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घासीराम कोतवाल (नाटक) और सोनकुत्ता

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

घासीराम कोतवाल (नाटक) और सोनकुत्ता के बीच अंतर

घासीराम कोतवाल (नाटक) vs. सोनकुत्ता

घासीराम कोतवाल विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित मराठी नाटक है। यह ब्राह्मणों के गढ़ पूना में रोजगार की तलाश में गए एक हिंदी भाषी ब्राह्मण घासीराम के त्रासदी की कहानी है। ब्राह्मणों से अपमानित घासीराम मराठा पेशवा नाना फड़नबीस से अपनी बेटी के विवाह का सौदा करता है और पूना की कोतवाली हासिल कर उन ब्राह्मणों से बदला लेता है। किंतु नाना उसकी बेटी की हत्या कर देता है। घासीराम चाहकर भी इसका बदला नहीं ले पाता। उल्टे नाना उसकी हत्या करवा देता है। इस नाटक के मूल मराठी स्वरूप का पहली बार प्रदर्शन 16 दिसंबर, 1972 को पूना में ‘प्रोग्रेसिव ड्रामाटिक एसोसिएशन’ द्वारा भरत नाट्य मन्दिर में हुआ। निर्देशक थे डॉ॰ जब्बार पटेल। . सोनकुत्ता या वनजुक्कुर (Cuon alpinus) कुत्तों के कुल का जंगली प्राणी है जो दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है। यह अपनी प्रजाति का इकलौता जीवित प्राणी है जो कि कुत्तों से दंतावली और स्तनाग्रों में अलग है। अब यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन द्वारा विलुप्तप्राय प्रजाति घोषित हो गई है क्योंकि इनके आवासीय क्षेत्र में कमी, शिकार की कमी, अन्य शिकारियों से स्पर्धा और शायद घरेलू या जंगली कुत्तों से बीमारी सरने के कारण इनकी संख्या तेज़ी से घट रही है। यह एक निहायत सामाजिक प्राणी है जो कि बड़े कुटुम्बों में रहता है जो कि अक्सर शिकार के लिए छोटे टुकड़ों में बँट जाते हैं।Fox, M. W. (1984), The Whistling Hunters: Field Studies of the Indian Wild Dog (Cuon Alpinus), Steven Simpson Books, ISBN 0-9524390-6-9, p-85 अफ्री़की जंगली कुत्तों की भांति और अन्य कुत्तों के विपरीत ढोल शिकार के बाद अपने शावकों को पहले खाने देता है। हालाँकि ढोल मनुष्यों से डरता है, लेकिन इनके झुण्ड बड़े और खतरनाक प्राणियों, जैसे जंगली शूकर, जंगली भैंसा तथा बाघ पर भी आक्रमण करने से नहीं हिचकिचाते हैं। .

घासीराम कोतवाल (नाटक) और सोनकुत्ता के बीच समानता

घासीराम कोतवाल (नाटक) और सोनकुत्ता आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): मराठी भाषा, हिन्दी

मराठी भाषा

मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत में बोली जानेवाली सबसे मुख्य भाषा है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है जिसका विकास संस्कृत से अपभ्रंश तक का सफर पूरा होने के बाद आरंभ हुआ। मराठी भारत की प्रमुख भाषओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा में राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राजभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में पंद्रहवें और भारत में चौथे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग ९ करोड़ है। यह भाषा 900 ईसवी से प्रचलन में है और यह भी हिन्दी के समान संस्कृत आधारित भाषा है। .

घासीराम कोतवाल (नाटक) और मराठी भाषा · मराठी भाषा और सोनकुत्ता · और देखें »

हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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घासीराम कोतवाल (नाटक) और सोनकुत्ता के बीच तुलना

घासीराम कोतवाल (नाटक) 45 संबंध है और सोनकुत्ता 32 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.60% है = 2 / (45 + 32)।

संदर्भ

यह लेख घासीराम कोतवाल (नाटक) और सोनकुत्ता के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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