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कुरुष देबू

सूची कुरुष देबू

'शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी' के रिलीज समारोह में '''कुरुष देबू'''कुरुष देबू एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता हैं। उन्होंने सर्वप्रथम शाहरुख खान के चरित्र दोस्त का अभिनय कभी हाँ कभी ना में अभिनय करते नजर आये। उन्होंने मुन्ना भाई एम बी बी एस में डॉ॰ रुस्तम पारवी का प्रसिद्ध अभिनय किया। .

9 संबंधों: टैक्सी नम्बर ९२११, झंकार बीट्स (2003 फ़िल्म), भारतीय, मुन्ना भाई एम बी बी एस, लगे रहो मुन्ना भाई, शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी, हिन्दी सिनेमा, कभी हाँ कभी ना (फ़िल्म), कसूर (2001 फ़िल्म)

टैक्सी नम्बर ९२११

टैक्सी नम्बर ९२११ 2006 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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झंकार बीट्स (2003 फ़िल्म)

झंकार बीट्स 2003 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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भारतीय

भारत देश के निवासियों को भारतीय कहा जाता है। भारत को हिन्दुस्तान नाम से भी पुकारा जाता है और इसीलिये भारतीयों को हिन्दुस्तानी भी कहतें है।.

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मुन्ना भाई एम बी बी एस

मुन्ना भाई एम बी बी एस (अंग्रेजी: Munna Bhai MBBS) २००३ में बनी हिन्दी भाषा की संगीतमय हास्य फिल्म है। .

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लगे रहो मुन्ना भाई

लगे रहो मुन्ना भाई 2006 में बनी हिन्दी फिल्म है। यह 2003 में बनी हिंदी फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस का दूसरा भाग है। इस फिल्म के निर्माता विधु विनोद चोपड़ा है, मुख्य कलाकार है - संजय दत्त, अरशद वारसी, विद्या बालन, दिया मिर्ज़ा और बोमन ईरानी। दूसरा भाग होने के उपरांत भी लगे रहो...

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शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी

शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी 2012 की बेला भंसाली सहगल द्वार निर्देशित और फराह खान, बोमन ईरानी, शम्मी, कुरुष देबू और डेजी ईरानी द्वारा अभिनीत बॉलीवुड हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म है। .

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हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दी भाषा में फ़िल्म बनाने का उद्योग है। बॉलीवुड नाम अंग्रेज़ी सिनेमा उद्योग हॉलिवुड के तर्ज़ पर रखा गया है। हिन्दी फ़िल्म उद्योग मुख्यतः मुम्बई शहर में बसा है। ये फ़िल्में हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों की धड़कन हैं। हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं। इन फ़िल्मों में हिन्दी की "हिन्दुस्तानी" शैली का चलन है। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बईया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों में उपयुक्त होते हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं।भारत में सबसे बड़ी फिल्म निर्माताओं में से एक, शुद्ध बॉक्स ऑफिस राजस्व का 43% का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि तमिल और तेलुगू सिनेमा 36% का प्रतिनिधित्व करते हैं,क्षेत्रीय सिनेमा के बाकी 2014 के रूप में 21% का गठन है। बॉलीवुड भी दुनिया में फिल्म निर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। बॉलीवुड कार्यरत लोगों की संख्या और निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म उद्योगों में से एक है।Matusitz, जे, और पायानो, पी के अनुसार, वर्ष 2011 में 3.5 अरब से अधिक टिकट ग्लोब जो तुलना में हॉलीवुड 900,000 से अधिक टिकट है भर में बेच दिया गया था। बॉलीवुड 1969 में भारतीय सिनेमा में निर्मित फिल्मों की कुल के बाहर 2014 में 252 फिल्मों का निर्माण। .

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कभी हाँ कभी ना (फ़िल्म)

कभी हाँ कभी ना 1994 की कुंदन शाह द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की हास्य फिल्म है। शाहरुख खान, सुचित्रा कृष्णमूर्ति और दीपक तिजोरी मुख्य अभिनेता हैं। इसे व्यापक रूप से शाहरुख खान के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक माना जाता है। शाहरुख खान ने अपने बैनर रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के तहत फिल्म के अधिकार खरीदे हैं। .

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कसूर (2001 फ़िल्म)

कसूर 2001 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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