खेल सिद्धांत और सामाजिक जालक्रम
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खेल सिद्धांत और सामाजिक जालक्रम के बीच अंतर
खेल सिद्धांत vs. सामाजिक जालक्रम
खेल सिद्धांत या गेम थ्योरी (game theory) व्यवहारिक गणित की एक शाखा है जिसका प्रयोग समाज विज्ञान, अर्थशास्त्र, जीव विज्ञान, इंजीनियरिंग, राजनीति विज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, कम्प्यूटर साइंस और दर्शन में किया जाता है। खेल सिद्धांत कूटनीतिक परिस्थितियों में (जिसमें किसी के द्वारा विकल्प चुनने की सफलता दूसरों के चयन पर निर्भर करती है) व्यवहार को बूझने का प्रयास करता है। यूँ तो शुरू में इसे उन प्रतियोगिताओं को समझने के लिए विकसित किया गया था जिनमें एक व्यक्ति का दूसरे की गलतियों से फायदा होता है (ज़ीरो सम गेम्स), लेकिन इसका विस्तार ऐसी कई परिस्थितियों के लिए करा गया है जहाँ अलग-अलग क्रियाओं का एक-दूसरे पर असर पड़ता हो। आज, "गेम थ्योरी" समाज विज्ञान के तार्किक पक्ष के लिए एक छतरी या 'यूनीफाइड फील्ड' थ्योरी की तरह है जिसमें 'सामाजिक' की व्याख्या मानव के साथ-साथ दूसरे खिलाड़ियों (कम्प्युटर, जानवर, पौधे) को सम्मिलित कर की जाती है। गेम थ्योरी के पारंपरिक अनुप्रयोगों में इन गेमों में साम्यावस्थाएं खोजने का प्रयास किया जाता है। साम्यावस्था में गेम का प्रत्येक खिलाड़ी एक नीति अपनाता है जो वह संभवतः नहीं बदलता है। इस विचार को समझने के लिए साम्यावस्था की कई सारी अवधारणाएं विकसित की गई हैं (सबसे प्रसिद्ध नैश इक्विलिब्रियम)। साम्यावस्था के इन अवधारणाओं की अभिप्रेरणा अलग-अलग होती है और इस बात पर निर्भर करती है कि वे किस क्षेत्र में प्रयोग की जा रहीं हैं, हालाँकि उनके मायने कुछ हद तक एक दूसरे में मिले-जुले होते हैं और मेल खाते हैं। यह पद्धति आलोचना रहित नहीं है और साम्यावस्था की विशेष अवधारणाओं की उपयुक्तता पर, साम्यवास्थाओं की उपयुक्तता पर और आमतौर पर गणितीय मॉडलों की उपयोगिता पर वाद-विवाद जारी रहते हैं। हालाँकि इसके पहले ही इस क्षेत्र में कुछ विकास चुके थे, गेम थ्योरी का क्षेत्र जॉन वॉन न्युमन्न और ऑस्कर मॉर्गनस्टर्न की 1944 की पुस्तक थ्योरी ऑफ गेम्स ऐंड इकोनोमिक बिहेविअर के साथ आस्तित्व में आया। इस सिद्धांत का विकास बड़े पैमाने पर 1950 के दशक में कई विद्वानों द्वारा किया गया। बाद में गेम थ्योरी स्पष्टतया 1970 के दशक में जीव विज्ञान में प्रयुक्त किया गया, हालाँकि ऐसा 1930 के दशक में ही शुरू हो चुका था। गेम थ्योरी की पहचान व्यापक रूप से कई क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में की गई है। आठ गेम थ्योरिस्ट्स अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीत चुके हैं और जॉन मेनार्ड स्मिथ को गेम थ्योरी के जीव विज्ञान में प्रयोग के लिए क्रफूर्ड पुरस्कार से सम्मानित किया गया। . व्यक्तियों अथवा संगठनों को परस्पर जोड़ने वाली संरचना सामाजिक जालक्रम या सोशल नेटवर्क (social network) कहलाती है। सामाजिक नेटवर्क (Social Network) एक सामाजिक ढांचा है जिसमें नोड (मिलन बिन्दु) व्यक्ति या संगठन होते हैं। ये नोड आपस में एक या अधिक प्रकार के संबंधों से जुड़े होते हैं। मित्र बनाना (friend), मित्रता वापस लेना (unfriend), पसंद करना (like), नापसंद करना (unlike), अनुसरण करना (follow), अनुसरण बंद करना (unfollow), समूह (group) अथवा आर्थिक लेन-देन और खरीदारी जैसे कुछ कार्य हैं जो सामाजिक नेटवर्क पर अधिकतर किए जाते हैं। अनेकों क्षेत्रों में अनुसंधान से यह बात सिद्ध हुई है कि सामाजिक नेटवर्क, परिवार से लेकर राष्ट्र तक के अनेक स्तरों पर काम करता है। किस तरह से समस्याओं का हल होता है; कैसे संस्थाएं चलायी जातीं हैं; व्यक्ति अपने लक्ष्यों को पाने में किस सीमा तक सफल होते हैं आदि के निर्धारण में सामाजिक नेटवर्क की बहुत भूमिका होती है। अपने सरलतम रूप में सामाजिक नेटवर्क अध्ययन की जा रही सभी नोडों के बीच उपस्थित सभी सम्बन्धों (ties) का प्रतिचित्रण (map) है। .
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