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क़यामत से क़यामत तक और रीमा लागू

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

क़यामत से क़यामत तक और रीमा लागू के बीच अंतर

क़यामत से क़यामत तक vs. रीमा लागू

कयामत से कयामत तक सन् 1988 की हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन मंसूर खान ने किया है और निर्माण उनके पिता नासिर हुसैन ने किया है। इसमें नासिर के भतीजे और मंसूर के चचेरे भाई आमिर खान और जूही चावला मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म आलोचनात्मक प्रशंसा के साथ जारी हुई थी और यह एक बड़ी व्यावसायिक सफलता भी थी। इसने आमिर और जूही को बेहद लोकप्रिय सितारों में बदल दिया था। इसकी कहानी आधुनिक रूप में रची गई दुखद रूमानी कहानियों लैला और मजनू, हीर राँझा और रोमियो और जूलियट पर आधारित है। क़यामत से क़यामत तक हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर थी। 1990 के दशक में हिंदी सिनेमा को परिभाषित करने वाली संगीतमय रोमांस फिल्मों की रूपरेखा इसी को माना जाता है। आनंद-मिलिंद द्वारा रचित, फिल्म का साउंडट्रैक समान रूप से सफल और लोकप्रिय था। इसने सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निदेशक सहित ग्यारह नामांकनों से आठ फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। . रीमा लागू (21 जून 1958 – 18 मई 2017) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री थीं। इन्हें हिन्दी और मराठी सिनेमा में सहायक और माँ के कई किरदार निभाने के कारण जाना जाता है। यह लगभग चार दशक से मराठी मंच पर कार्य कर रही थीं। इन्होंने मराठी धारावाहिक "तुजा मजा जामेना" में मुख्य किरदार निभाया था, इसके अलावा हिन्दी धारावाहिक "श्रीमान श्रीमती" और "तू तू मैं मैं" में भी महत्वपूर्ण किरदार निभा चुकी हैं। इन्हें कई हिन्दी फिल्मों में माँ के किरदार निभाने के कारण जाना जाता है, जिसमें मैंने प्यार किया, आशिक़ी, साजन, हम आपके हैं कौन, रंगीला, वास्तव, कुछ कुछ होता है, कल हो ना हो और हम साथ साथ हैं आदि है। .

क़यामत से क़यामत तक और रीमा लागू के बीच समानता

क़यामत से क़यामत तक और रीमा लागू आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): जूही चावला, क़यामत से क़यामत तक

जूही चावला

रूह अफ़ज़ा लॉन्च २००८ में जूही चावला जूही चावला (जन्म: 13 नवंबर, 1967) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

क़यामत से क़यामत तक और जूही चावला · जूही चावला और रीमा लागू · और देखें »

क़यामत से क़यामत तक

कयामत से कयामत तक सन् 1988 की हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन मंसूर खान ने किया है और निर्माण उनके पिता नासिर हुसैन ने किया है। इसमें नासिर के भतीजे और मंसूर के चचेरे भाई आमिर खान और जूही चावला मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म आलोचनात्मक प्रशंसा के साथ जारी हुई थी और यह एक बड़ी व्यावसायिक सफलता भी थी। इसने आमिर और जूही को बेहद लोकप्रिय सितारों में बदल दिया था। इसकी कहानी आधुनिक रूप में रची गई दुखद रूमानी कहानियों लैला और मजनू, हीर राँझा और रोमियो और जूलियट पर आधारित है। क़यामत से क़यामत तक हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर थी। 1990 के दशक में हिंदी सिनेमा को परिभाषित करने वाली संगीतमय रोमांस फिल्मों की रूपरेखा इसी को माना जाता है। आनंद-मिलिंद द्वारा रचित, फिल्म का साउंडट्रैक समान रूप से सफल और लोकप्रिय था। इसने सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निदेशक सहित ग्यारह नामांकनों से आठ फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। .

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क़यामत से क़यामत तक और रीमा लागू के बीच तुलना

क़यामत से क़यामत तक 43 संबंध है और रीमा लागू 72 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 1.74% है = 2 / (43 + 72)।

संदर्भ

यह लेख क़यामत से क़यामत तक और रीमा लागू के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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