कबीर और पीपाजी के बीच समानता
कबीर और पीपाजी आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पीपाजी, गुरु नानक।
पीपाजी
पीपाजी (१४वीं-१५वीं शताब्दी) गागरोन के शाक्त राजा एवं सन्त कवि थे। वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक थे। गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा २७ पद, १५४ साखियां, चितावणि व क-कहारा जोग ग्रंथ इनके द्वारा रचित संत साहित्य की अमूल्य निधियां हैं। .
कबीर और पीपाजी · पीपाजी और पीपाजी ·
गुरु नानक
नानक (पंजाबी:ਨਾਨਕ) (15 अप्रैल 1469 – 22 सितंबर 1539) सिखों के प्रथम (आदि गुरु) हैं। इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। लद्दाख व तिब्बत में इन्हें नानक लामा भी कहा जाता है। नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु - सभी के गुण समेटे हुए थे। .
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कबीर और पीपाजी के बीच तुलना
कबीर 32 संबंध है और पीपाजी 8 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 5.00% है = 2 / (32 + 8)।
संदर्भ
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