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गायत्री छंद और वेद

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

गायत्री छंद और वेद के बीच अंतर

गायत्री छंद vs. वेद

वेदों में प्रयुक्त एक छंद है। इसमें कुल तीन पाद अथवा चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में ८ वर्ण होते हैं। कुल मिलाकर २४ वर्ण होते हैं। उदाहरण - ऋग्वेद में मिलता है यथा गायत्री मंत्र श्रेणी:वैदिक छंद. वेद प्राचीन भारत के पवितत्रतम साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सनातन वर्णाश्रम धर्म के, मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं, जो ईश्वर की वाणी है। ये विश्व के उन प्राचीनतम धार्मिक ग्रंथों में हैं जिनके पवित्र मन्त्र आज भी बड़ी आस्था और श्रद्धा से पढ़े और सुने जाते हैं। 'वेद' शब्द संस्कृत भाषा के विद् शब्द से बना है। इस तरह वेद का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान के ग्रंथ' है। इसी धातु से 'विदित' (जाना हुआ), 'विद्या' (ज्ञान), 'विद्वान' (ज्ञानी) जैसे शब्द आए हैं। आज 'चतुर्वेद' के रूप में ज्ञात इन ग्रंथों का विवरण इस प्रकार है -.

गायत्री छंद और वेद के बीच समानता

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गायत्री छंद और वेद के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख गायत्री छंद और वेद के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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