ख्मेर भाषा और निकोबारी भाषाएँ के बीच समानता
ख्मेर भाषा और निकोबारी भाषाएँ आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): खसिक भाषाएँ, आग्नेय भाषापरिवार।
खसिक भाषाएँ
खसिक भाषाएँ (Khasic languages) भारत के पूर्वोत्तरी मेघालय राज्य व बांग्लादेश के कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। .
खसिक भाषाएँ और ख्मेर भाषा · खसिक भाषाएँ और निकोबारी भाषाएँ ·
आग्नेय भाषापरिवार
ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ (Austro-Asiatic languages) या मोन-ख्मेर भाषाएँ या आग्नेय भाषाएँ दक्षिण-पूर्वी एशिया में विस्तृत एक भाषा परिवार है भाषाएँ भारत और बंगलादेश में जहाँ-तहाँ और चीन की कुछ दक्षिणी सीमावर्ती क्षेत्रों में भी बोलीं जाती हैं। इनमें केवल ख्मेर, वियतनामी और मोन का लम्बा लिखित इतिहास है और केवल ख्मेर और वियतनामी को अपने क्षेत्रों में सरकारी भाषा होने का दर्जा प्राप्त है। अन्य सभी भाषाएँ अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा बोली जाती हैं। कुल मिलाकर ऍथनोलॉग भाषा सूची में इस परिवार की १६८ सदस्य भाषाएँ गिनी गई हैं। भारत में खासी और मुंडा भाषाएँ इस परिवार में आती हैं। .
आग्नेय भाषापरिवार और ख्मेर भाषा · आग्नेय भाषापरिवार और निकोबारी भाषाएँ ·
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
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ख्मेर भाषा और निकोबारी भाषाएँ के बीच तुलना
ख्मेर भाषा 14 संबंध है और निकोबारी भाषाएँ 15 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 6.90% है = 2 / (14 + 15)।
संदर्भ
यह लेख ख्मेर भाषा और निकोबारी भाषाएँ के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: