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कैनेडियाइ राजतंत्र और राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कैनेडियाइ राजतंत्र और राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि के बीच अंतर

कैनेडियाइ राजतंत्र vs. राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि

कैनेडियाई राजतंत्र, कैनडा की संवैधानिक राजतंत्र है। कैनेडा के एकाधिदारुक को कैनेडा और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही कैनेडा की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। कैनेडा सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और कैनेडा के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, कैनेडा के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " कैनेडा की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " कैनेडा के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। . राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि या राष्ट्रमण्डल प्रदेश, जिन्हें अंग्रेज़ी में कॉमनवेल्थ रॆयल्म कहा जाता है, राष्ट्रों के राष्ट्रमण्डल के उन १६ सार्वभौमिक राष्ट्रों को कहा जाता है, जिनपर एक ही शासक, महारानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ का राज है। ये सारे देश एक ही राजसत्ता, शासक, राजपरिवार और उत्तराधिकार क्रम को साँझा करते हैं। इस व्यवस्था की शुरुआत १९३१ की वेस्टमिंस्टर की संविधि के साथ हुई थी, जिसके द्वारा ब्रिटेन के तत्कालीन डोमीनियन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूज़ीलैण्ड, आयरिश मुक्त राज्य और न्यूफाउण्डलैण्ड को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के बराबर के सदस्य होने के साथ ही पूर्ण या पूर्णात्मत वैधिक स्वतंत्रता प्रदान की गयी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से, विश्व भर में विस्तृत, ब्रिटिश साम्राज्य के तमाम देशों को एक डोमिनियन के रूप में स्वाधीनता प्रदान कर दी गयी। जिनमे से कुछ राज्यों ने पूर्णतः स्वाधीन होने के बावजूद राजतंत्र के प्रति अपनी वफ़ादारी को बरक़रार रखा, जबकि कुछ राज्यों ने ब्रिटिश राजतंत्र को नाममात्र प्रमुख मानने से इनकार कर स्वयं को गणतांत्रिक राज्य घोषित कर दिया। आज, विश्व बाहर में कुल १६ ऐसे राज्य हैं जो स्वयं को महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के एक प्रजाभूमि के रूप में पहचान करव्वते हैं। .

कैनेडियाइ राजतंत्र और राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि के बीच समानता

कैनेडियाइ राजतंत्र और राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि आम में 13 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): एलिज़ाबेथ द्वितीय, डेविड कैमरन, ब्रिटिश राजतंत्र, ब्रिटिश राजपरिवार, भारत के महाराज्यपाल, यूनाइटेड किंगडम, राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि, राष्ट्रमण्डल के प्रमुख, राष्ट्रकुल, वेस्टमिंस्टर की संविधि, १९३१, इंग्लैंड का गिरिजाघर, कनाडा, अंग्रेज़ी भाषा

