कंक्रीट और सुनम्य कलाएँ
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
कंक्रीट और सुनम्य कलाएँ के बीच अंतर
कंक्रीट vs. सुनम्य कलाएँ
वाणिज्यिक भवन के लिये कंक्रीट बिछायी जा रही है। कंक्रीट (Concrete) एक निर्माण सामग्री है जो सीमेंट एवं कुछ अन्य पदार्थों का मिश्रण होती है। कंक्रीट की यह विशेषता है कि यह पानी मिलाकर छोड़ देने के बाद धीरे-धीरे ठोस एवं कठोर बन जाता है। इस प्रक्रिया को जलीकरण (Hydration) कहते है। इस रासायनिक क्रिया में पानी, सिमेन्ट के साथ क्रिया करके पत्थर जैसा कठोर पदार्थ बनाती है जिसमें अन्य चीजें बंध जातीं हैं। कंक्रीट का प्रयोग सड़क बनाने, पाइप निर्माण, भवन निर्माण, नींव बनाने, पुल आदि बनाने में होता है। कंक्रीट का उपयोग 2000 ई.पू. सुनम्य कलाएँ (Plastic arts) उन कलाओं की श्रेणी है जिनमें सुन्यता (plasticity) वाले पदार्थों से कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं। इनमें मोल्डिंग (संचन) और शिल्पकला और मृतिकाशिल्प की कलाएँ शामिल हैं। सुनम्य कला में ऐसी सामग्रीयों का प्रयोग होता है जिन्हें आकार दिया जा सके, जैसे कि पत्थर, लकड़ी, कंक्रीट और धातु। हालांकि इन कलाओं का अंग्रेज़ी नाम "प्लास्टिक आर्ट्स" है, इनमें यह ज़रूरी नहीं है कि प्लास्टिक ही प्रयोग हो। .
कंक्रीट और सुनम्य कलाएँ के बीच समानता
कंक्रीट और सुनम्य कलाएँ आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): पत्थर।
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कंक्रीट और सुनम्य कलाएँ के बीच तुलना
कंक्रीट 15 संबंध है और सुनम्य कलाएँ 10 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.00% है = 1 / (15 + 10)।
संदर्भ
यह लेख कंक्रीट और सुनम्य कलाएँ के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: