाड़ तथा मारवाड़ के अनेक शासकों द्वारा शासित होकर अंत में १८८१ में यह अंग्रेजों के आधिपत्य में चला गया। अजमेर में मेघवंशी, जाट, गुर्जर, रावत ब्राह्मण, गर्ग, भील व जैन समुदाय का बहुमत है नगर के उत्तर में अनासागर तथा कुछ आगे फ्वायसागर नामक कृत्रिम झीलें हैं। यहाँ का प्रसिद्ध मुसलमान फकीर मुइनुद्दीन चिश्ती का मकबरा प्रसिद्ध है। ढाई दिन के झोपड़े में कुल ४० स्तंभ हैं और सब में नए-नए प्रकार की नक्काशी है; कोई भी दो स्तंभ नक्काशी में समान नहीं हैं। तारागढ़ पहाड़ी की चोटी पर एक दुर्ग भी है। इसका आधुनिक नगर एक प्रसिद्ध रेलवे केन्द्र भी है। यहाँ पर नमक का व्यापार होता है जो साँभर झील से लाया जाता है। यहाँ खाद्य, वस्त्र तथा रेलवे के कारखाने हैं। तेल तैयार करना भी यहाँ का एक प्रमुख व्यापार है। .
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चंदबरदाई और होली के बीच तुलना
चंदबरदाई 16 संबंध है और होली 159 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 2.29% है = 4 / (16 + 159)।
संदर्भ
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