एलिज़ाबेथ द्वितीय

एलिज़ाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) (एलिजाबेथ ऐलैग्ज़ैण्ड्रा मैरी, जन्म: २१ अप्रैल १९२६) यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीपसमूह, तुवालू, सन्त लूसिया, सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज़, अण्टीगुआ और बारबूडा और सन्त किट्स और नेविस की महारानी हैं। इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रमण्डल के ५४ राष्ट्रों और राज्यक्षेत्रों की प्रमुख हैं और ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में, वह अंग्रेज़ी चर्च की सर्वोच्च राज्यपाल हैं और राष्ट्रमण्डल के सोलह स्वतन्त्र सम्प्रभु देशों की संवैधानिक महारानी हैं। एलिज़ाबेथ को निजी रूप से पर घर पर शिक्षित किया गया था। उनके पिता, जॉर्ज षष्ठम को १९३६ में ब्रिटेन और ब्रिटिश उपनिवेश भारत का सम्राट बनाया गया था। ६ फरवरी १९५२ को अपने राज्याभिषेक के बाद एलिज़ाबेथ राष्ट्रकुल की अध्यक्ष व साथ स्वतंत्र देशों यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान अभिराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका व सिलोन की शासक रानी बन गयीं। उनका राज्याभिषेक समारोह अपने तरह का पहला ऐसा राज्याभिषेक था जिसका दूरदर्शन पर प्रसारण हुआ था। 1956 से 1992 के दौरान विभिन्न देशों को स्वतंत्रता मिलते रहने से उनकी रियासतों की संख्या कम होती गई। वह विश्व में सबसे वृद्ध शासक और ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली रानी है। ९ सितम्बर २०१५ को उन्होंने अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया के सबसे लंबे शासनकाल के कीर्तिमान को तोड़ दिया व ब्रिटेन पर सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली व साम्राज्ञी बन गयीं। एलिज़ाबेथ का जन्म लंदन में ड्यूक जॉर्ज़ षष्टम व राजमाता रानी एलिज़ाबेथ के यहाँ पैदा हुईं व उनकी पढाई घर में ही हुई। उनके पिता ने १९३६ में एडवर्ड ८ के राज-पाठ त्यागने के बाद राज ग्रहण किया। तब वह राज्य की उत्तराधिकारी हो गयी थीं। उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जनसेवाओं में हिस्सा लेना शुरु किया व सहायक प्रादेशिक सेवा में हिस्सा लिया। १९४७ में उनका विवाह राजकुमार फिलिप से हुआ जिनसे उनके चार बच्चे, चार्ल्स, ऐने, राजकुमार एँड्रयू और राजकुमार एडवर्ड हैं। एलिज़ाबेथ के शासन के दौरान यूनाइटेड किंगडम में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जैसे अफ्रीका की ब्रिटिश उपनिवेशीकरण से स्वतंत्रता, यूके की संसद की शक्तियों का वेल्स, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड व आयरलैंड की संसदों में विभाजन इत्यादि। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न युद्धों के दौरान अपने राज्य का नेतृत्व किया। .

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डेविड कैमरन

डैविड विलियम डोनाल्ड कैमरन (जन्म ९ अक्तूबर, १९६६) २०१० से जुलाई २०१६ तक संयुक्त राजशाही के प्रधान मंत्री रह चुके हैं। वे कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता थे तथा ये विटने से संसद सदस्य थे। यूरोपीय संघ की सदस्यता पर हुए जनमत संग्रह में जनता ने संघ को छोड़ने का निर्णय दिया तो उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी। कैमरन ने ब्रेज़नोज़ महाविद्यालय, ऑक्स्फ़ोर्ड से दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं राजनीतिशास्त्र (पीपीई) विषय में १९८८ में प्रथम श्रेणी (ऑनर्स) में स्नातक किया है। इन्हें इनके पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर वर्नॉन बोगडेनॉर "समर्थतम छात्रों में से एक" कहा करते थे। अपने ऑक्सफोर्ड प्रवास काल में ये बुलिंग्डब क्लब के सदस्य रहे थे। इन्हॊने कंज़र्वेटिव अनुसंधान विभाग ज्वाइन किया और नॉर्मन लेमाउण्ट एवं माईकल हावर्ड के विशेष सलाहकार बने। फ़िर ये कार्ल्टन कम्युनिकेशंस के कारपोरेट मामलों के निदेशक पद पर सात वर्ष तक आसीन रहे। कैमरन पहली बार संसद के लिये १९९७ में स्टैफ़्फ़ोर्ड निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में आए। ये यूरोस्केप्टिक मंच पर अपनी पार्टी से उसकी एकल-यूरोपीय मुद्रा (यूरो) में ब्रिटिश सदस्यता विरोधी विचारधारा के कारण उससे अलग हो गए। हालांकि राष्ट्रीय औसत वोटों से कुछ न्यून रहने पर वे हारे भी। इसके बाद उनको संसद सदस्यता हेतु प्रथम विजय २००१ के आम चुनावों में ऑक्स्फ़ोर्डशायर की विट्टने निर्वाचन क्षेत्र से मिली। तब इन्हें आधिकारिक विपक्ष का स्थान मिला। २००५ के आम चुनावों में नीति समन्वय अध्यक्ष भी बने। अपनी युवा एवं उदारवादी प्रत्याशी की छवि के कारण ही २००५ में इन्होंने कंज़र्वेटिव पार्टी के चुनावों में विजय पाई। तब ये प्रथम बार ब्रिटेन के प्रधान मंत्रीबने। .

