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कल्याण थाट और राग हंसध्वनि

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कल्याण थाट और राग हंसध्वनि के बीच अंतर

कल्याण थाट vs. राग हंसध्वनि

भारतीय संगीत में सभी रागों को किसी न किसी थाट से उत्पन्न माना गया है। थाट संख्या में दस हैं। कल्याण थाट के रागों में तीव्र मध्यम का प्रयोग किया जाता है। कलयान थाट मे थाट, कल्याण. राग हंसध्वनि कनार्टक पद्धति का राग है परन्तु आजकल इसका उत्तर भारत मे भी काफी प्रचार है। इसके थाट के विषय में दो मत हैं कुछ विद्वान इसे बिलावल थाट तो कुछ कल्याण थाट जन्य भी मानते हैं। इस राग में मध्यम तथा धैवत स्वर वर्जित हैं अत: इसकी जाति औडव-औडव मानी जाती है। सभी शुद्ध स्वरों के प्रयोग के साथ ही पंचम रिषभ,रिषभ निषाद एवम षडज पंचम की स्वर संगतियाँ बार बार प्रयुक्त होती हैं। इसके निकट के रागो में राग शंकरा का नाम लिया जाता है। गायन समय रात्रि का द्वितीय प्रहर है। .

कल्याण थाट और राग हंसध्वनि के बीच समानता

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कल्याण थाट और राग हंसध्वनि के बीच तुलना

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संदर्भ

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