गोलमेज सम्मेलन (भारत) और पाकिस्तान के बीच समानता
गोलमेज सम्मेलन (भारत) और पाकिस्तान आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चौधरी रहमत अली, बलूचिस्तान (पाकिस्तान), मुहम्मद इक़बाल, सिंध।
चौधरी रहमत अली
चौधरी रहमत अली (उर्दू: چودھری رحمت علی) (नवंबर, 1897 - 3 फ़रवरी 1951) एक पाकिस्तानवे मुस्लिम गुर्जर परिवार में पैदा हुए.और राज्य गठन के सबसे पहेले समर्थको में से एक था, वह एक पाकिस्तानी मुस्लिम राष्ट्रवादी थे। उन्हे दक्षिण एशिया में एक अलग मुस्लिम देश के लिये "पाकिस्तान" नाम बनाने का श्रेय दिया जाता है और आम तौर पर इसके निर्माण के लिये आंदोलन के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उनका एक मशहूर बयान जो १९३३ मे प्रसिद्ध शीर्षक के रूप मे "अभी या कभी नही हम जीते या हमारा नाश हो" जीसे पर्चे के जरिये शुरु किया था। .
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बलूचिस्तान (पाकिस्तान)
बलूचिस्तान (उर्दू: بلوچستان) पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। बलूचिस्तान नाम का क्षेत्र बड़ा है और यह ईरान (सिस्तान व बलूचिस्तान प्रांत) तथा अफ़ग़ानिस्तान के सटे हुए क्षेत्रों में बँटा हुआ है। यहां की राजधानी क्वेटा है। यहाँ के लोगों की प्रमुख भाषा बलूच या बलूची के नाम से जानी जाती है। १९४४ में बलूचिस्तान के स्वतंत्रता का विचार जनरल मनी के विचार में आया था पर १९४७ में ब्रिटिश इशारे पर इसे पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। १९७० के दशक में एक बलूच राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने की मांग उठी। यह प्रदेश पाकिस्तान के सबसे कम आबाद इलाकों में से एक है। .
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मुहम्मद इक़बाल
मुहम्मद इक़बाल (محمد اقبال) (जीवन: 9 नवम्बर 1877 – 21 अप्रैल 1938) अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक थे। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। इकबाल के दादा सहज सप्रू हिंदू कश्मीरी पंडित थे जो बाद में सिआलकोट आ गए। इनकी प्रमुख रचनाएं हैं: असरार-ए-ख़ुदी, रुमुज़-ए-बेख़ुदी और बंग-ए-दारा, जिसमें देशभक्तिपूर्ण तराना-ए-हिन्द (सारे जहाँ से अच्छा) शामिल है। फ़ारसी में लिखी इनकी शायरी ईरान और अफ़ग़ानिस्तान में बहुत प्रसिद्ध है, जहाँ इन्हें इक़बाल-ए-लाहौर कहा जाता है। इन्होंने इस्लाम के धार्मिक और राजनैतिक दर्शन पर काफ़ी लिखा है। इकबाल पाकिस्तान का जनक बन गए क्योंकि वह "पंजाब, उत्तर पश्चिम फ्रंटियर प्रांत, सिंध और बलूचिस्तान को मिलाकर एक राज्य बनाने की अपील करने वाले पहले व्यक्ति थे", इंडियन मुस्लिम लीग के २१ वें सत्र में,उनके अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने इस बात का उल्लेख किया था जो २९ दिसंबर,१९३० को इलाहाबाद में आयोजित की गई थी। भारत के विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना का विचार सबसे पहले इक़बाल ने ही उठाया था। 1930 में इन्हीं के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने सबसे पहले भारत के विभाजन की माँग उठाई। इसके बाद इन्होंने जिन्ना को भी मुस्लिम लीग में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और उनके साथ पाकिस्तान की स्थापना के लिए काम किया। इन्हें पाकिस्तान में राष्ट्रकवि माना जाता है। इन्हें अलामा इक़बाल (विद्वान इक़बाल), मुफ्फकिर-ए-पाकिस्तान (पाकिस्तान का विचारक), शायर-ए-मशरीक़ (पूरब का शायर) और हकीम-उल-उम्मत (उम्मा का विद्वान) भी कहा जाता है। .
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सिंध
सिंध सिंध पाकिस्तान के चार प्रान्तों में से एक है। यह देश के दक्षिण-पूर्व में बसा हुआ है जिसके दक्षिण में अरब की खाड़ी है। सिन्ध का सबसे बड़ा शहर कराँची है और यहाँ देश की 15 प्रतिशत जनता वास करती है। यह सिन्धियों का मूल स्थान है साथ ही यहाँ विभाजन के दौरान आकर बसे मोहाज़िरों की भी बहुतायात है। .
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गोलमेज सम्मेलन (भारत) और पाकिस्तान के बीच तुलना
गोलमेज सम्मेलन (भारत) 41 संबंध है और पाकिस्तान 111 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 2.63% है = 4 / (41 + 111)।
संदर्भ
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