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ब्रिटिश राजतंत्र

ब्रिटिश एकराट्तंत्र अथवा ब्रिटिश राजतंत्र(British Monarchy, ब्रिटिश मोनार्की, ब्रिटिश उच्चारण:ब्रिठिश मॉंनाऱ्क़़ी), वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की संवैधानिक राजतंत्र है। ब्रिटिश एकाधिदारुक को संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों, मुकुटिया निर्भर्ताओं और समुद्रपार प्रदेशों के राजमुकुटों सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं जब उन्होंने अपने पिता जॉर्ज षष्ठम् से राजगद्दी उत्तराधिकृत की थी। संप्रभु और उसके तत्काल परिवार के सदस्य देश के विभिन्न आधिकारिक, औपचारिक और प्रतिनिधि कार्यों का निर्वाह करते हैं। सत्ताधारी रानी/राजा पर सैद्धांतिक रूप से एक संवैधानिक शासक के अधिकार निहित है, परंतु सदियों पुराने आम कानून के कारण संप्रभु अपने अधिकतर शक्तियों का अभ्यास केवल संसद और सरकार के विनिर्देशों के अनुसार ही कार्यान्वित करने के लिए बाध्य हैं। इस कारण से, इसे वास्तविक तौर पर एक संसदीय सम्राज्ञता मानी जाता है। संसदीय शासक होने के नाते, शासक के अधिकतर अधिकार, निष्पक्ष तथा गैर-राजनैतिक कार्यों तक सीमित हैं। सम्राट, शासक और राष्ट्रप्रमुख होने के नाते उनके अधिकतर संवैधानिक शासन तथा राजनैतिक-शक्तियों का अभ्यय वे सरकार और अपने मंत्रियों की सलाह और विनिर्देशों पर ही करते हैं। परंपरानुसार शासक, ब्रिटेन के सशस्त्र बाल के अधिपति होते हैं। हालाँकि, संप्रभु के समस्त कार्य-अधिकारों का अभ्यय शासक के राज-परमाधिकार द्वारा होता है। वर्ष १००० के आसपास, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के राज्यों में कई छोटे प्रारंभिक मध्ययुगीन राज्य विकसित हुए थे। इस क्षेत्र में आंग्ल-सैक्सन लोगों का वर्चस्व इंग्लैंड पर नॉर्मन विजय के दौरान १०६६ में समाप्त हो गया, जब अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा हैरल्ड द्वितीय की मृतु हो गयी थी और अंग्रेज़ी सत्ता विजई सेना के नेता, विलियम द कॉंकरर और उनके वंशजों के हाथों में चली गयी। १३वीं सदी में इंग्लैंड ने वेल्स की रियासत को अवशोषित किया तथा मैग्ना कार्टा द्वारा संप्रभु के क्रमिक निःशक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। १६०३ में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स चतुर्थ, अंग्रेजी सिंहासन पर जेम्स प्रथम के नाम से विराजमान होकर जो दोनों राज्यों को एक व्यक्तिगत संघ की स्थिति में ला खड़ा किया। १६४९ से १६६० के लिए अंग्रेज़ी राष्ट्रमंडल के नाम से एक क्षणिक गणतांत्रिक काल चला, जो तीन राज्यों के युद्ध के बाद अस्तिव में आया, परंतु १६६० के बाद राजशाही को पुनर्स्थापित कर दिया गया। १७०७ में परवर्तित एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, जो आज भी परवर्तित है, कॅथॉलिक व्यक्तियों तथा कैथोलिक व्यक्ति संग विवाहित व्यक्तियों को अंग्रज़ी राजसत्ता पर काबिज़ होने से निष्कर्षित करता है। १७०७ में अंग्रेज़ी और स्कॉटियाई राजशाहियों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन राजशही की साथपना हुई और इसी के साथ अंग्रज़ी और स्कोटिश मुकुटों का भी विलय हो गया और संयुक्त "ब्रिटिश एकराट्तंत्र" स्थापित हुई। आयरिश राजशही ने १८०१ में ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ जुड़ कर ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना की। ब्रिटिश एकराट्, विशाल ब्रिटिश साम्राज्य के नाममात्र प्रमुख थे, जो १९२१ में अपने वृहत्तम् विस्तार के समय विष के चौथाई भू-भाग पर राज करता था। १९२२ में आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, संघ से बहार निकल गया। बॅल्फोर घोषणा, १९२६ ने ब्रिटिश डोमिनिओनों के औपनिवेशिक पद से राष्ट्रमंडल के भीतर ही विभक्त, स्वशासित, सार्वभौमिक देशों के रूप में परिवर्तन को मान्य करार दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य सिमटता गया, और ब्रिटिश साम्राज्य के अधिकतर पूर्व उपनिवेश व प्रदेश स्वतंत्र हो गए। जो पूर्व उपनिवेश, ब्रिटिश शासक को अपना शासक मानते है, उन देशों को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल प्रमंडल या राष्ट्रमण्डल प्रदेश कहा जाता है। इन अनेक राष्ट्रों के चिन्हात्मक समानांतर प्रमुख होने के नाते, ब्रिटिश एकराट् स्वयं को राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के ख़िताब से भी नवाज़ते हैं। हालांकि की शासक को ब्रिटिश शासक के नाम से ही संबोधित किया जाता है, परंतु सैद्धान्तिक तौर पर सारे राष्ट्रों का संप्रभु पर सामान अधिकार है, तथा राष्ट्रमण्डल के तमाम देश एक-दुसरे से पूर्णतः स्वतंत्र और स्वायत्त हैं। .

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ब्रिटिश राजपरिवार

ब्रिटिश राजपरिवार, ब्रिटिश संप्रभु के परिवार के सबसे करीबी सदस्यों के समूह को कहाजाता है। हालाँकि, ब्रिटेन में ऐसा कोई दृढ़ नियम या विधान नहीं है, जो यह सुनियोजित करता हो की किन व्यक्तियों को इस विशेष समूह में रखा जाए, नाही कोई ऐसा विधान है जो राजपरिवार को विस्तृत रूप से परिभाषित करता हो। बहरहाल, आम तौर पर उन व्यक्तियों को जिनपर हिज़/हर मैजेस्टी(HM) या हिज़/हर रॉयल हाइनेस(HRH) का संबोधन रखते हैं, को आम तौर पर राजपरिवार का सदस्य माना जाता है। इस मापदंड के आधार पर राज परिवार में, अधिराट्, उनके/उनकी सहचारी, पूर्व संप्रभु(ओं) की विधवा(एँ)/विधुरगण, वेल्स के राजकुमार के ज्येष्ठताम् पुत्र के संतान, तथा पूर्व शासक(ओं) के पुत्रों की धर्मपत्नियाँ या उनकी विधवाएँ और उनके पुरुष-रेखा के पौत्र शामिल होंगे। विभिन्न राष्ट्रमण्डल प्रदेशों के सन्दर्भ में, इसी(या इस के सामान) विशेष समूह के लिए भिन्न शब्दावली का उपयोग भी किया जा सकता है, उदाहरण के तौर पर, ऑस्ट्रेलिया में इस समूह को ऑस्ट्रेलियाई राजपरिवार कहा जाता है। राजपरिवार के कई सदस्यों के नाम पर आधिकारिक निवास भी आवंटित किये जाते है, जो इनका आधिकारिक निवास होता है, तथा, कई सादस्यों को निजी अधिकारिणी भी प्रदान की जाती है। राजपरिवार के निजी स्टाफ के वेतन का भुगतान, महारानी के कोष से किया जाता है। राजपरिवार के अधिकांश सदस्य किसी-न-किसी प्रकार से, विंडसॉर घराने से संबंध रखते हैं। राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य, आम तौर पर, कुलनाम नहीं रकजते हैं। .

