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काम्पिल्य और गौतम बुद्ध

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

काम्पिल्य और गौतम बुद्ध के बीच अंतर

काम्पिल्य vs. गौतम बुद्ध

काम्पिल्य एक पौराणिक नगर है जो महाभारत के समय पंचाल जनपद की राजधानी थी जिसके राजा द्रुपद थे। इसके नाम का सर्वप्रथम उल्लेख यजुर्वेद की तैत्तरीय संहिता में 'कंपिला' रूप में मिलता है। बहुत संभव है, पुराणों में वर्णित पंचाल नरेश भृम्यश्व के पुत्र कपिल या कांपिल्य के नाम पर ही इस नगरी का नामकरण हुआ हो। महाभारत काल से पहले पंचाल जनपद गंगा के दोनों ओर विस्तृत था। उत्तर-पंचाल की राजधानी अहिच्छत्र और दक्षिण पंचाल की कांपिल्य थी। दक्षिण पंचाल के सर्वप्रथम राजा अजमीढ़ का पुराणों में उल्लेख है। इसी वंश में प्रसिद्ध राजा नीप और ब्रह्मदत्त हुए थे। महाभारत के समय द्रोणाचार्य ने पंचाल नरेश द्रुपद को पराजित कर उससे उत्तर-पंचाल का प्रदेश छीन लिया था। इस प्रसंग के वर्णन में महाभारत में कांपिल्य को दक्षिण पंचाल की राजधानी बताया गया है। उस समय दक्षिण पंचाल का विस्तार गंगा के दक्षिण तट से चंबल नदी तक था। ब्रह्मदत्त जातक में भी दक्षिण पंचाल का नाम कंपिलरट्ठ या कांपिल्य राष्ट्र है। बौद्ध साहित्य में कांपिल्य का बुद्ध के जीवनचरित के संबंध में वर्णन मिलता है। किंवदंति के अनुसार इसी स्थान पर बुद्ध ने कुछ आश्चर्यजनक कार्य किए थे, जैसे स्वर्ग में जाकर अपनी माता को उपदेश देने के पश्चात् वह इसी स्थान पर उतरे थे। चीनी यात्री युवान च्वांग ने भी सातवीं सदी ई. में इस नगर को अपनी यात्रा के प्रसंग में देखा था। वर्तमान कंपिला में एक अति प्राचीन ढूह आज भी राजा द्रुपद का कोट कहलाता है एवं बूढ़ी गंगा के तट पर द्रौपदीकुंड है जिससे, महाभारत की कथा के अनुसार, द्रौपदी और धृष्टद्युम्न का जन्म हुआ था। कुंड से बड़े परिमाण की, संभवत: मौर्यकालीन, ईंटें निकली हैं। कंपिला के मंदिरों से अनेक प्राचीन मूर्तियाँ प्राप्त हुई हैं। कंपिला बौद्धधर्म के समान जैनधर्म का भी कुछ दिनों तक केंद्र रह चुकी है, जैसा यहाँ से प्राप्त तीर्थंकरों की अनेक प्रतिमाओं तथा जैन अभिलेखों से सूचित होता है। कांपिल्य के 'कंपिलनगर', 'कंपिल्लनगर' और 'कंपिला' नाम साहित्य में उपलब्ध हैं। इसका अपभ्रंश रूप कांपिल भी मिलता है। कांपिल्य नगरी प्राचीन काल में काशी, उज्जयिनी आदि की भाँति ही प्रसिद्ध थी और प्राचीन साहित्य में इसे अनेक कथाओं की घटनास्थली बनाया गया है, जैसे महाभारत, शांतिपर्व (१३९, २) में राजा ब्रह्मदत्त और पूजनी चिड़िया की कथा को कांपिल्य में ही घटित कहा गया है। प्राचीन किंवदंती के अनुसार प्रसिद्ध भारतीय ज्योतिषाचार्य बराहमिहिर का जन्म कांपिल्य में ही हुआ था। . गौतम बुद्ध (जन्म 563 ईसा पूर्व – निर्वाण 483 ईसा पूर्व) एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थी जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश एवं सत्य दिव्य ज्ञान खोज में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए। .

