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कोशिका केन्द्रक और लिपिड द्विपरत

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कोशिका केन्द्रक और लिपिड द्विपरत के बीच अंतर

कोशिका केन्द्रक vs. लिपिड द्विपरत

केन्द्रक का चित्र कोशिका विज्ञान में केन्द्रक (लातीनी व अंग्रेज़ी: nucleus, न्यूक्लियस) वनस्पतियों, प्राणियों और सुकेन्द्रिक जीवों की अधिकांश कोशिकाओं में एक झिल्ली द्वारा बंद एक भाग (या कोशिकांग) होता है। सुकेन्द्रिक जीवों की हर कोशिका में अधिकतर एक केन्द्रक होता है, लेकिन स्तनधारियों की लाल रक्त कोशिकाओं में कोई केन्द्रक नहीं होता और ओस्टियोक्लास्ट कोशिकाओं में कई केन्द्रक होते हैं। प्राणियों के केन्द्रकों का व्यास लगभग ६ माइक्रोमीटर होता है और यह उनकी कोशिकाओं का सबसे बड़ा कोशिकांग होता है। कोशिका केन्द्रकों में कोशिकाओं की अधिकांश आनुवंशिक सामग्री होती है, जो कई लम्बे डी॰ ऍन॰ ए॰ अणुओं में सम्मिलित होती है, जिनके रेशों कई प्रोटीनों के प्रयोग से गुण सूत्रों (क्रोमोज़ोमों) में संगठित होते हैं। इन गुण सूत्रों में उपस्थित जीन कोशिका का जीनोम होते हैं और कोशिका की प्रक्रियाओं को संचालित करते हैं। केन्द्रक इन जीनों को सुरक्षित रखता है और जीन व्यवहार संचालित करता है, यानि केन्द्रक कोशिका का नियंत्रणकक्ष होता है। पूरा केन्द्रक एक लिपिड द्विपरत की बनी झिल्ली द्वारा घिरा होता है जो केन्द्रक झिल्ली (nuclear membrane) कहलाती है और जो केन्द्रक के अन्दर की सामग्री को कोशिकाद्रव्य से पृथक रखता है। केन्द्रक के भीतर केन्द्रक आव्यूह (nuclear matrix) कहलाने वाला रेशों का ढांचा होता है जो केन्द्रक को आकार बनाए रखने के लिए यांत्रिक सहारा देता है, ठीक उसी तरह जैसे कोशिका कंकाल पूरी कोशिका को यांत्रिक सहारा देता है। . लिपिड द्विपरत (lipid bilayer) या फ़ॉस्फ़ोलिपिड द्विपरत (phospholipid bilayer) लिपिड अणुओं की दो परतों की बनी एक झिल्ली होती है। यह लगभग सभी जीवों की कोशिकाओं को चादर की तरह लपेटे रहती है। इसका काम हानिकारक रासायनों को बाहर रखना और लाभदायक रासायनों को भीतर लाना होता है। इस द्वीपरत के छिद्र केवल कुछ नैनोमीटर चौड़े ही होते हैं। यह ध्रुवीय होती है यानि को बाहर रखने और कणों को उनके विद्युतीय लक्षणों के आधार पर अंदर-बाहर जाने की अनुमति देती है। कोशिका के अलावा कोशिका के अन्दर के कई अंशों को भी उनकी अपनी लिपिड द्विपरत ने ढका हुआ होता है। लिपिड यौगिक अक्सर उभयसंवेदी (amphiphilic) होते हैं, यानि उनका एक भाग जलस्नेही और एक भाग जलविरोधी होता है। जब उन्हें किसी जलीय वातावरण में डाला जाए तो वह दो परत की चादरों में व्यवस्थित हो जाते हैं, जिसमें। जलस्नेही सिर बाहर की तरफ़ और जलविरोधी दुमें अन्दर की ओर होती हैं। यह द्वीपरत शरीर में कई स्थानों पर प्रयोग होती है, मसलन कोशिकाओं का बाहरी खोल इसी से बनी झिल्ली का निर्मित होता है। .