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भारत के महाराज्यपाल

भारत के महाराज्यपाल या गवर्नर-जनरल (१८५८-१९४७ तक वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल अर्थात राजप्रतिनिधि एवं महाराज्यपाल) भारत में ब्रिटिश राज का अध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता उपरांत भारत में, ब्रिटिश सम्प्रभु का प्रतिनिधि होता था। इनका कार्यालय सन 1773 में बनाया गया था, जिसे फोर्ट विलियम की प्रेसीडेंसी का गवर्नर-जनरल के अधीन रखा गया था। इस कार्यालय का फोर्ट विलियम पर सीधा नियंत्रण था, एवं अन्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों का पर्यवेक्षण करता था। सम्पूर्ण ब्रिटिश भारत पर पूर्ण अधिकार 1833 में दिये गये और तब से यह भारत के गवर्नर-जनरल बन गये। १८५८ में भारत ब्रिटिश शासन की अधीन आ गया था। गवर्नर-जनरल की उपाधि उसके भारतीय ब्रिटिश प्रांत (पंजाब, बंगाल, बंबई, मद्रास, संयुक्त प्रांत, इत्यादि) और ब्रिटिष भारत, शब्द स्वतंत्रता पूर्व काल के अविभाजित भारत के इन्हीं ब्रिटिश नियंत्रण के प्रांतों के लिये प्रयोग होता है। वैसे अधिकांश ब्रिटिश भारत, ब्रिटिश सरकार द्वारा सीधे शासित ना होकर, उसके अधीन रहे शासकों द्वारा ही शासित होता था। भारत में सामंतों और रजवाड़ों को गवर्नर-जनरल के ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि होने की भूमिका को दर्शित करने हेतु, सन १८५८ से वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल ऑफ इंडिया (जिसे लघुरूप में वाइसरॉय कहा जाता था) प्रयोग हुई। वाइसरॊय उपाधि १९४७ में स्वतंत्रता उपरांत लुप्त हो गयी, लेकिन गवर्नर-जनरल का कार्यालय सन १९५० में, भारतीय गणतंत्रता तक अस्तित्व में रहा। १८५८ तक, गवर्नर-जनरल को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशकों द्वारा चयनित किया जाता था और वह उन्हीं को जवाबदेह होता था। बाद में वह महाराजा द्वारा ब्रिटिश सरकार, भारत राज्य सचिव, ब्रिटिश कैबिनेट; इन सभी की राय से चयन होने लगा। १९४७ के बाद, सम्राट ने उसकी नियुक्ति जारी रखी, लेकिन भारतीय मंत्रियों की राय से, ना कि ब्रिटिश मंत्रियों की सलाह से। गवर्नर-जनरल पांच वर्ष के कार्यकाल के लिये होता था। उसे पहले भी हटाया जा सकता था। इस काल के पूर्ण होने पर, एक अस्थायी गवर्नर-जनरल बनाया जाता था। जब तक कि नया गवर्नर-जनरल पदभार ग्रहण ना कर ले। अस्थायी गवर्नर-जनरल को प्रायः प्रान्तीय गवर्नरों में से चुना जाता था। .

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि

राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि या राष्ट्रमण्डल प्रदेश, जिन्हें अंग्रेज़ी में कॉमनवेल्थ रॆयल्म कहा जाता है, राष्ट्रों के राष्ट्रमण्डल के उन १६ सार्वभौमिक राष्ट्रों को कहा जाता है, जिनपर एक ही शासक, महारानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ का राज है। ये सारे देश एक ही राजसत्ता, शासक, राजपरिवार और उत्तराधिकार क्रम को साँझा करते हैं। इस व्यवस्था की शुरुआत १९३१ की वेस्टमिंस्टर की संविधि के साथ हुई थी, जिसके द्वारा ब्रिटेन के तत्कालीन डोमीनियन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूज़ीलैण्ड, आयरिश मुक्त राज्य और न्यूफाउण्डलैण्ड को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के बराबर के सदस्य होने के साथ ही पूर्ण या पूर्णात्मत वैधिक स्वतंत्रता प्रदान की गयी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से, विश्व भर में विस्तृत, ब्रिटिश साम्राज्य के तमाम देशों को एक डोमिनियन के रूप में स्वाधीनता प्रदान कर दी गयी। जिनमे से कुछ राज्यों ने पूर्णतः स्वाधीन होने के बावजूद राजतंत्र के प्रति अपनी वफ़ादारी को बरक़रार रखा, जबकि कुछ राज्यों ने ब्रिटिश राजतंत्र को नाममात्र प्रमुख मानने से इनकार कर स्वयं को गणतांत्रिक राज्य घोषित कर दिया। आज, विश्व बाहर में कुल १६ ऐसे राज्य हैं जो स्वयं को महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के एक प्रजाभूमि के रूप में पहचान करव्वते हैं। .

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राष्ट्रमण्डल के प्रमुख

राष्ट्रमण्डल के प्रमुख, का पद, ५३ राष्ट्रों के राष्ट्रमण्डल का एक औपचारिक अध्यक्षात्मक पद है। राष्ट्रमण्डल या राष्ट्रकुल, ५३ मुख्यतः राष्ट्रों का एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो पूर्वतः संयुक्त राजशाही के उपनिवेश या परिराज्य हुआ करते थे। यह पद केवल एक रितिस्पद पद है, जिसके पदाधिकारी का इस संगठन के दैनिक कार्यों में किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं है। इस पद के कार्यकाल की कोई समय-सीमा नहीं है, और परंपरागत रूप से इस पद व उत्पाद को ब्रिटिश संप्रभु पर निहित किया गया है। ब्रिटिश संप्रभु को पूर्वतः, राष्ट्रमण्डल के सारे देशों के शासक होने का दर्जा प्राप्त था, परंतु भारत की स्वतंत्रता के बाद, भारत ने स्वयं को एक गणराज्य घोषित कर दिया, और भारत के सम्राट के पद को खत्म कर दिया गया। बहरहाल, भारत ने राष्ट्रमण्डल का एक सदस्य रहना स्वीकार किया। इसके पश्चात, राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के इस पद को एक गैर-राजतांत्रिक, औपचारिक अध्यक्षात्मक उपदि के रूप में स्थापित किया गया था। कथित तौर पर, राष्ट्रमण्डल के प्रमुख को, "स्वतंत्र सदस्य राष्ट्रों की मुक्त सहचार्यता का प्रतीक" माना गया है। .

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राष्ट्रकुल

रष्ट्रमण्डल देशों का मानचित्र राष्ट्रकुल, या राष्ट्रमण्डल देश (अंग्रेज़ी:कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस) (पूर्व नाम ब्रितानी राष्ट्रमण्डल), ५३ स्वतंत्र राज्यों का एक संघ है जिसमे सारे राज्य अंग्रेजी राज्य का हिस्सा थे (मोज़ाम्बीक और स्वयं संयुक्त राजशाही को छोड़ कर)। इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है। इसका मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र, साक्षरता, मानवाधिकार, बेहतर प्रशासन, मुक्त व्यापार और विश्व शांति को बढ़ावा देना है। इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय प्रत्येक चार वर्ष में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों और बैठक में भाग लेती हैं। इसकी स्थापना १९३१ में हुई थी, लेकिन इसका आधुनिक स्वरूप १९४७ में भारत और पाकिस्तान के स्वतंत्र होने के बाद निश्चित हुआ। राष्ट्रमंडल या राष्ट्रकुल देशों का कोई संविधान या चार्टर नहीं है। इसके प्रमुखों की प्रत्येक दो वर्ष में एक बार बैठक होती है। भारत सहित एंटीगुआ, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्रुनेई, कनाडा, साइप्रस, घाना आदि इसके सदस्य हैं। जिम्बाब्वे को २००२ में राष्ट्रकुल की सदस्यता से हटाया गया था और २००३ में यह प्रतिबंध अनिश्चित काल तक बढ़ाया गया था। राष्ट्रकुल समूह के देशों की कुल जनसंख्या १.९ अरब है, जो विश्व की जनसंख्या की एक-तिहाई भाग है। फिजी को कॉमनवेल्थ समूह से २०००-०१ में प्रतिबंधित किया गया था, उसके बाद पुन: उस पर २००६ में प्रतिबंध लगा। नाइजीरिया को १९९५ से १९९९ तक प्रतिबंधित किया गया। पाकिस्तान पर १९९९ में प्रतिबंध लगा था। लंदन घोषणा के तहत ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय राष्ट्रमंडल देशों के समूह की प्रमुख होती हैं। राष्ट्रमंडल सचिवालय की स्थापना १९६५ में हुई थी। इसके महासचिव मुख्य कार्यकारी के तौर पर काम करते हैं। वर्तमान में कमलेश शर्मा इसके महासचिव हैं। उनका चयन नवंबर, २००७ को हुआ। इसके पहले महासचिव कनाडा के आर्नल्ड स्मिथ थे। .

