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खंधक और त्रिपिटक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

खंधक और त्रिपिटक के बीच अंतर

खंधक vs. त्रिपिटक

थेरवाद संप्रदाय के पालि संस्करण वाले विनय पिटक के तीन भाग हैं- (१) सुत्तविभंग. त्रिपिटक (पाली:तिपिटक; शाब्दिक अर्थ: तीन पिटारी) बौद्ध धर्म का प्रमुख ग्रंथ है जिसे सभी बौद्ध सम्प्रदाय (महायान, थेरवाद, बज्रयान, मूलसर्वास्तिवाद, नवयान आदि) मानते है। यह बौद्ध धर्म के प्राचीनतम ग्रंथ है जिसमें भगवान बुद्ध के उपदेश संग्रहीत है। यह ग्रंथ पालि भाषा में लिखा गया है और विभिन्न भाषाओं में अनुवादित है। इस ग्रंथ में भगवान बुद्ध द्वारा बुद्धत्त्व प्राप्त करने के समय से महापरिनिर्वाण तक दिए हुए प्रवचनों को संग्रहित किया गया है। त्रिपीटक का रचनाकाल या निर्माणकाल ईसा पूर्व 100 से ईसा पूर्व 500 है। .

खंधक और त्रिपिटक के बीच समानता

खंधक और त्रिपिटक आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चुल्लवग्ग, थेरवाद, पालि भाषा, विनयपिटक, खंधक

चुल्लवग्ग

चुल्लवग्ग (पालि) खंधक का दूसरा भाग है जबकि पहले भाग का नाम महावग्ग है। चुल्लवग्ग के बारह खंधक अर्थात् अध्याय हैं- .

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थेरवाद

थाई भिक्षु बर्मा के रंगून शहर में श्वेडागोन पगोडा थेरवाद या स्थविरवाद वर्तमान काल में बौद्ध धर्म की दो प्रमुख शाखाओं में से एक है। दूसरी शाखा का नाम महायान है। थेरवाद बौद्ध धर्म भारत से आरम्भ होकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व की ओर बहुत से अन्य एशियाई देशों में फैल गया, जैसे कि श्रीलंका, बर्मा, कम्बोडिया, वियतनाम, थाईलैंड और लाओस। यह एक रूढ़िवादी परम्परा है, अर्थात् प्राचीन बौद्ध धर्म जैसा था, उसी मार्ग पर चलने पर बल देता है। .

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पालि भाषा

ब्राह्मी तथा भाषा '''पालि''' है। पालि प्राचीन उत्तर भारत के लोगों की भाषा थी। जो पूर्व में बिहार से पश्चिम में हरियाणा-राजस्थान तक और उत्तर में नेपाल-उत्तरप्रदेश से दक्षिण में मध्यप्रदेश तक बोली जाती थी। भगवान बुद्ध भी इन्हीं प्रदेशो में विहरण करते हुए लोगों को धर्म समझाते रहे। आज इन्ही प्रदेशों में हिंदी बोली जाती है। इसलिए, पाली प्राचीन हिन्दी है। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में की एक बोली या प्राकृत है। इसको बौद्ध त्रिपिटक की भाषा के रूप में भी जाना जाता है। पाली, ब्राह्मी परिवार की लिपियों में लिखी जाती थी। .

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विनयपिटक

विनय पिटक एक बौद्ध ग्रंथ है। यह उन तीन ग्रंथों में से एक है जो त्रिपिटक बनाते है। इस ग्रंथ का प्रमुख विषय विहार के भिक्षु, भिक्षुणी आदि है। विनय पिटक का शाब्दिक अर्थ "अनुशासन की टोकरी" है। बौद्ध धर्म में भिक्षु और भिक्षुणी के रूप मे प्रवेश करने वाले शिष्य (अनुयायी) के आचरण व्यवस्थित करने के निमित्त निर्मित अनुशासन के नियमों को विनय कहते है। अतः विनय पिटक विनय से संबन्धित नियमों का व्यवस्थित संग्रह है। .

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खंधक

थेरवाद संप्रदाय के पालि संस्करण वाले विनय पिटक के तीन भाग हैं- (१) सुत्तविभंग.

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

खंधक और त्रिपिटक के बीच तुलना

खंधक 5 संबंध है और त्रिपिटक 23 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 17.86% है = 5 / (5 + 23)।

संदर्भ

यह लेख खंधक और त्रिपिटक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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