कोशिका केन्द्रक और लिपिड द्विपरत के बीच समानता

कोशिका केन्द्रक और लिपिड द्विपरत आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): झिल्ली, जीव, कोशिका, अणु

झिल्ली

झिल्ली (membrane) दो स्थानों, दिकों, अंगों, पात्रों या खंडो के बीच स्थित एक पतली अवरोधक परत होती है जो कुछ चुने पदार्थों, अणुओं, आयनों या अन्य सामग्रियों को आर-पार जाने देती है लेकिन अन्य सभी को रोकती है। जीव-शरीरों में ऐसी कई झिल्लियाँ पाई जाती हैं, जिन्हें जैवझिल्लियाँ कहा जाता है। इनका कोशिका झिल्ली और कई ऊतकों को ढकने वाली झिल्लियाँ उदाहरण हैं। इनके अलावा मानवों ने कई कृत्रिम झिल्लियों का निर्माण भी करा है, जिनके प्रयोग से अलग-अलग रसायनों और पदार्थों को अलग करा जाता है। मसलन रिवर्स ऑस्मोसिस (आर ओ) नामक जल-स्वच्छिकरण यंत्र में जल को एक कृत्रिम झिल्ली से निकालकर उस से कई हानिकारक पदार्थों और सूक्ष्मजीवियों को हटाकर पीने योग्य बनाया जाता है। .

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जीव

कवक जीव (Organism) शब्द जीवविज्ञान में सभी जीवन-सन्निहित प्राणियों के लिए प्रयुक्त होता है, जैसे: कशेरुकी जन्तु, कीट, पादप अथवा जीवाणु। एक जीव में एक या एक से अधिक कोशिकाएँ होते हैं। जिनमें एक कोशिका पाया जाता है उसे एक कोशिकीय जीव है; एक से अधिक कोशिका होने पर उस जीव को बहुकोशिकीय जीव कहा जाता है। मनुष्य का शरीर विशेष ऊतकों और अंगों में बांटा होता है, जिसमें कोशिकाओं के कई अरबों की रचना में बहुकोशिकीय जीव होते हैं। .

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कोशिका

कोशिका कोशिका (Cell) सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं। 'कोशिका' का अंग्रेजी शब्द सेल (Cell) लैटिन भाषा के 'शेलुला' शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ 'एक छोटा कमरा' है। कुछ सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से बने होते हैं, उन्हें एककोशकीय जीव कहते हैं जबकि कुछ सजीव जैसे मनुष्य का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उन्हें बहुकोशकीय सजीव कहते हैं। कोशिका की खोज रॉबर्ट हूक ने १६६५ ई० में किया।"...

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अणु

साधारण चीनी का अणु - इसमें १२ कार्बन (काला रंग), २२ हाइड्रोजन (सफ़ेद रंग) और ११ आक्सीजन (लाल रंग) के परमाणु एक दुसरे से जुड़े हुए होते हैं अणु पदार्थ का वह छोटा कण है जो प्रकृति के स्वतंत्र अवस्था में पाया जाता है लेकिन रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग नहीं ले सकता है। रसायन विज्ञान में अणु दो या दो से अधिक, एक ही प्रकार या अलग अलग प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बना होता है। परमाणु मजबूत रसायनिक बंधन के कारण आपस में जुड़े रहते हैं और अणु का निर्माण करते हैं। अणु की संकल्पना ठोस, द्रव और गैस के लिये अलग अलग हो सकती है। अणु पदार्थ के सबसे छोटे भाग को कहते हैं। यह कथन गैसो के लिये ज्यादा उपयुक्त है। उदाहरण के लिये, ओक्सीजन गैस उसके स्वतन्त्र अणुओ का एक समूह है। द्रव और ठोस में अणु एक दूसरे से किसी ना किसी बन्धन में रह्ते है, इनका स्वतन्त्र अस्तित्व नहीं होता है। कई अणु एक दूसरे से जुडे होते है और एक अणु को अलग नहीं किया जा सकता है। अणु में कोई विद्युत आवेश नहीं होता है। अणु एक ही तत्व के परमाणु से मिलकर बने हो सकते हैं या अलग अलग तत्वों के परमाणु से मिलकर। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

कोशिका केन्द्रक और लिपिड द्विपरत के बीच तुलना

कोशिका केन्द्रक 29 संबंध है और लिपिड द्विपरत 11 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 10.00% है = 4 / (29 + 11)।

संदर्भ

यह लेख कोशिका केन्द्रक और लिपिड द्विपरत के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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