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कबीर और सिद्ध

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कबीर और सिद्ध के बीच अंतर

कबीर vs. सिद्ध

कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनके लेखन सिक्खों के आदि ग्रंथ में भी मिला जा सकता है। Encyclopædia Britannica (2015)Accessed: July 27, 2015 वे हिन्दू धर्म व इस्लाम के आलोचक थे। उन्होंने यज्ञोपवीत और ख़तना को बेमतलब क़रार दिया और इन जैसी धार्मिक प्रथाओं की सख़्त आलोचना की थी। उनके जीवनकाल के दौरान हिन्दू और मुसलमान दोनों ने उन्हें अपने विचार के लिए धमकी दी थी। कबीर पंथ नामक धार्मिक सम्प्रदाय इनकी शिक्षाओं के अनुयायी हैं। . सिद्ध, संस्कृत शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है जिसने सिद्धि प्राप्त कर ली हो। सिद्धि का अर्थ महान शारीरिक तथा आध्यात्मिक उपलब्धि से है या ज्ञान की प्राप्ति से है। जैन दर्शन में सिद्ध शब्द का प्रयोग उन आत्माओं के लिए किया जाता है जो संसार चक्र से मुक्त हो गयी हो। .

कबीर और सिद्ध के बीच समानता

कबीर और सिद्ध आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

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कबीर और सिद्ध के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख कबीर और सिद्ध के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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