खोवार भाषा और गिलगित-बल्तिस्तान के बीच समानता
खोवार भाषा और गिलगित-बल्तिस्तान आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): शीना भाषा, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा।
शीना भाषा
शीना एक दार्दी भाषा है जो पाकिस्तान-नियंत्रित गिलगित-बल्तिस्तान और भारत के लद्दाख़ और कश्मीर क्षेत्रों में बोली जाती है। जिन पाकिस्तान-नियंत्रित वादियों में यह बोली जाती है उनमें अस्तोर, चिलास, दरेल, तंगीर, गिलगित, ग़िज़र और बल्तिस्तान और कोहिस्तान के कुछ हिस्से शामिल हैं। जिन भारत-नियंत्रित वादियों में यह बोली जाती हैं उनमें गुरेज़, द्रास, करगिल और लद्दाख़ के कुछ पश्चिमी हिस्से शामिल हैं। अंदाजा लगाया जाता है के १९८१ में इसे कुल मिलकर क़रीब ३,२१,००० लोग बोलते थे। शीना एक सुरभेदी भाषा है जिसमे दो सुर हैं - उठता हुआ और समतल (यानि बिना किसी बदलाव वाला)। .
खोवार भाषा और शीना भाषा · गिलगित-बल्तिस्तान और शीना भाषा ·
ख़ैबर पख़्तूनख़्वा
मकरा चोटी ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा (पहले:उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त) पाकिस्तान का एक प्रान्त या सूबा है। इसे सूबा-ए-सरहद के नाम से भी जाना जाता है जो अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर स्थित है। यहाँ पर पश्तूनों की आबादी अधिक है जिन्हें स्थानीय रूप से पख़्तून भी कहते हैं। इनकी मातृभाषा पश्तो है। इस प्रांत की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है जिसमें अफ़ग़ानिस्तान से आए शरणार्थियों की 15 लाख की आबादी सम्मिलित नहीं है। .
ख़ैबर पख़्तूनख़्वा और खोवार भाषा · ख़ैबर पख़्तूनख़्वा और गिलगित-बल्तिस्तान ·
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खोवार भाषा और गिलगित-बल्तिस्तान के बीच तुलना
खोवार भाषा 13 संबंध है और गिलगित-बल्तिस्तान 43 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 3.57% है = 2 / (13 + 43)।
संदर्भ
यह लेख खोवार भाषा और गिलगित-बल्तिस्तान के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: