लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

कण त्वरक और परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कण त्वरक और परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र के बीच अंतर

कण त्वरक vs. परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र

'''इन्डस-२''': भारत (इन्दौर) का 2.5GeV सिन्क्रोट्रान विकिरण स्रोत (SRS) कण-त्वरक एसी मशीन है जिसके द्वारा आवेशित कणों की गतिज ऊर्जा बढाई जाती हैं। यह एक ऐसी युक्ति है, जो किसी आवेशित कण (जैसे इलेक्ट्रान, प्रोटान, अल्फा कण आदि) का वेग बढ़ाने (या त्वरित करने) के काम में आती हैं। वेग बढ़ाने (और इस प्रकार ऊर्जा बढाने) के लिये वैद्युत क्षेत्र का प्रयोग किया जाता है, जबकि आवेशित कणों को मोड़ने एवं फोकस करने के लिये चुम्बकीय क्षेत्र का प्रयोग किया जाता है। त्वरित किये जाने वाले आवेशित कणों के समूह या किरण-पुंज (बीम) धातु या सिरैमिक के एक पाइप से होकर गुजरती है, जिसमे निर्वात बनाकर रखना पड़ता है ताकि आवेशित कण किसी अन्य अणु से टकराकर नष्ट न हो जायें। टीवी आदि में प्रयुक्त कैथोड किरण ट्यूब (CRT) भी एक अति साधारण कण-त्वरक ही है। जबकि लार्ज हैड्रान कोलाइडर विश्व का सबसे विशाल और शक्तिशाली कण त्वरक है। कण त्वरकों का महत्व इतना है कि उन्हें 'अनुसंधान का यंत्र' (इंजन्स ऑफ डिस्कवरी) कहा जाता है। . परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र (Variable Energy Cyclotron Centre (VECC)) भारत सरकार के परमाणु उर्जा विभाग का एक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र है। यहाँ पर मूलभूत एवं अनुप्रयुक्त नाभिकीय विज्ञान में अनुसंधान होता है। यह भारत के कोलकाता नगर में स्थित है। इस केन्द्र में २२४ सेमी साइक्लोट्रॉन स्थापित है जो भारत में अपने तरह का प्रथम है। यह १९७७ से ही कार्यरत है। इससे विभिन्न उर्जा वाले प्रोटॉन, ड्यूट्रॉन, अल्फा कण एवं अन्य भारी ऑयन के किरण पुंज प्राप्त किये जाते हैं। यह केन्द्र अर्नेट (ERNET) के लिये ट्रन्जिट नोड भी है जो कि दूसरे संस्थानों से आने वाले एलेक्ट्रॉनिक मेल एवं अन्तरजाल का आवश्यक संसादन करता है। .

कण त्वरक और परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र के बीच समानता

कण त्वरक और परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र, साइक्लोट्रॉन, कोलकाता

राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र

राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र स्थित '''इण्डस-दो''' (INDUS-2) राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र (RRCAT) मध्य प्रदेश के इन्दौर के बाहरी हिस्से में सुखनिवास गांव के पास स्थित है। यह भारत सरकार के परमाणु उर्जा विभाग के अन्तरगत स्थापित एक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र है। इसकी स्थापना १९८५ में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने की थी। यहाँ पर मुख्यतः दो क्षेत्रों में कार्य होता है - कणों के त्वरक (particle accelerator) तथा लेजर (LASER)। इस समय इण्डस्-१ व इन्डस्-२ नामक दो इलेक्ट्रान त्वरक यहां काम कर रहे हैं। इनसे निकलने वाले विकिरण का नाम सिंक्रोट्रान् रेडिएशन (Synchrotron radiation) है जिसका उपयोग अनेक क्षेत्रों में होता है। इसके अतिरिक्त यहां पर औद्योगिक व मेडिकल त्वरक बनाने का कार्य भी हांथ में लिया गया है। .

कण त्वरक और राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र · परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र और राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र · और देखें »

साइक्लोट्रॉन

साइक्लोट्रॉन में आवेशित कण जैसे-जैसे त्वरित होता है, उसके गति-पथ की त्रिज्या बढ़ती जाती है। साइक्लोट्रॉन (Cyclotron) एक प्रकार का कण त्वरक है। 1932 ई. में प्रोफेसर ई. ओ. लारेंस (Prof. E.O. Lowrence) ने वर्कले इंस्टिट्यूट, कैलिफोर्निया, में सर्वप्रथम साइक्लोट्रॉन (Cyclotron) का आविष्कार किया। वर्तमान समय में तत्वांतरण (transmutation) तकनीक के लिए यह सबसे प्रबल उपकरण है। साइक्लोट्रॉन के आविष्कार के लिए प्रोफेसर लारेंस को 1939 ई. में "नोबेल पुरस्कार" प्रदान किया गया। .

कण त्वरक और साइक्लोट्रॉन · परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र और साइक्लोट्रॉन · और देखें »

कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

कण त्वरक और कोलकाता · कोलकाता और परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

कण त्वरक और परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र के बीच तुलना

कण त्वरक 46 संबंध है और परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र 7 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 5.66% है = 3 / (46 + 7)।

संदर्भ

यह लेख कण त्वरक और परिवर्ती उर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »