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ग़ुलाम वंश और रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ग़ुलाम वंश और रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह के बीच अंतर

ग़ुलाम वंश vs. रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह

गुलाम वंश (سلسله غلامان) मध्यकालीन भारत का एक राजवंश था। इस वंश का पहला शासक कुतुबुद्दीन ऐबक था जिसे मोहम्मद ग़ौरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद नियुक्त किया था। इस वंश ने दिल्ली की सत्ता पर 1206-1290 ईस्वी तक राज किया। इस वंश के शासक या संस्थापक ग़ुलाम (दास) थे न कि राजा। इस लिए इसे राजवंश की बजाय सिर्फ़ वंश कहा जाता है। . रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह दिल्ली सल्तनत में ग़ुलाम वंश का शासक था। सन् 1236 में इल्तुतमिश की मृत्यु के बाद वो एक साल से भी कम समय के लिए सत्तासीन रहा। उसके बाद रजिया सुल्तान शासक बनी। .

ग़ुलाम वंश और रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह के बीच समानता

ग़ुलाम वंश और रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): रज़िया सुल्तान, इल्तुतमिश

रज़िया सुल्तान

रज़िया अल-दिन(१२०५-१२४०) (फारसी / उर्दु: رضیہ سلطانہ), शाही नाम “जलॉलात उद-दिन रज़ियॉ” (फारसी /उर्दु: جلالۃ الدین رضیہ), इतिहास में जिसे सामान्यतः “रज़िया सुल्तान” या “रज़िया सुल्ताना” के नाम से जाना जाता है, दिल्ली सल्तनत की सुल्तान थी। रज़िया ने १२३६ से १२४० तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया। वह इल्तुतमिश की पुत्री थी। तुर्की मूल की रज़िया को अन्य मुस्लिम राजकुमारियों की तरह सेना का नेतृत्व तथा प्रशासन के कार्यों में अभ्यास कराया गया, ताकि ज़रुरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके।.

ग़ुलाम वंश और रज़िया सुल्तान · रज़िया सुल्तान और रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह · और देखें »

इल्तुतमिश

शम्सुद्दीन इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत में ग़ुलाम वंश का एक प्रमुख शासक था। वंश के संस्थापक कुतुब-उद-दीन ऐबक के बाद वो उन शासकों में से था जिससे दिल्ली सल्तनत की नींव मजबूत हुई। वह ऐबक का दामाद भी था। उसने 1211 इस्वी से 1236 इस्वी तक शासन किया। राज्याभिषेक समय से ही अनेक तुर्क अमीर उसका विरोध कर रहे थे। खोखरों के विरुद्ध इल्तुतमिश की कार्य कुशलता से प्रभावित होकर मुहम्मद ग़ोरी ने उसे “अमीरूल उमरा” नामक महत्त्वपूर्ण पद दिया था। अकस्मात् मुत्यु के कारण कुतुबद्दीन ऐबक अपने किसी उत्तराधिकारी का चुनाव नहीं कर सका था। अतः लाहौर के तुर्क अधिकारियों ने कुतुबद्दीन ऐबक के विवादित पुत्र आरामशाह (जिसे इतिहासकार नहीं मानते) को लाहौर की गद्दी पर बैठाया, परन्तु दिल्ली के तुर्को सरदारों एवं नागरिकों के विरोध के फलस्वरूप कुतुबद्दीन ऐबक के दामाद इल्तुतमिश, जो उस समय बदायूँ का सूबेदार था, को दिल्ली आमंत्रित कर राज्यसिंहासन पर बैठाया गया। आरामशाह एवं इल्तुतमिश के बीच दिल्ली के निकट जड़ नामक स्थान पर संघर्ष हुआ, जिसमें आरामशाह को बन्दी बनाकर बाद में उसकी हत्या कर दी गयी और इस तरह ऐबक वंश के बाद इल्बारी वंश का शासन प्रारम्भ हुआ। .

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ग़ुलाम वंश और रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह के बीच तुलना

ग़ुलाम वंश 19 संबंध है और रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह 6 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 8.00% है = 2 / (19 + 6)।

संदर्भ

यह लेख ग़ुलाम वंश और रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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