केन्द्रीय हिन्दी समिति और भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी
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केन्द्रीय हिन्दी समिति और भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी के बीच अंतर
केन्द्रीय हिन्दी समिति vs. भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी
केन्द्रीय हिन्दी समिति वह शीर्षस्थ समिति है, जो नीति निर्धारण में बड़े स्तर पर मार्गदर्शन उपलब्ध कराती है और राजभाषा नीति को लागू करने के लिए अंतर्मन्त्रालयीय और अंतर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित करते हुए नीतिगत विषय से संबंधित निर्णयों के कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण करती है। भारत के गृह मंत्री इस समिति के उपाध्यक्ष हैं और गृह राज्य मंत्री इसके सदस्य हैं। इस समिति में कुल 41 सदस्य हैं, जिनमें छह मंत्रालयों- विदेश मंत्रालय, मानव संसाधन मंत्रालय, संचार और सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, सूचना प्रसारण मंत्रालय तथा कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन विभाग के मंत्री शामिल हैं। स्थापित व्यवस्था के अनुसार इस समिति में राज्यों का प्रतिनिधित्व छह राज्यों जैसे देश के तीन भाषीय क्षेत्रों नामत: क, ख, व, एवं प्रति क्षेत्र से दो मुख्य मंत्रियों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में छह राज्यों असम, बिहार, केरल, ओडि़शा, पंजाब और राजस्थान के मुख्यमंत्री शामिल हैं। संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष और इसकी तीनों उप-समितियों के संयोजक कुल मिलाकर चार व्यक्ति इस समिति के पदेन सदस्य हैं। इनके अतिरिक्त देश भर से 21 प्रख्यात विद्यवान और साहित्यकार, और केन्द्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के सचिव भी इसके सदस्य हैं। . हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में १४ सितम्बर सन् १९४९ को स्वीकार किया गया। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद ३४३ से ३५१ तक राजभाषा के साम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये १४ सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। धारा ३४३(१) के अनुसार भारतीय संघ की राजभाषा हिन्दी एवं लिपि देवनागरी है। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिये प्रयुक्त अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप (अर्थात 1, 2, 3 आदि) है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। संसद का कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। परन्तु राज्यसभा के सभापति महोदय या लोकसभा के अध्यक्ष महोदय विशेष परिस्थिति में सदन के किसी सदस्य को अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकते हैं। किन प्रयोजनों के लिए केवल हिंदी का प्रयोग किया जाना है, किन के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है और किन कार्यों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाना है, यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अंतर्गत समय समय पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निदेशों द्वारा निर्धारित किया गया है। .
केन्द्रीय हिन्दी समिति और भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी के बीच समानता
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