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कवि और पंकज झा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कवि और पंकज झा के बीच अंतर

कवि vs. पंकज झा

कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" इस लोकोक्ति को एक दोहे के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गयी है: "जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ, कवि पहुँचे तत्काल। दिन में कवि का काम क्या, निशि में करे कमाल।।" ('क्रान्त' कृत मुक्तकी से साभार) . पंकज झा भारतीय कवि एवं गायक हैं। आपने कई हिन्दी गीतों को संस्कृत में गाया है। ‘धीरे-धीरे से मेरी ज़िंदगी में आना...’ का संस्कृत वर्जन ‘शनै: शनै: मम हृदये आगच्छ' के गायक पंकज संस्कृत विषय के रिसर्च स्कॉलर हैं और उनका ताल्लुक, झारखंड के देवघर से है, यहीं उनकी आरंभिक शिक्षा-दीक्षा हुई। आगे भी आपकी योजना प्रचलित हिन्दी गानों को संस्कृत में गाने की है। .

कवि और पंकज झा के बीच समानता

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कवि और पंकज झा के बीच तुलना

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संदर्भ

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