कृमिरोग और बद्धान्त्र
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कृमिरोग और बद्धान्त्र के बीच अंतर
कृमिरोग vs. बद्धान्त्र
कृमिरोग मनुष्य अथवा अन्य जानवरों के उदर में अथवा पेट में केंचुए जिसे कृमि भी कहते है से उत्पन्न रोग है। सामान्य हिन्दीभाषी लोग पेट में कीड़ी भी बोलते हैं। यह रोग मुख्यतः गंदगी से फैलता है गन्दी मृदा के संपर्क मे आने से भी यह रोग फैलता है। . पेट के एक्स-रे में बद्धान्त्र स्पष्ट दिखायी पड़ रहा है। अन्नमार्ग लगभग 25 फुट लंबी एक नली है जिसका कार्य खाद्यपदार्थ को इकट्ठा करना, पचाना, सूक्ष्म रूपों में विभाजित कर रक्त तक पहुँचा देना एवं निरर्थक अंश को निष्कासित करना है। बद्धांत्र (Intestinal obstructions) वह दशा है जब किसी कारणवश आंत्रमार्ग में रुकावट आ जाती है। इससे उदर शूल, वमन तथा कब्ज आदि लक्षण प्रकट होते हैं। उचित चिकित्सा के अभाव में यह रोग घातक सिद्ध हो सकता है। .
कृमिरोग और बद्धान्त्र के बीच समानता
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कृमिरोग और बद्धान्त्र के बीच तुलना
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संदर्भ
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