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वेस्टमिंस्टर की संविधि, १९३१

वेस्टमिंस्टर की संविधि, वर्ष १९३१ में यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा पारित एक संसदीय अधिनियम है, जिसके भिन्न संस्करण आज भी कैनडा और ऑस्ट्रेलिया में दोनों देशों में विधान के रूप में स्थापित हैं, इसे न्यूज़ीलैण्ड तथा अन्य पूर्व राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों में पूर्ववत कर दिया गया है। इसे ब्रिटिश संसद में ११ दिसंबर १९३१ में पारित किया गया था, और तत्कालीन ब्रिटिश डोमिनियनों में स्वीकृति के बाद तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य के सरे डोमिनियनों में स्वराज स्थापित कर दिया। अतः इसके पारित होने से ब्रिटिश साम्राज्य के सारे डोमिनियन, स्वाशासित, संप्रभु देश बन गए, साथ ही, मौलिक स्वायत्तता के अलावा, एक ही राजतंत्र को सांझ करने के कारण, यह सरे देश, राजकीय उपादियों और सिंघासन के उत्तराधिकार क्रम में परिवर्तन हेतु एक-दुसरे की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए, इस संविधि द्वारा बाध्य भी है। अतः, इस विधान ने तमाम डोमिनियनों को बराबर का पद दिया, और बॅल्फोर घोषणा, १९२६ में तमाम राष्ट्रमण्डल प्रदेशों की बराबरी के साथ, एक ही राजसत्ता के प्रति वफ़ादारी रखने की घोषणा को वास्तविक रूप दिया, जिसके कारण सारे डोमिनियन स्वशासित, सार्वभौमिक देश बन गए। वर्त्तमान समय में इसकी सार्थकता इस बात से है, की इसने सारे राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों और उनके साँझा राजतंत्र के बीच के सतत संबंध को बरक़रार रखने की नीव राखी थी। .

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इंग्लैंड का गिरिजाघर

चर्च ऑफ इंग्लैंड (Church of England) इंग्लैंड में आधिकारिक तौर पर स्थापित ईसाई चर्च है और विश्वव्यापी ऐग्लिकन कॉमयूनियन का मातृ चर्च है। चर्च स्वयं को पश्चिमी ईसाइयत की परंपरा के अंतर्गत समझता है और अपनी औपचारिक स्थापना सेंट ऍगस्टीन ऑफ कैंटरबरी द्वारा 597 ई. में इंग्लैंड के मिशन के समय से बताता है। .

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कनाडा

कोई विवरण नहीं।

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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कैनेडियाइ राजतंत्र और राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि के बीच तुलना

कैनेडियाइ राजतंत्र 21 संबंध है और राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि 93 है। वे आम 13 में है, समानता सूचकांक 11.40% है = 13 / (21 + 93)।

संदर्भ

यह लेख कैनेडियाइ राजतंत्र और राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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