काम्पिल्य और गौतम बुद्ध के बीच समानता

काम्पिल्य और गौतम बुद्ध आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पुराण, बौद्ध धर्म, गौतम बुद्ध

पुराण

पुराण, हिंदुओं के धर्म संबंधी आख्यान ग्रंथ हैं। जिनमें सृष्टि, लय, प्राचीन ऋषियों, मुनियों और राजाओं के वृत्तात आदि हैं। ये वैदिक काल के बहुत्का बाद के ग्रन्थ हैं, जो स्मृति विभाग में आते हैं। भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रन्थों का महत्वपूर्ण स्थान है उनमें पुराण भक्ति-ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। अठारह पुराणों में अलग-अलग देवी-देवताओं को केन्द्र मानकर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएँ कही गई हैं। कुछ पुराणों में सृष्टि के आरम्भ से अन्त तक का विवरण किया गया है। 'पुराण' का शाब्दिक अर्थ है, 'प्राचीन' या 'पुराना'।Merriam-Webster's Encyclopedia of Literature (1995 Edition), Article on Puranas,, page 915 पुराणों की रचना मुख्यतः संस्कृत में हुई है किन्तु कुछ पुराण क्षेत्रीय भाषाओं में भी रचे गए हैं।Gregory Bailey (2003), The Study of Hinduism (Editor: Arvind Sharma), The University of South Carolina Press,, page 139 हिन्दू और जैन दोनों ही धर्मों के वाङ्मय में पुराण मिलते हैं। John Cort (1993), Purana Perennis: Reciprocity and Transformation in Hindu and Jaina Texts (Editor: Wendy Doniger), State University of New York Press,, pages 185-204 पुराणों में वर्णित विषयों की कोई सीमा नहीं है। इसमें ब्रह्माण्डविद्या, देवी-देवताओं, राजाओं, नायकों, ऋषि-मुनियों की वंशावली, लोककथाएं, तीर्थयात्रा, मन्दिर, चिकित्सा, खगोल शास्त्र, व्याकरण, खनिज विज्ञान, हास्य, प्रेमकथाओं के साथ-साथ धर्मशास्त्र और दर्शन का भी वर्णन है। विभिन्न पुराणों की विषय-वस्तु में बहुत अधिक असमानता है। इतना ही नहीं, एक ही पुराण के कई-कई पाण्डुलिपियाँ प्राप्त हुई हैं जो परस्पर भिन्न-भिन्न हैं। हिन्दू पुराणों के रचनाकार अज्ञात हैं और ऐसा लगता है कि कई रचनाकारों ने कई शताब्दियों में इनकी रचना की है। इसके विपरीत जैन पुराण जैन पुराणों का रचनाकाल और रचनाकारों के नाम बताए जा सकते हैं। कर्मकांड (वेद) से ज्ञान (उपनिषद्) की ओर आते हुए भारतीय मानस में पुराणों के माध्यम से भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित हुई है। विकास की इसी प्रक्रिया में बहुदेववाद और निर्गुण ब्रह्म की स्वरूपात्मक व्याख्या से धीरे-धीरे मानस अवतारवाद या सगुण भक्ति की ओर प्रेरित हुआ। पुराणों में वैदिक काल से चले आते हुए सृष्टि आदि संबंधी विचारों, प्राचीन राजाओं और ऋषियों के परंपरागत वृत्तांतों तथा कहानियों आदि के संग्रह के साथ साथ कल्पित कथाओं की विचित्रता और रोचक वर्णनों द्वारा सांप्रदायिक या साधारण उपदेश भी मिलते हैं। पुराण उस प्रकार प्रमाण ग्रंथ नहीं हैं जिस प्रकार श्रुति, स्मृति आदि हैं। पुराणों में विष्णु, वायु, मत्स्य और भागवत में ऐतिहासिक वृत्त— राजाओं की वंशावली आदि के रूप में बहुत कुछ मिलते हैं। ये वंशावलियाँ यद्यपि बहुत संक्षिप्त हैं और इनमें परस्पर कहीं कहीं विरोध भी हैं पर हैं बडे़ काम की। पुराणों की ओर ऐतिहासिकों ने इधर विशेष रूप से ध्यान दिया है और वे इन वंशावलियों की छानबीन में लगे हैं। .

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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गौतम बुद्ध

गौतम बुद्ध (जन्म 563 ईसा पूर्व – निर्वाण 483 ईसा पूर्व) एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थी जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश एवं सत्य दिव्य ज्ञान खोज में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

काम्पिल्य और गौतम बुद्ध के बीच तुलना

काम्पिल्य 22 संबंध है और गौतम बुद्ध 41 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 4.76% है = 3 / (22 + 41)।

संदर्भ

यह लेख काम्पिल्य और गौतम बुद्ध के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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