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खुदीराम बोस और युगान्तर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

खुदीराम बोस और युगान्तर के बीच अंतर

खुदीराम बोस vs. युगान्तर

युवा क्रान्तिकारी '''खुदीराम बोस''' (१९०५ में) खुदीराम बोस (बांग्ला: ক্ষুদিরাম বসু; जन्म: ३-१२-१८८९ - मृत्यु: ११ अगस्त १९०८) भारतीय स्वाधीनता के लिये मात्र १९ साल की उम्र में हिन्दुस्तान की आजादी के लिये फाँसी पर चढ़ गये। कुछ इतिहासकारों की यह धारणा है कि वे अपने देश के लिये फाँसी पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के ज्वलन्त तथा युवा क्रान्तिकारी देशभक्त थे। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि खुदीराम से पूर्व १७ जनवरी १८७२ को ६८ कूकाओं के सार्वजनिक नरसंहार के समय १३ वर्ष का एक बालक भी शहीद हुआ था। उपलब्ध तथ्यानुसार उस बालक को, जिसका नम्बर ५०वाँ था, जैसे ही तोप के सामने लाया गया, उसने लुधियाना के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर कावन की दाढी कसकर पकड ली और तब तक नहीं छोडी जब तक उसके दोनों हाथ तलवार से काट नहीं दिये गये बाद में उसे उसी तलवार से मौत के घाट उतार दिया गया था। (देखें सरफरोशी की तमन्ना भाग ४ पृष्ठ १३) . जुगान्तर पार्टी के पास ढलवा लोहे से बने बम के खोखे हुआ करते थे जो उन लोगों ने १९३० में स्वयं निर्मित किए थे। युगान्तर (যুগান্তর; उच्चारण: जुगान्तर) भारत की स्वतंत्रता के लिये सशस्त्र आन्दोलन करने वाला एक गुप्त संगठन था। यह मुख्यतः बंगाल में सक्रिय थ और बंगाल में पनपे दो प्रमुख क्रांतिकारी संगठनों में से एक था। अनुशीलन समिति के साथ मतभेद के कारण 'युगान्तर' का जन्म हुआ। अरविन्द घोष, बारीन घोष, उल्लासकर दत्त आदि इसके प्रमुख नेता थे। क्षुदिराम बसु और प्रफुल्ल चाकी इसी दल के सदस्य थे। .

खुदीराम बोस और युगान्तर के बीच समानता

खुदीराम बोस और युगान्तर आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): प्रफुल्ल चाकी

प्रफुल्ल चाकी

प्रफुल्ल चाकी क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी (बांग्ला: প্রফুল্ল চাকী) (१० दिसंबर १८८८ - १ मई १९०८) का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। प्रफुल्ल का जन्म उत्तरी बंगाल के बोगरा जिला (अब बांग्लादेश में स्थित) के बिहारी गाँव में हुआ था। जब प्रफुल्ल दो वर्ष के थे तभी उनके पिता जी का निधन हो गया। उनकी माता ने अत्यंत कठिनाई से प्रफुल्ल का पालन पोषण किया। विद्यार्थी जीवन में ही प्रफुल्ल का परिचय स्वामी महेश्वरानन्द द्वारा स्थापित गुप्त क्रांतिकारी संगठन से हुआ। प्रफुल्ल ने स्वामी विवेकानंद के साहित्य का अध्ययन किया और वे उससे बहुत प्रभावित हुए। अनेक क्रांतिकारियों के विचारों का भी प्रफुल्ल ने अध्ययन किया इससे उनके अन्दर देश को स्वतंत्र कराने की भावना बलवती हो गई। बंगाल विभाजन के समय अनेक लोग इसके विरोध में उठ खड़े हुए। अनेक विद्यार्थियों ने भी इस आन्दोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रफुल्ल ने भी इस आन्दोलन में भाग लिया। वे उस समय रंगपुर जिला स्कूल में कक्षा ९ के छात्र थे। प्रफुल्ल को आन्दोलन में भाग लेने के कारण उनके विद्यालय से निकाल दिया गया। इसके बाद प्रफुल्ल का सम्पर्क क्रांतिकारियों की युगान्तर पार्टी से हुआ। .

खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी · प्रफुल्ल चाकी और युगान्तर · और देखें »

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खुदीराम बोस और युगान्तर के बीच तुलना

खुदीराम बोस 30 संबंध है और युगान्तर 16 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.17% है = 1 / (30 + 16)।

संदर्भ

यह लेख खुदीराम बोस और युगान्तर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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