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क्षेमेंद्र और स्वरूपाचार्य अनुभूति

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

क्षेमेंद्र और स्वरूपाचार्य अनुभूति के बीच अंतर

क्षेमेंद्र vs. स्वरूपाचार्य अनुभूति

क्षेमेन्द्र (जन्म लगभग 1025-1066) संस्कृत के प्रतिभासंपन्न काश्मीरी महाकवि थे। ये विद्वान ब्राह्मणकुल में उत्पन्न हुए थे। ये सिंधु के प्रपौत्र, निम्नाशय के पौत्र और प्रकाशेंद्र के पुत्र थे। इन्होंने प्रसिद्ध आलोचक तथा तंतरशास्त्र के मर्मज्ञ विद्वान् अभिनवगुप्त से साहित्यशास्त्र का अध्ययन किया था। इनके पुत्र सोमेन्द्र ने पिता की रचना बोधिसत्त्वावदानकल्पलता को एक नया पल्लव (कथा) जोड़कर पूरा किया था। . स्वरूपाचार्य अनुभूति को सारस्वत व्याकरण का निर्माता माना जाता है। बहुत से वैयाकरण इनको सारस्वत का टीकाकार ही मानते हैं। इसकी पुष्टि में जो तथ्यपूर्ण प्रमाण मिलते हैं उनमें क्षेमेंद्र का प्रमाण सर्वोपरि है। मूल सारस्वतकार कौन थे इसका पता नहीं चलता। सारस्वत पर क्षेमेंद्र की प्रचीनतम टीका मिलती है। उसमें सारस्वत का निर्माता "नरेंद्र" माना गया है। क्षेमेंद्र सं.

क्षेमेंद्र और स्वरूपाचार्य अनुभूति के बीच समानता

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संदर्भ

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